तमिलनाडु में हिंदी को लेकर छिड़ा घमासान, भाजपा ने रखी 'तीन भाषा नीति' लागू करने की मांग
- अन्नामलाई ने घोषणा की कि मार्च से भाजपा पूरे राज्य में तीन महीने का हस्ताक्षर अभियान चलाएगी, जिसमें माता-पिता से भाषा शिक्षा को लेकर उनकी राय ली जाएगी।
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तमिलनाडु भाजपा अध्यक्ष के. अन्नामलाई ने डीएमके और अन्य द्रविड़ पार्टियों द्वारा सरकारी स्कूलों में तीन भाषाओं को मुफ्त में सीखने के अवसर के विरोध पर कड़ा हमला बोला है। उन्होंने कहा कि यह नीति राज्य के छात्रों को राष्ट्रीय और वैश्विक स्तर पर बेहतर भविष्य के लिए तैयार करने में मदद करेगी। अन्नामलाई ने डीएमके के लंबे समय से चले आ रहे तीन भाषा नीति के विरोध पर सवाल उठाया और कांग्रेस पर 1965 में तमिलनाडु में एक भाषा थोपने की "ऐतिहासिक गलती" करने का आरोप लगाया।
"हिंदी थोपने का कोई सवाल ही नहीं"
तमिलनाडु भाजपा अध्यक्ष ने कहा, "इंडिया गठबंधन के दल केंद्र सरकार पर हिंदी थोपने का झूठा आरोप लगाकर प्रदर्शन कर रहे हैं। प्रधानमंत्री मोदी और केंद्र सरकार ने कभी हिंदी थोपने का प्रयास नहीं किया। अगर आपको हिंदी नहीं सीखनी तो कोई और भाषा सीखिए। लेकिन छात्रों को भ्रमित करने की यह राजनीति ठीक नहीं।"
उन्होंने आगे कहा कि राज्य में निजी स्कूलों के छात्रों की संख्या सरकारी स्कूलों से अधिक हो गई है, जिससे राज्य सरकार की शिक्षा नीति की विफलता साफ झलकती है। भाजपा नेता ने तमिलनाडु में 100 केंद्रीय विद्यालय (केवी) स्थापित करने की मंशा जाहिर की और कहा, "क्या स्कूल शिक्षा मंत्री अंबिल महेश पोय्यामोझी इसके लिए भूमि आवंटित करने को तैयार होंगे?"
भाजपा का बड़ा अभियान
अन्नामलाई ने घोषणा की कि मार्च से भाजपा पूरे राज्य में तीन महीने का हस्ताक्षर अभियान चलाएगी, जिसमें माता-पिता से भाषा शिक्षा को लेकर उनकी राय ली जाएगी। उन्होंने कहा, "हम जनता की राय जुटाकर राष्ट्रपति से मिलेंगे और भाजपा के प्रतिनिधियों को इसका ज्ञापन सौंपेंगे।" इसके साथ ही उन्होंने यह भी आश्वासन दिया कि यदि तमिलनाडु के शिक्षा मंत्री किसी अन्य राज्य में तमिल शिक्षकों की मांग करते हैं, तो वे दिल्ली जाकर इसे पूरा कराने का प्रयास करेंगे।
2026 के विधानसभा चुनाव में भाजपा का एजेंडा
अन्नामलाई ने यह भी कहा कि 2026 के तमिलनाडु विधानसभा चुनाव में भाजपा तीन भाषा नीति को अपने प्रमुख एजेंडे के रूप में लेकर चुनाव लड़ेगी। उन्होंने डीएमके पर छात्रों के भविष्य से खिलवाड़ करने का आरोप लगाया और कहा कि भाजपा शिक्षा में सुधार लाने के लिए प्रतिबद्ध है।
तीन भाषा नीति पर डीएमके पर हमला
31 मई 2019 को कस्तूरीरंगन समिति ने अपनी रिपोर्ट में सुझाव दिया था कि भारत में हर नागरिक को तीन भाषाएं सीखनी चाहिए- उनकी मातृभाषा, अंग्रेजी और एक तीसरी भाषा। इस रिपोर्ट में तीसरी भाषा के रूप में हिंदी को अनिवार्य करने की सिफारिश की गई थी। हालांकि, अन्नामलाई ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (ट्विटर) पर पोस्ट कर डीएमके नेताओं पर निशाना साधते हुए कहा, "डीएमके नेताओं के बच्चे निजी स्कूलों में तीन भाषाएं सीख सकते हैं, लेकिन फिर गरीब और वंचित बच्चों को इस अवसर से वंचित क्यों किया जा रहा है?"
उन्होंने अपने पोस्ट के साथ 19.39 मिनट का एक वीडियो साझा किया, जिसमें दावा किया गया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नई शिक्षा नीति (NEP) में बदलाव कर तीसरी भाषा को वैकल्पिक बना दिया है, जबकि पहले हिंदी को अनिवार्य किया गया था। अन्नामलाई ने स्पष्ट किया कि डीएमके के सहयोगी दलों द्वारा एनईपी के विरोध में आयोजित किए जा रहे प्रदर्शनों के जवाब में भाजपा जनता को तीन भाषा नीति के फायदे बताएगी। उन्होंने विश्वास जताया कि जनता इस मुद्दे पर भाजपा के पक्ष में रहेगी।