Hindi Newsदेश न्यूज़CJI Sanjiv Khanna refuses to entertain PIL of ISKCON Deputy Chief seeking intervention in attack on Hindus Bangladesh

वो हमारा पड़ोसी है, हम दखल कैसे दें; CJI खन्ना ने क्यों ठुकरा दी इस्कॉन डिप्टी चीफ की अर्जी

पीठ की सलाह पर याचिकाकर्ता की ओर से पेश हुए वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी ने जनहित याचिका वापस ले ली। इसके बाद पीठ ने याचिका खारिज कर दी।

Pramod Praveen लाइव हिन्दुस्तान, नई दिल्लीTue, 25 Feb 2025 02:39 PM
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वो हमारा पड़ोसी है, हम दखल कैसे दें; CJI खन्ना ने क्यों ठुकरा दी इस्कॉन डिप्टी चीफ की अर्जी

देश के मुख्य न्यायाधीश (CJI) जस्टिस संजीव खन्ना की अध्यक्षता वाली पीठ ने सोमवार को लुधियाना स्थित भगवान जगन्नाथ रथ यात्रा महोत्सव समिति के अध्यक्ष और इस्कॉन मंदिर संचालन बोर्ड के उपाध्यक्ष राजेश ढांडा द्वारा दायर उस जनहित याचिका (PIL) पर सुनवाई करने से इनकार कर दिया, जिसमें बांग्लादेश में अल्पसंख्यक समुदायों पर लक्षित हिंसा से हिंदुओं की सुरक्षा की मांग की गई थी। सीजेआई संजीव खन्ना और जस्टिस संजय कुमार की पीठ ने सुनवाई शुरू होते ही विदेशी मामलों और पड़ोसी देश के आंतरिक घटनाक्रमों के मुद्दों में हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया।

लाइव लॉ की रिपोर्ट के मुताबिक, सीजेआई खन्ना ने दो टूक कहा, "यह विदेश का मामला है और यह अदालत दूसरे देश के मामलों पर टिप्पणी नहीं कर सकती है?" CJI ने कहा, "यह बहुत अजीब होगा अगर यह अदालत दूसरे देश के मामले में हस्तक्षेप करेगी।" उन्होंने फिर कहा, "हम कैसे इस मामले में दखल दे दें, वह हमारा पड़ोसी देश है, उसके मामले में हस्तक्षेप नहीं कर सकते!" इसके बाद पीठ की सलाह पर याचिकाकर्ता की ओर से पेश हुए वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी ने जनहित याचिका वापस ले ली। इसके बाद पीठ ने याचिका खारिज कर दी।

PIL में याचिकाकर्ता ने हिन्दुओं की सुरक्षा की मांग के अलावा बांग्लादेश से भागकर आए हिंदुओं के लिए नागरिकता के लिए आवेदन देने की समय सीमा बढ़ाने की भी मांग की थी। अर्जी में भारतीय विदेश मंत्रालय और गृह मंत्रालय को बांग्लादेश में स्थित उच्चायोग के माध्यम से बांग्लादेश में रह रहे हिंदू अल्पसंख्यकों को मदद देने का निर्देश देने की भी मांग की गई थी। इसके अलावा पड़ोसी देश में अल्पसंख्यकों के खिलाफ चल रहे अत्याचारों को रोकने के लिए अंतर्राष्ट्रीय कानून के अनुसार बांग्लादेश पर वैश्विक दबाव बनाने की मांग भी की गई थी।

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बता दें कि पिछले साल बांग्लादेश में शेख हसीना के पद छोड़ने के बाद अल्पसंख्यक हिंदुओं के खिलाफ कई हमले हुए हैं। इन हमलों के दौरान मंदिरों, हिन्दुओं के घरों और दुकानों को टारगेट कर नुकसान पहुंचाया गया। देश के कई हिस्सों में चोरी और हत्या की घटनाएं भी सामने आईं। प्रथम आलोक की एक रिपोर्ट के अनुसार, 5 अगस्त से 20 अगस्त 2024 तक बांग्लादेश के 49 जिलों में हिन्दुओं पर कुल 1,068 हमले हुए थे। मोहम्मद यूनुस सरकार में भी हिन्दुओं पर हमले होते रहे और दिसंबर 2024 तक यह आंकड़ा बढ़कर 2200 से ज्यादा हो गया।

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