सीता को मायूसी, कल्पना ने मारा मैदान; शिबू सोरेन परिवार के धुरंधरों का कैसा परफॉरमेंस?
झारखंड में एक बार फिर हेमंत सोरेन सरकार की वापसी हुई है। यदि शीबू सोरेन परिवार के धुरंधरों की बात करें तो चार सदस्य चुनाव मैदान में थे। जानें किसका कैसा रहा परफॉरमेंस...
झारखंड में एक बार फिर हेमंत सोरेन सरकार की वापसी हुई है। इस चुनाव में झारखंड मुक्ति मोर्चा 34 सीटों पर चुनाव जीत चुका है। वहीं कांग्रेस 15 सीटें जीत चुकी है जबकि एक पर आगे चल रही है। राजद के खाते में 4 सीटें गई हैं। CPI एमएल को दो सीटें मिली हैं। भाजपा ने 20 सीटों पर जीत दर्ज की है जबकि 1 सीट पर आगे चल रही है। यदि शीबू सोरेन परिवार के धुरंधरों की बात करें तो चार सदस्य चुनाव मैदान में थे।
कल्पना सोरेन ने दर्ज की जीत
हेमंत सोरेन की पत्नी कल्पना सोरेन ने गांडेय सीट से चुनाव लड़ा। उन्होंने इस सीट पर भाजपा की मुनिया देवी को 17,142 मतों से हराया। कल्पना ने इससे पहले 4 जून को उपचुनाव में यह सीट जीती थी। उन्होंने तब भाजपा के दिलीप कुमार वर्मा को 27,149 मतों से हराया था। यह सीट जेएमएम विधायक सरफराज अहमद के इस्तीफे के बाद खाली हुई थी।
हेमंत सोरेन ने लहराया परचम
झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन बरहेट सीट से चुनाव मैदान में थे। उन्होंने भाजपा के गमलील हेम्ब्रोम को 39,791 मतों के अंतर से हराकर जीत दर्ज की। हेमंत सोरेन को 95,612 वोट मिले, जबकि हेम्ब्रोम को 55,821 वोट मिले। झामुमो नेता ने सीट पर अपना अंतर बढ़ाया है। साल 2019 में उन्होंने 25,740 मतों से चुनाव जीता था।
भाई बसंत सोरेन भी जीते
हेमंत सोरेन के भाई बसंत सोरेन भी चुनाव जीत गए हैं। उन्होंने जेएमएम के टिकट पर दुमका सीट से चुनाव लड़ा था। उन्होंने भाजपा के सुनिल सोरेन को 14,588 मतों से शिकस्त दी।
सीता सोरेन हार गईं चुनाव
हेमंत सोरेन की भाभी सीता सोरेन चुनाव हार गई हैं। उन्होंने जामताड़ा से भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ा था। इस सीट से कांग्रेस के इरफान अंसारी ने सीता सोरेन को 43,676 मतों के अंतर से शिकस्त दी है।