भारत और चीन की सेनाओं ने पिछले महीने डेमचोक और डेपसांग में अंतिम दो विवादित क्षेत्रों में सैनिकों की वापसी प्रक्रिया पूरी की। करीब साढ़े चार साल बाद इन क्षेत्रों में दोनों पक्षों ने नियमित गश्त फिर से शुरू की है।
सऊदी अरब और ईरान जैसे परंपरागत प्रतिद्वंद्वियों को एक मंच पर ला चुके चीन ने एक बार फिर से समिट का आयोजन किया। मंगलवार को हुए इस कार्यक्रम में चीन के उप-विदेश मंत्री डेंग ली शामिल थे। इसके अलावा सऊदी उप-विदेश मंत्री वलीद-बिन अब्दुल करीम और उनके ईरानी समकक्ष माजिद तख्त रावांची थे।
PM Modi Guyana Visit: पीएम मोदी राष्ट्रपति मोहम्मद इरफान अली के निमंत्रण पर गुयाना की यात्रा पर आए हैं और वह 21 नवंबर तक यहां रहेंगे। विदेश मंत्रालय के अनुसार गुयाना में भारतीय मूल के लगभग 3,20,000 लोग हैं।
भारत, अमेरिका और चीन के रिश्तों को लेकर आई ताजा रिपोर्ट में चौंकाने वाले दावे किए गए हैं। इस रिपोर्ट में बताया गया है कि अमेरिका के दबाव की वजह से चीन भारत के साथ अचानक अपने संबंध ठीक करने में जुटा है।
कोविड महामारी के कारण 2020 में भारत और चीन के बीच सीधी उड़ानें बंद कर दी गई थीं, जो अब तक बहाल नहीं हुई हैं। उसी साल कैलाश मानसरोवर यात्रा भी रोक दी गई थी।
ब्राजील के रियो डी जेनेरियो में G-20 सम्मेलन के दौरान विदेश मंत्री जयशंकर ने चीन के विदेश मंत्री से मुलाकात की है। इस मुलाकात के दौरान कई अहम पहलुओं को लेकर चर्चा हुई है।
रूस के कजान शहर में पिछले महीने ब्रिक्स शिखर सम्मेलन से इतर हुई लगभग 50 मिनट की बैठक में मोदी और शी ने पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर गतिरोध वाले बाकी स्थानों से सैनिकों की वापसी और वहां गश्त शुरू करने को लेकर भारत और चीन के बीच हुए समझौते का समर्थन किया था।
दिल्ली की एक कोर्ट ने एक मामले की सुनवाई के दौरान भारत में रहने वाले विदेशी नागरिकों के अधिकारों को सुनिश्चित करने पर जोर दिया है। कोर्ट ने इस मामले में चीन के नागरिक को जमानत दे दी है।
ट्रंप की नई पारी में अमेरिका और भारत के बीच संबंध और सुधरेंगे या खराब होंगे, इस पर चर्चा शुरू हो गई है। मूडीज की रिपोर्ट बताती है कि ट्रंप की वापसी भारत को फायदा और चीन की अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचा सकती है।
झुहाई के 15वें एयरोस्पेस शो में चीन अपनी नई वायु रक्षा प्रणाली एचक्यू-19 को दुनिया के सामने पेश करेगा। इसे अमेरिका के थाड और रूस के एस-400 जैसी उन्नत रक्षा प्रणालियों के बराबर बताया जा रहा है।
बता दें कि 21 अक्टूबर को भारत ने देपसांग और डेमचोक के विवादास्पद क्षेत्रों में एक पेट्रोलिंग समझौते की घोषणा की थी, जिसमें दोनों देशों की सेना को 2020 के स्थिति में लौटने के निर्देश दिए गए थे।
जून 2020 में गलवान घाटी में हुई भीषण झड़प के बाद दोनों देशों के बीच संबंधों में काफी गिरावट आई थी। जयशंकर ने कहा कि प्राथमिकता सैनिकों को पीछे हटाने के तरीके खोजने की रही है।
भारत-चीन सीमा पर हालात अब सामान्य होने लगे हैं। दोनों देशों के सैनिकों के पीछे हटने के बाद सोमवार को भारतीय सेना ने पांच पैट्रोलिंग प्वॉइंट्स में से एक पर गश्त की।
डेमचोक से सैनिकों की वापसी और गश्त फिर से शुरू होने के बाद भारतीय सेना ने आज देपसांग में भी गश्त बिंदुओं में से एक महत्वपूर्ण पॉइंट पर गश्त सफलतापूर्वक पूरी की।
एडवांस लैंडिंग ग्राउंड करीब 13 हजार 700 फीट की ऊंचाई पर है जो चीन की सीमा एलएसी के काफी करीब है। इसके पूरा होने के बाद सेना के तेजी से मूवमेंट में आसानी होगी।
