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'ये रिश्ता क्या कहलाता है?' सोरेन-अडाणी की बंद कमरे में 2 घंटे मुलाकात, भड़की भाजपा ने दागे सवाल

  • शुक्रवार को गौतम अडाणी और झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन की बंद कमरे में हुई मीटिंग पर भाजपा ने सवाल उठाया है। भाजपा ने कांग्रेस और झारखंड मुक्ति मोर्चा दोनों ही पार्टियों से सवाल पूछा है।

Mohammad Azam लाइव हिन्दुस्तानSun, 30 March 2025 10:48 AM
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'ये रिश्ता क्या कहलाता है?' सोरेन-अडाणी की बंद कमरे में 2 घंटे मुलाकात, भड़की भाजपा ने दागे सवाल

शुक्रवार को उद्योगपति गौतम अडाणी और झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के बीच बैठक हुई। बैठक में झारखंड में खनन अधिकारों को लेकर अडाणी और हेमंत सोरेन के बीच चर्चा हुई। इस मामले पर अब भाजपा ने हेमंत सोरेन के साथ ही कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा है। भाजपा का कहना है कि चुनावों के दौरान जिसके खिलाफ रात-दिन बयान दिए जाते थे, उससे इस तरह अचानक हुई दोस्ती का क्या मतलब है। भाजपा ने कहा कांग्रेस और झारखंड मुक्ति मोर्चा दोनों ही पार्टियों को अडाणी को लेकर अपना रुख स्पष्ट करना चाहिए।

यह रिश्ता क्या कहलाता है: प्रतुल शहदेव

अडाणी और हेमंत सोरेन की मुलाकात पर भाजपा ने सवाल उठाया है। भाजपा का कहना है कि पिछले साल हुए लोकसभा और विधानसभा चुनावों के दौरान गौतम अडाणी पर बयान केवल राजनीतिक लाभ हासिल करने के लिए दिए गए थे। इस मामले पर भाजपा प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने कहा कि इस तरह की बैठकें अच्छी हैं, लेकिन इन बैठकों को सबक रूप में लिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि कल जिस तरह से सीएम सोरेन ने रेड कार्पेट बिछाकर गौतम अडाणी का स्वागत किया, उससे साबित होता है कि उनकी और उनकी पार्टी के साथ सहयोगियों का विरोध लोगों को गुमराह करने के लिए किया गया है। उन्होंने कहा कि यह सिर्फ राजनीतिक फायदे के लिए किया गया था।

मिली जानकारी के अनुसार, अडाणी और हेमंत सोरेन के बीच बंद कमरे में दो घंटे तक बातचीत चली। इस दौरान अडाणी के हजारीबाग के गोंडुलपुरा और गोड्डा के दो कोयला ब्लॉकों में वाणिज्यिक खनन पर चर्चा हुई। यह सभी कोयला ब्लॉक भूमि अधिग्रहण और कानूनी मंजूरी के चलते अभी शुरू नहीं हो पाई हैं। इस मामले पर सोरेन से मुलाकात कर अडाणी ने मुद्दा उठाया और भविष्य के निवेश को लेकर भी दोनों के बीच बातचीत हुई।

क्या बोली JMM

इस मामले पर कांग्रेस और जेएमएम का रिएक्शन भी सामने आया है। दोनों ही पार्टियों ने इस बैठक का बचाव किया। इस मामले पर जवाब देते हुए जेएमएम प्रवक्ता मनोज पांडेय ने कहा कि हमारी आलोचना किसी व्यक्ति विशेष के खिलाफ नहीं थी, बल्कि केंद्र की भाजपा सरकार की नीतियों के खिलाफ थी। पांडेय ने कहा कि हमारा विरोध उस सरकार के खिलाफ था, जो एक पूंजीपति वर्ग को खुश करने के लिए देश के गरीबों, किसानों और आदिवासियों के अधिकारों का हनन करती है। उन्होंने कहा कि राज्य में सही तरह से सभी निवेशकों का स्वागत है, इससे प्रदेश में रोजगार बढ़ेगा और राज्य विकास के पथ पर आगे बढ़ेगा।

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