Another difficulty of Justice Yashwant Verma started, Supreme Court ready to hear case related filing FIR in cash case जस्टिस यशवंत वर्मा की एक और मुश्किल, केस दर्ज कराने वाली अर्जी पर सुनवाई को SC तैयार, India Hindi News - Hindustan
Hindi Newsदेश न्यूज़Another difficulty of Justice Yashwant Verma started, Supreme Court ready to hear case related filing FIR in cash case

जस्टिस यशवंत वर्मा की एक और मुश्किल, केस दर्ज कराने वाली अर्जी पर सुनवाई को SC तैयार

जस्टिस यशवंत वर्मा के दिल्ली स्थित सरकारी बंगले पर होली की रात आग लग गई थी, जिसके बाद अग्निशमन दस्ते की टीम ने वहां पहुंचकर आग बुझाई थी। इस दौरान फायर ब्रिगेड टीम को उनके स्टोर रूम में अधजली करोड़ों की नकदी मिली थी। इसके बाद से वह विवादों में हैं।

Pramod Praveen भाषा, नई दिल्लीMon, 19 May 2025 10:45 PM
share Share
Follow Us on
जस्टिस यशवंत वर्मा की एक और मुश्किल, केस दर्ज कराने वाली अर्जी पर सुनवाई को SC तैयार

सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को इलाहाबाद हाई कोर्ट के न्यायाधीश जस्टिस यशवंत वर्मा के खिलाफ नकदी बरामदगी मामले में प्राथमिकी दर्ज करने के अनुरोध वाली याचिका पर तत्काल सुनवाई के लिए सहमति दे दी है। देश के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस बी आर गवई और जस्टिस ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की पीठ ने वकील और याचिकाकर्ता मैथ्यूज नेदुम्परा की दलीलों पर गौर किया और कहा कि अगर खामियों को दूर कर दिया जाता है तो इसे मंगलवार को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया जा सकता है। प्रधान न्यायाधीश ने कहा, ‘अगर (याचिका में) खामियों को दूर कर दिया जाता है तो इसे कल सूचीबद्ध किया जा सकता है।’’

नेदुम्परा ने कहा कि अगर याचिका में कोई खामी है तो वह उसे दूर करेंगे। उन्होंने पीठ से आग्रह किया कि इसे बुधवार को सूचीबद्ध किया जाए क्योंकि वह मंगलवार को उपलब्ध नहीं हैं। पीठ ने खामियों को दूर करने की शर्त पर इसे बुधवार को सूचीबद्ध करने पर सहमति जताई। आंतरिक जांच आयोग द्वारा न्यायाधीश को दोषी ठहराए जाने के बाद तत्कालीन प्रधान न्यायाधीश संजीव खन्ना ने जस्टिस वर्मा को इस्तीफा देने के लिए कहा था। जस्टिस वर्मा के इस्तीफा देने से इनकार करने के बाद तत्कालीन प्रधान न्यायाधीश ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखा था।

आंतरिक समिति ने जस्टिस वर्मा के खिलाफ आरोपों को सही पाया

नेदुम्परा और तीन अन्य लोगों द्वारा दायर याचिका में तत्काल आपराधिक कार्यवाही शुरू करने की मांग करते हुए कहा गया था कि आंतरिक समिति ने जस्टिस वर्मा के खिलाफ आरोपों को प्रथम दृष्टया सही पाया है। याचिका में इस बात पर जोर दिया गया है कि आंतरिक जांच से न्यायिक अनुशासनात्मक कार्रवाई हो सकती है, लेकिन यह लागू कानूनों के तहत आपराधिक जांच का विकल्प नहीं है।

ये भी पढ़ें:पूरा देश शर्मसार हो गया: कर्नल को 'आतंकियों की बहन' बता देने वाले मंत्री से SC
ये भी पढ़ें:भारत कोई धर्मशाला नहीं, जहां दुनिया भर के शरणार्थी घुस आएं, हम खुद 140 करोड़: SC
ये भी पढ़ें:सभी को एक समान पेंशन दी जाए, हाईकोर्ट के रिटायर्ड जजों को SC से बड़ी राहत
ये भी पढ़ें:नीतीश कटारा मर्डर केस में विकास यादव को और 4 हफ्ते की राहत

पुलिस जांच की मांग के लिए है याचिका

मार्च में, उन्हीं याचिकाकर्ताओं ने आंतरिक जांच को चुनौती देते हुए और औपचारिक पुलिस जांच की मांग करते हुए शीर्ष अदालत का दरवाजा खटखटाया था। हालांकि, शीर्ष अदालत ने आंतरिक कार्यवाही की लंबित प्रकृति का हवाला देते हुए याचिका को समय से पहले दायर बताकर खारिज कर दिया था। अब जांच पूरी हो जाने के बाद, याचिकाकर्ताओं ने दावा किया कि आपराधिक कार्रवाई में देरी अब उचित नहीं है।