ये तो हद है... जॉर्ज सोरोस को अमेरिका में सर्वोच्च सम्मान पर भड़के एलन मस्क, बाइडेन को घेरा
- विवादित निवेशक जॉर्ज सोरोस समेत 19 हस्तियों को जो बाइडेन ने प्रेसिडेंशियल मेडल ऑफ फ्रीडम से सम्मानित किया। सोरोस को सम्मान दिए जाने पर एलन मस्क भड़क गए। उन्होंने बाइडेन की तीखी आलोचना की है।
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने पूर्व विदेश मंत्री हिलेरी क्लिंटन, विवादित निवेशक जॉर्ज सोरोस, वोग की प्रधान संपादक एना विंटोर, वैज्ञानिक बिल नेई और अभिनेता डेनजेल वाशिंगटन सहित 19 लोगों को देश का सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार ‘प्रेसिडेंशियल मेडल ऑफ फ्रीडम’ प्रदान किया। बाइडेन आगामी 20 जनवरी तक ही अमेरिका के राष्ट्रपति पद पर हैं। उनके बाद डोनाल्ड ट्रंप पदभार ग्रहण करेंगे। बाइडेन द्वारा सोरोस को सर्वोच्च नागरिक सम्मान दिए जाने को लेकर अमेरिका में ही घमासान मच गया है। अरबपति कारोबारी और ट्रम्प की भावी कैबिनेट के मेंबर एलन मस्क ने बाइडेन की तीखी आलोचना की। उन्होंने कहा कि यह बेहद हास्यास्पद है कि बाइडेन सोरोस को इस पदक के काबिल समझते हैं?
टेस्ला के सीईओ एलन मस्क ने अरबपति परोपकारी जॉर्ज सोरोस को प्रेसिडेंशियल मेडल ऑफ फ्रीडम से सम्मानित करने के अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के फैसले की सार्वजनिक रूप से आलोचना की। मस्क ने एक्स पर कहा, "यह हास्यास्पद है कि बाइडेन सोरोस को पदक दे रहे हैं।"
आधिकारिक व्हाइट हाउस के बयान के अनुसार, अरबपति निवेशक और ओपन सोसाइटी फ़ाउंडेशन के संस्थापक सोरोस को "लोकतंत्र, मानवाधिकार, शिक्षा और सामाजिक न्याय के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए यह पुरस्कार मिला है। इस वर्ष के अन्य पुरस्कार विजेताओं में पूर्व विदेश मंत्री हिलेरी क्लिंटन, फुटबॉल के दिग्गज लियोनेल मेसी और अभिनेता माइकल जे फॉक्स और डेनजेल वाशिंगटन शामिल हैं। जॉर्ज सोरोस की तरफ से उनके बेटे एलेक्स सोरोस पदक ग्रहण किया।
बाइडेन ने ‘व्हाइट हाउस’ के ‘ईस्ट रूम’ में आयोजित समारोह में कहा, ‘‘राष्ट्रपति के रूप में अंतिम बार मुझे हमारे देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘मेडल ऑफ फ्रीडम’ को असाधारण लोगों के एक समूह को प्रदान करने का सम्मान मिला है। ऐसे लोग जिन्होंने अमेरिका की संस्कृति और उद्देश्य को आकार देने में योगदान दिया।’’ बाइडेन ने कहा, ‘‘लोगों के इस समूह ने अपनी अंतर्दृष्टि और प्रभाव से हमारे देश पर एक अविश्वसनीय छाप छोड़ी है जिसे दुनिया भर के प्रमुख शहरों और दूरदराज के क्षेत्रों में देखा जा सकता है...।’’
सोरोस को सम्मान किए जाने पर इतना घमासान क्यों
सोरोस के ‘प्रेसिडेंशियल मेडल ऑफ फ्रीडम’ के लिए चयन ने अमेरिका में विवाद को जन्म दे दिया है। विवाद इसलिए भी ज्यादा है क्योंकि सोरोस डेमोक्रेटिक पार्टी को फंड देने वाली प्रमुख हस्तियों में शामिल हैं। रिपब्लिकन इसलिए भी सोरोस को सम्मान दिए जाने की निंदा कर रहे हैं। मस्क और कई रिपब्लिकन्स ने इस सम्मान को राजनीति से प्रेरित बताया है। हालांकि, राष्ट्रपति बाइडेन ने इसका बचाव करते हुए कहा कि वे ऐसे व्यक्ति हैं जो अमेरिकी मूल्यों को अपनाते हैं, उनका सम्मान करते हैं और वैश्विक भूमिका में उनका काफी योगदान है।
सोरोस पर भारतीय राजनीतिक में दखलअंदाजी के आरोप
रिपब्लिकन पार्टी लंबे समय से सोरोस पर अपने धन का उपयोग वैश्विक राजनीति को प्रभावित करने के लिए करने का आरोप लगाती रही है। जॉर्ज सोरोस भारत में भी राजनीतिक विवाद के केन्द्र में हैं। दिसंबर में संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान जेपी नड्डा ने कांग्रेस पर सोरोस और उनके संगठनों से जुड़े होने का आरोप लगाया। नड्डा ने दावा किया कि कांग्रेस पार्टी भारत को अस्थिर करने के लिए विदेशी ताकतों का इस्तेमाल कर रही है। उन्होंने सोनिया गांधी और सोरोस के बीच पैसों के लेन-देन का भी हवाला दिया।
हालांकि कांग्रेस चीफ मल्लिकार्जुन खड़गे ने आरोपों का खंडन करते हुए इसे निराधार बताया और भाजपा पर देश के सामाजिक-आर्थिक मुद्दों से ध्यान भटकाने का आरोप लगाया। तीखी नोकझोंक के कारण संसद के दोनों सदनों में कई बार कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी थी।
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