कुरमी समाज के रेल रोको आंदोलन पर बिफरा कलकत्ता HC, नहीं रद्द होंगी ट्रेनें; कही ये बात
झारखंड में कुरमी समाज के रेल रोको आंदोलन को लेकर 63 ट्रेनों के रद्द करने का आदेश रेलवे ने वापस ले लिया है। कलकत्ता हाई कोर्ट ने कुरमी समाज के आंदोलन को असंवैधानिक करार दिया है।
कोलकाता हाईकोर्ट के आदेश के बाद रेलवे ने 63 ट्रेनों को रद्द करने की अधिसूचना वापस ले ली है। कुरमी समुदाय की ओर से 20 सितम्बर से घोषित अनिश्चितकालीन रेल रोको आन्दोलन को देखते हुए रेलवे ने यह अधिसूचना जारी की थी। इनमें रांची रेल मार्ग की 10, धनबाद रेलमार्ग की 20 और जमशेदपुर होकर गुजरने वाली 33 ट्रेनें शामिल थीं। इसके अलावा कुछ ट्रेनों का रूट डायवर्ट भी किया गया था। कोलकाता हाईकोर्ट ने कुरमी समुदाय के आन्दोलन को असंवैधानिक करार देते हुए कहा है कि आम लोगों को परेशान करने वाले आन्दोलन की अनुमति नहीं दी जा सकती है। दूसरी तरफ आन्दोलनकारी टोटेमिक कुड़मी विकास मोर्चा ने कोलकाता हाईकोर्ट के आदेश के बावजूद झारखंड में रेल रोको आन्दोलन को जारी रखने का ऐलान किया है।
दक्षिण पूर्व रेलवे के सीपीआरओ आदित्य कुमार चौधरी ने बताया कि कोलकाता हाईकोर्ट के आदेश के बाद रेलवे ने रद्द ट्रेनों व परिवर्तित मार्ग से ट्रेनों को चलाए जाने का आदेश वापस ले लिया है। उन्होंने कहा कि जिन रद्द ट्रेनों के परिचालन का समय पार नहीं हुआ था उन ट्रेनों का आरक्षण चालू कर दिया गया और उन्हें निर्धारित समय से रवाना किया गया। जिन ट्रेनों के परिचालन का समय पार हो चुका था उन्हें रद्द ही कर दिया गया और यात्रियों को पूरा रिफंड दिया गया। इसके अलावा जिन ट्रेनों को बदले मार्ग से चलाने का आदेश हुआ था यदि वे अपने परिवर्तित मार्ग से रवाना नहीं हुई है तो उन्हें निर्धारित मार्ग से ही चलाया जा रहा है। वहीं, रांची रेलमंडल के सीनियर डीसीएम निशांत कुमार ने कहा कि हाईकोर्ट के आदेश का पालन किया जाएगा।
कोलकाता हाईकोर्ट ने मंगलवार को जारी आदेश में कुरमी समुदाय के रेल रोको आन्दोलन को असंवैधानिक और गैरकानूनी बताते हुए इसपर प्रतिबंध लगा दिया है। अदालत ने कहा है कि आन्दोलनकारियों को रेल और सड़क जाम आन्दोलन करके आम लोगों को परेशान करने की अनुमति नहीं दी जा सकती है। हाईकोर्ट ने यह आदेश पुरुलिया चैम्बर फॉर ट्रेड एंड इंडस्ट्री की जनहित याचिका पर सुनवाई करने के बाद दिया है।
आंदोलन होगा ओहदार
इधर हाईकोर्ट के आदेश के बावजूद टोटेमिक कुड़मी विकास मोर्चा के केंद्रीय अध्यक्ष शीतल ओहदार ने कहा है कि हमलोगों ने झारखंड में आंदोलन स्थागित नहीं किया है। उन्होंने दावा किया है कि कोलकाता हाईकोर्ट का आदेश बंगाल के लोगों के लिए है। लिहाजा झारखंड और ओडिशा में निर्धारित तिथि में हमलोगों का आंदोलन शुरू होगा। उन्होंने कहा कि हमलोग बुधवार की सुबह से ही आंदोलन में जुट जाएंगे। शीतल ओहदार नेे दावा किया कि हमलोगों ने कोलकाता हाई कोर्ट का आदेश देखा है और हम झारखंड में आंदोलन वापस नहीं ले रहे हैं।
मोर्चा ने कुड़मी-कुरमी समुदाय को जनजाति में शामिल करने और कुड़माली भाषा को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल करने की मांग को लेकर झारखंड, पश्चिम बंगाल और ओडिशा में अनिश्चितकालीन रेल रोको आन्दोलन की घोषणा की थी। इस आन्दोलन के समर्थकों ने बुधवार को झारखंड के मुरी, गोमो, घाघरा और नीमडीह रेलवे स्टेशनों पर ट्रेनों को रोकने की घोषणा की थी।
नीमडीह में धारा 144,घाघरा व आंवलाजोड़ी में सुरक्षा कड़ी
नीमडीह रेलवे स्टेशन में रेल चक्का जाम को देखते हुए चांडिल एसडीओ रंजीत लोहरा ने धारा- 144 लगा दी है। जारी आदेश में कहा है कि इस दौरान पांच या पांच से अधिक व्यक्तियों का एक जगह पर जमा नहीं हो सकते हैं। तोड़फोड़ से निपटने समेत बड़ी संख्या में पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है। अग्निशमन दस्ता, जीवन रक्षक दवा सहित डॉक्टरों की टीम एवं एम्बुलेंस की व्यवस्था की गई है। चक्रधरपुर रेल मंडल के घाघरा और आंवलाजोड़ी में 172 आरपीएफ जवानों को ट्रैक की सुरक्षा में तैनात किया गया है। आरपीएफ जवानों की ड्यूटी आठ के बजाय 12 घंटे करने के निर्देश दिये गये हैं।