दक्षिण अफ्रीका 2025 के लिए जी-20 की मेजबानी कर रहा है, और इस बैठक से पूरे वर्ष के लिए निर्धारित कार्यक्रमों की श्रृंखला की शुरुआत होगी।
कांग्रेस महासचिव और मीडिया प्रभारी जयराम रमेश ने सोशल मीडिया एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि पित्रोदा के विचार पार्टी के रुख को जाहिर नहीं करते हैं।
दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के लिए यह बड़ी परेशानी है। वर्ष 2024 में चीन में 61 लाख शादियां ही हुईं, जबकि 2023 में यह आंकड़ा 77 लाख का था। 1986 में चीन में शादियों का सार्वजनिक पंजीकरण शुरू हुआ था। तब से अब तक यह सबसे कम आंकड़ा है। यही नहीं 2013 के मुकाबले यह नंबर आधा ही है।
डोनाल्ड ट्रंप के एक्शन के बाद अब चीन ने भी अमेरिकी उत्पादों पर 10 से 15 फीसदी टैरिफ लगाने का ऐलान कर दिया है। इसके बाद अमेरिका और चीन के बीच ट्रेड वार लगभग शुरू हो चुका है। जानते हैं कि यह स्थिति भारत के लिए फायदेमंद कैसे साबित हो सकती है।
अमेरिका द्वारा लगाए गए टैरिफ के जवाब में, चीन ने रक्षा, स्वच्छ ऊर्जा और अन्य महत्वपूर्ण उद्योगों में इस्तेमाल किए जाने वाले पांच धातुओं के निर्यात पर सख्त नियंत्रण लागू कर दिया है।
विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने बीजिंग में चीन के विदेश मंत्री वांग यी से मुलाकात की। बैठक के बाद चीनी विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि दोनों देशों को एक-दूसरे पर संदेह और अलगाव दूर ही रखना चाहिए।
Donald Trump on China: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अपने पूरे चुनावी अभियान के दौरान चीन के ऊपर आर्थिक रूप से लगाम कसने की बात कहते आ रहे हैं। पद की शपथ के बाद भी उन्होंने अपने यह इरादे दोहराए थे। लेकिन अब उन्होंने कहा है कि शायद वह चीन पर टैरिफ नहीं लगाएंगे।
विदेश मंत्रालय ने गुरुवार को कहा कि विदेश सचिव-उपमंत्री तंत्र की एक बैठक के लिए चीन जा रहे हैं। इसमें कहा गया है कि इस द्विपक्षीय तंत्र की बहाली नेतृत्व स्तर पर हुए समझौते से हुई है, जिसमें भारत-चीन संबंधों के लिए अगले कदमों पर चर्चा की जाएगी।
चीन ने ऐसा अनोखा कारनामा कर दिखाया कि दुनिया हैरान हो गई। उसने नकली सूरज को धरती पर उतार उसमें 100 मिलियन डिग्री सेल्सियस तापमान 1000 सेकंड तक पैदा किया। विज्ञान के क्षेत्र में यह बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है।
संदेश है कि डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन के दौर में चीन पर नरमी नहीं बरती जाएगी। खासतौर पर दक्षिण चीन सागर, ताइवान और जापान के साथ सीमा विवाद को लेकर सख्त रुख अपनाया जाएगा। चीन की विस्तारवादी नीतियों को लेकर ऑस्ट्र्लिया, अमेरिका, जापान और भारत समेत कई देश चिंतित रहे हैं।