न्याय व विकास के लिए काम नहीं तो फिर पनप जाएगा उग्रवाद : वित्त मंत्री
झारखंड के वित्त मंत्री राधाकृष्ण किशोर ने पाटन में विकास कार्यों की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि समाज के अंतिम पायदान पर जीवन यापन करने वालों को न्याय और विकास का लाभ मिलना चाहिए। वित्त मंत्री ने...

मेदिनीनगर, प्रतिनिधि। झारखंड के वित्त मंत्री राधाकृष्ण किशोर ने शुक्रवार को पाटन में प्रखंड और अंचल के कार्यों की गहन समीक्षा करते हुए कहा समाज के अंतिम पायदान पर जीवन यापन करने वाले लोगों को न्याय दिलाना और विकास का लाभ पहुंचाना सुनिश्चित करें। झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सरकार के नेतृत्व वाली राज्य सरकार इसके लिए संकल्पित है। सरकार और प्रशासन के अधिकारियों को समन्वय के साथ काम करने की जरूरत है। उग्रवाद समाप्त नहीं हुआ है वह केवल नियंत्रित है। लोगों को अगर न्याय और विकास का लाभ नहीं मिलेगा तो उग्रवाद को पनपने का पुन: मौका मिलेगा। अधिकारी इसे गहनता से समझें और समीक्षा बैठक के बाद मिमांसा करें कि जिस काम के लिए उन्हे पदस्थापित किया गया है, उस काम को वे कितना कर रहे हैं।
पाटन प्रखंड सह अंचल कार्यालय के हॉल में भूअर्जन, भूअभिलेख, परिमाण निदेशालय के विशेष सचिव भोर सिंह यादव और ग्रामीण विकास के अवर सचिव सज्जाद अममद की मौजूदगी में समीक्षा करते हुए वित्त मंत्री ने पाटन में जमीन संबंधित दस्तावेज, समस्या और उसके निदान से संबंधित अधूरा रिपोर्ट लेकर बैठक में आने और कई सवालों का संतोषजनक जवाब नहीं दिए जाने अंचलाधिकारी के प्रति नाराजगी व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि गरीबों के साथ किसी भी स्तर पर अन्याय नहीं होनी चाहिए। दरअसल, बैठक के दौरान वित्तमंत्री श्री किशोर ने सीओ से पाटन अंचल क्षेत्र के गैर मजरूआ व अन्य किस्म की भूमि से संबंधित जानकारी मांगी तो सीओ ने ऑनलाईन उपलब्ध होने की बात कही। अंचल कार्यालय में म्यूटेशन की स्थिति की जानकारी मांगने पर भी सीओ ने ऑनलाईन उपलब्ध होने की बात कही। इससे वित्त मंत्री नाराज हुए और कहा कि कि जब सारी व्यवस्था ऑनलाईन ही है तो वे घर बैठकर देख सकते हैं। फिर कार्यालय में आकर बैठक और समीक्षा की क्या जरूरत है? बैठक में वित्त मंत्री ने सीओ से उताकी में वर्ष 1995-96 में दलित समुदाय को बंदोबस्ती की गई भूमि पर आज तक दखल नहीं दिलाने के मामले में भी जानकारी ली। सीओ ने जानकारी होने से इनकार किया, बाद में संबंधित कर्मचारी ने बताया गया कि विवाद के कारण दखल नहीं दिलाया जा सका है। वित्त मंत्री ने अंचल क्षेत्र के 150 भू-स्वामियों की जमीन ऑनलाईन रजिस्टर्ड नहीं होने का कारण जानना चाहा तो सीओ की ओर से बताया गया कि आवश्यक रेकर्ड जल जाने के कारण जमीन की ऑनलाईन इंट्री नहीं हो सकी है। हालांकि यह कहा गया कि ऑनलाईन इंट्री नहीं होने के कारण सरकार को राजस्व की हानि हो रही है। हल्का आवास में राजस्व कर्मचारी का आवासन सुनिश्चित करने का भी वित्त मंत्री ने निर्देश दिया। वित्त ने प्रखंड के कार्यों की समीक्षा करते हुए बीडीओ को जरूरतमंदों को सरकारी योजनाओं का लाभ दिलाने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि जरूरतमंद की जगह सक्षम लोगों को आवास स्वीकृत करना कतई स्वीकार्य नहीं है। अगली समीक्षा से पहले इन सभी त्रुटियों को दूर करना अनिवार्य है। समीक्षा बैठक में पलामू के डीडीसी शब्बीर अहमद, अपर समाहर्ता कुंदन कुमार, एलआर डीसी प्यारे लाल, प्रमुख शोभा देवी बीडीओ, सीओ, राजस्व कर्मी, पंचायत सचिव, रोजगार सेवक, कांग्रेसी नेता अरूण कुमार सिंह, राजकमल तिवारी, सिंटू सिंह, रणधीर पाठक, लक्ष्मण दूबे आदि विशेष रूप से उपस्थित थे।
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