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ताइवान को चीन का ही हिस्सा मानेंगे; इस देश ने खत्म की मान्यता, ड्रैगन को मिला बड़ा फायदा

ताइवान पर कब्जा करने की नीयत रखने वाले चीन को एक छोटे द्वीपीय देश का साथ मिल गया है। नाउरु ने ताइवान की मान्यता ही खत्म करने का ऐलान किया है और उसे चीन का ही हिस्सा मानने की बात कही है।

Surya Prakash एएफपी, सिडनीMon, 15 Jan 2024 07:48 AM
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दुनिया के सबसे छोटे द्वीपीय देश के तौर पर पहचान रखने वाले नाउरु ने ताइवान से सारे राजनयिक संबंध समाप्त करने का ऐलान किया है। इसके साथ ही उसने ताइवान को चीन के ही एक हिस्से के तौर पर मान्यता देने की बात कही है। नाउरु की सरकार ने इस बारे में बयान जारी कर यह जानकारी दी है। सरकार की ओर से सोमवार को सोशल मीडिया पर यह ऐलान किया गया। प्रेसिडेंट डेविड एडियांग ने फेसबुक पेज पर दिए गए राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में इसका ऐलान किया है। उन्होंने कहा कि नाउरु सरकार ताइवान को भी रिपब्लिक ऑफ चाइना के ही एक हिस्से के तौर पर मानेगी। 

मीडिया में भी इस संबंध में बयान जारी किया गया है। इसमें नाउरु सरकार ने कहा कि हम ताइवान को अब एक अलग देश के तौर पर मान्यता नहीं देंगे। इसकी बजाय हम उसे चीन के ही एक अभिन्न हिस्से के तौर पर देखेंगे। बयान में कहा गया कि हम ताइवान से तुरंत अपने कूटनीतिक संबंधों को समाप्त करते हैं। हम अब ताइवान से अलग से कोई आधिकारिक और कूटनीतिक संबंध नहीं रखेंगे। नाउरु का यह फैसला चीन के लिए एक कूटनीतिक सफलता माना जा रहा है। वह लगातार अमेरिका, भारत, ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया समेत कई देशों पर चीन से रिश्तों को लेकर उखड़ता रहा है। ऐसे में नाउरु का फैसला उसे थोड़ी राहत देगा। 

नाउरु का यह फैसला हालांकि ताइवान को लेकर दुनिया की स्थिति में कोई असर नहीं डालेगा। इसकी वजह यह है कि नाउरु एक 12,500 लोगों की आबादी वाला द्वीपीय देश है। इससे कम आबादी दुनिया के किसी भी अन्य देश में नहीं है। दक्षिण प्रशांत महासागर में स्थित इस देश के फैसले को लेकर माना जा रहा है कि यह चीन के दबाव में ही हुआ है। अब तक दुनिया के कई देश ताइवान से रिश्ता रख रहे हैं, लेकिन महज 12 ही ऐसे हैं, जो उसे पूरी तरह से मान्यता देते हैं। इन देशों में हैती, ग्वातेमाला और पराग्वे शामिल हैं।

बता दें कि 2019 में ही सोलोमन आईलैंड ने भी ताइवान की मान्यता को खत्म कर दिया था। उसने ऐलान किया था कि हम इसे चीन के ही एक हिस्से के तौर पर मानेंगे और उससे अलग से कोई संबंध नहीं होगा। बता दें कि बीते साल उस वक्त तनाव चरम पर पहुंच गया था, जब अमेरिकी संसद की स्पीकर नैन्सी पेलोसी ने ताइवान का दौरा किया था। इसे लेकर चीन भड़क गया था और उसके बाद ताइवान के समुद्री तट पर उसने शक्ति प्रदर्शन किया था। यही नहीं भारत समेत कई अन्य देशों पर भी चीन इस मसले पर भड़कता रहा है।

क्यों सुख का द्वीप कहा जाता है नाउरु

नाउरु महज 21 वर्ग किलोमीटर में फैला है। यह दुनिया का सबसे छोटा स्वतंत्र गणराज्य है। इसकी कोई राजधानी नहीं है। नाउरु को 'सुखों का द्वीप' भी कहते हैं। यहां के लोग आराम से सुख-चैन से जिंदगी गुजार रहे हैं। साल 2018 की जनगणना के मुताबिक, इस देश की आबादी 12 हजार के आसपास है। इस देश के बारे में ज्यादातर लोगों को पता नहीं है, इसलिए यहां पर बहुत कम ही लोग घूमने के लिए आते हैं। एक रिपोर्ट के मुताबिक, साल 2011 में यहां महज 200 लोग ही घूमने के लिए आए थे। 

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