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बंगाल: रामनवमी की शोभायात्रा देखते ही छतों से फूल बरसाने लगे मुस्लिम, बोले- परिवार जैसे मना रहे जश्न

  • पिछले कुछ वर्षों में पूरे पश्चिम बंगाल में रामनवमी समारोह के दौरान कभी-कभी तनाव देखने को मिला है, खासकर उन क्षेत्रों में जहां सांप्रदायिक तनाव का इतिहास रहा है। हालांकि, मालदा में इस वर्ष यह उत्सव एकजुटता का मंच बन गया।

Madan Tiwari पीटीआई, मालदाSun, 6 April 2025 11:03 PM
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बंगाल: रामनवमी की शोभायात्रा देखते ही छतों से फूल बरसाने लगे मुस्लिम, बोले- परिवार जैसे मना रहे जश्न

पश्चिम बंगाल के मालदा में मुसलमानों ने रामनवमी पर श्रद्धालुओं का स्वागत मिठाई से किया और उन पर फूल बरसाए। शहर की सड़कों पर रविवार को 'जय श्री राम' के नारों की गूंज के साथ एकजुटता की भी भावना दिखी। रामनवमी पर श्रद्धालुओं ने शहर में मार्च किया, जबकि मुस्लिम समुदाय के सदस्य अपने हिंदू पड़ोसियों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े थे और श्रद्धालुओं के बीच मिठाइयां और पानी की बोतलें बांट रहे थे। समारोह में शामिल एक स्थानीय दुकानदार मोहम्मद अली ने कहा, ''भारत इसी का प्रतीक है - विविधता में एकता और सांप्रदायिक सद्भाव।'' उन्होंने कहा, ''हम हमेशा शांति से साथ-साथ रहते आए हैं और आज हम एक परिवार के रूप में जश्न मना रहे हैं।''

विश्व हिन्दू परिषद (विहिप) द्वारा आयोजित वार्षिक रामनवमी शोभायात्रा में भगवा वस्त्र धारण किए हजारों लोग शामिल हुए। शोभायात्रा में शामिल लोगों ने झंडे लहराये और भगवान राम के जन्म का जश्न मनाया। हालांकि इस वर्ष के समारोह को असाधारण बनाने वाली बात सिर्फ लोगों की उपस्थिति ही नहीं थी, बल्कि वह सद्भावना थी जो धार्मिक सीमाओं के पार सहजता से प्रवाहित हुई। शोभायात्रा जब इंग्लिश बाजार इलाके से गुजरी, मुस्लिम निवासियों ने शोभायात्रा में शामिल श्रद्धालुओं पर छतों और बालकनी से फूलों की पंखुड़ियां बरसाईं। साथ ही शोभायात्रा के मार्ग में भारत के नक्शे के आकार की एक विशाल माला लगायी गई थी - जो राष्ट्रीय एकता और गौरव का प्रतीक है।

सड़क पर मुस्लिम पुरुषों के एक समूह ने जलपान की स्टॉल लगायी थी और श्रद्धालुओं को पानी और मिठाइयां बांट रहे थे। रामनवमी कार्यक्रम में भाग लेने वालों में से एक श्याम सुंदर ने कहा, ''हर्ष के ऐसे अवसर का हिस्सा बनना अद्भुत लगता है। धर्म हमें विभाजित नहीं कर रहा है, यह हमें एकसाथ ला रहा है। हम सभी एक हैं - हिंदू और मुसलमान - हम इस देश के प्रति प्रेम में एकजुट हैं।''

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पिछले कुछ वर्षों में पूरे पश्चिम बंगाल में रामनवमी समारोह के दौरान कभी-कभी तनाव देखने को मिला है, खासकर उन क्षेत्रों में जहां सांप्रदायिक तनाव का इतिहास रहा है। हालांकि, मालदा में इस वर्ष यह उत्सव एकजुटता का मंच बन गया। जलपान का आयोजन करने वाले निवासियों में से एक मोहम्मद कमाल ने एक बांग्ला समाचार चैनल से कहा, ''हम शांति और भाईचारे का संदेश फैलाना चाहते हैं। देश के कई हिस्सों में बढ़ते तनाव के इस समय में, हमारे लिए यह दिखाना महत्वपूर्ण है कि हिंदू और मुसलमान एकसाथ आ सकते हैं और एकसाथ जश्न मना सकते हैं।'' पूर्व मंत्री एवं इंग्लिश बाजार नगर पालिका अध्यक्ष कृष्णेंदु नारायण चौधरी ने भी यही भावना दोहरायी। उन्होंने कहा, ''यह वह भारत है जिसे मैं जानता हूं - जहां हर समुदाय आम भलायी के लिए एक साथ आता है।'' तृणमूल के वरिष्ठ नेता ने कहा, ''यहां लोग शांति और सद्भाव को सबसे ऊपर रखते हैं। विभाजन के लिए कोई जगह नहीं है।''

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