देश मंत्रालय ने शनिवार को बताया कि भारतीय सैनिक एलएसी के डेमचोक और देपसांग इलाकों में गश्त कर रहे हैं ताकि इस बात की पुष्टि हो सके कि आपसी सहमति के तहत चीन ने अपने सैनिकों की वापसी पूरी कर ली है।
पूर्वी लद्दाख में टकराव वाली जगहों पर डिसइंगेजमेंट के बाद अब भारतीय सेना ने शुक्रवार को डेमचोक में गश्ती शुरू कर दी है। एक या दो दिन में देपसांग में भी पट्रोलिंग शुरू हो सकती है।
LAC पर टकराव वाले बिंदुओं से पीछे हटने के बाद भारतीय और चीनी सैनिकों ने गुरुवार को देपसांग और डेमचोक में क्षेत्रों में पैट्रोलिंग शुरू कर दी। इससे 2020 में हुई झड़प के बाद पहली बार स्थिति सामान्य होती नजर आ रही है।
दिवाली की मिठास ने भारत और चीन के सैनिकों के बीच खटास को दूर किया। सीमाओं पर दोनों देशों की सेनाओं ने एक-दूसरे को मिठाई बांटी और दिवाली की बधाई दी।
बुधवार को भारतीय सेना के सूत्रों ने बताया कि पूर्वी लद्दाख के देपसांग और डेमचोक क्षेत्रों में भारत और चीन के बीच सैनिकों की वापसी की प्रक्रिया पूरी हो गई है।
समझौता केवल इन दो टकराव बिंदुओं के लिए हुआ था और अन्य क्षेत्रों के लिए बातचीत अब भी जारी है। यह भी बताया कि पिछले हफ्ते शुरू हुई सैन्य वापसी पूरी होने के बाद इन क्षेत्रों में गश्त शुरू हो जाएगी।
भारत-चीन सीमा पर सैनिकों के पीछे हटने की प्रक्रिया लगभग पूरी हो चुकी है। डेमचौक और डेपसैंग में दोनों देशों की सेनाएं करीब-करीब अप्रैल 2020 से पूर्व की स्थिति में जा चुकी हैं।
चीन की सीमा पर तैनात जवानों को भारत खास तरीके की ट्रेनिंग दिलवा रहा है। भारत और चीन के बीच संबंधों को देखते हुए इस ट्रेनिंग को काफी अहम माना जा रहा है।
विदेश मंत्री ने स्पष्ट रूप से चीन का जिक्र करते हुए कहा कि अगला कदम तनाव कम करना है, जो तब तक नहीं होगा जब तक भारत को यकीन नहीं हो जाता कि दूसरी तरफ भी यही हो रहा है। इस सप्ताह की शुरुआत में, भारत ने घोषणा की कि उसने पूर्वी लद्दाख में LAC पर गश्त करने को लेकर चीन के साथ समझौता कर लिया है।
Jaishankar: विदेश मंत्री ने कहा कि सीमा पर तनाव कम करना हमारा अगला कदम होगा। हालांकि यह तब तक संभव नहीं होगा जब तक की भारत इस बात को लेकर आश्वस्त नहीं हो जाता कि चीन भी यही चाहता है।
भारत के पड़ोसी देश चीन में जन्म दर में सुधार नहीं हो रहा है। लगातार तीसरे साल चीन में जन्म दर में भारी गिरावट दर्ज की गई। जन्म दर में कमी के चलते हजारों नामी किंडरगार्टन और स्कूल बंद हो गए हैं।
भारत-चीन सीमा पर सैनिकों के पीछे हटने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। भारतीय सेना के बाद अब चीन की तरफ से भी इस बात की पुष्टि कर दी गई है। इसके मुताबिक मंगलवार को डेपसैंग के मैदानी इलाकों और डेमचोक में सैनिक पीछे हटे।
पुणे में छात्रों के साथ संवाद करते हुए जयशंकर ने कहा कि संबंधों के सामान्य होने में अभी समय लगेगा, क्योंकि विश्वास और सहयोग को दोबारा स्थापित करना लंबी प्रक्रिया है।
वर्तमान बातचीत में केवल पूर्वी लद्दाख में देपसांग और डेमचोक के लिए फैसले लिए गए हैं। भारतीय सेना और चीनी सेना इस महीने के अंत तक अपने-अपने गश्त बिंदुओं तक गश्त शुरू कर देंगी।
पहले अहमदाबाद और फिर महाबलीपुरम में PM मोदी ने तहेदिल से चीनी राष्ट्रपति जिनपिंग का स्वागत किया, लेकिन इस मुलाकात के कुछ ही महीने बाद चीन ने भारत की पीठ में छुरा घोंपने का काम किया और गलवान घाटी झड़प हुई।