US rejects ICC over Netanyahu: ट्रंप प्रशासन के नेशनल सिक्योरिटी एडवायजर माइक वाल्ट्स ने इजरायल का बचाव करते हुए जनवरी में संयुक्त राष्ट्र और आईसीसी के यूहूदी विरोधी पूर्वाग्रह को देख लेने का वादा किया। वाल्ट्ज ने लिखा कि आईसीसी की कोई विश्ववसनीयता नहीं है
यूक्रेन ने अमेरिका और अन्य सहयोगी देशों के इस फैसले पर भड़ास निकाली है। यूक्रेन के विदेश मंत्रालय ने बयान जारी कर कहा, 'हम आपको याद दिला दें कि हम बीते 1000 दिनों से हर रोज हमलावर की तरफ से भीषण अटैक का खतरा और डर झेल रहे हैं। आप एक दिन में ही हमले की फर्जी खबर के आधार पर दूतावास बंद कररहे हैं।'
रूस ने यूक्रेन की राजधानी कीव पर भीषण हमले की धमकी दी है। इसके चलते कीव में अमेरिका ने अपने दूतावास को बंद कर दिया है। यही नहीं अमेरिका के अलावा इटली, स्पेन जैसे पश्चिमी देशों ने भी अपने ऑपरेशंस को वहां समेट लिया है। फिर भी इजरायल का कहना है कि हमारे दूतावास जस के तस यूक्रेन में काम करते रहेंगे।
यूक्रेन-रूस युद्ध के 1000 दिन पूरे हो चुके हैं। इस बीच यूक्रेन ने जंग का नया अध्याय शुरू कर दिया है। बाइडेन की मंजूरी मिलने के 2 दिन बाद यूक्रेन ने पहली बार रूस पर अमेरिकी मिसाइलें दागी हैं।
रूस की नई परमाणु नीति की खास बात ये है कि अगर किसी परमाणु संपन्न देश की मिसाइल से रूस पर हमला किया जाता है तो पुतिन सरकार उसे संयुक्त हमला मानेगी और जवाबी कार्रवाई में परमाणु हथियारों के इस्तेमाल पर विचार कर सकती है।
जी-20 समिट के बाद जब नेताओं का फोटोशूट किया तो इसमें सबसे आगे पीएम नरेंद्र मोदी दिखे। चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग नजर आए, लेकिन अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन और कनाडाई पीएम जस्टिन ट्रूडो भी फोटोशूट से गायब रहे।
मोदी जी-20 शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के अलावा विश्व नेताओं के साथ भी बातचीत करेंगे। अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग भी इस सम्मेलन में हिस्सा ले रहे हैं। PM मोदी सम्मेलन में विभिन्न ज्वलंत और वैश्विक मुद्दों पर भारत का रुख रखेंगे।
जो बाइडेन की मंजूरी के बाद यूक्रेन के राष्ट्रपति व्लोदिमिर जेलेंस्की ने रूस को धमकाया है और कहा है कि लंबी दूरी के हथियारों का उपयोग करने की अनुमति देने जैसी बातों की घोषणा नहीं की जाती है।
अमेरिकी राष्ट्रपति ने यूक्रेन को रूस के साथ चल रहे जंग के दौरान को अपने हथियारों के इस्तेमाल की मंजूरी दे दी है। इस खबर के बाद जूनियर ट्रंप का गुस्सा भड़क गया है और उन्होंने तनाव बढ़ाने के लिए बाइडेन प्रशासन को दोषी ठहराया है।
वोलोडिमीर जेलेंस्की ने कहा 'आज, मीडिया में बहुत कुछ कहा जा रहा है कि हमें उचित कार्रवाई करने की अनुमति मिल गई है। लेकिन हमले शब्दों से नहीं किए जाते हैं। ऐसी बातें घोषित नहीं की जाती हैं। मिसाइलें खुद ही बोलती हैं।'
जो बाइडन ने कहा कि वो इस बात को लेकर चिंतित भी हैं। ऐसा हो सकता है कि उनकी पत्नी सच में उन्हें अंतरिक्ष भेजने के लिए कह देगी। वो भी ऐसे समय में जब अंतरिक्ष यात्रियों को वापस लाने का काम चल रहा हो।
बाइडन ने ट्रंप का स्वागत किया और दोनों नेताओं ने हाथ मिलाया। बाइडन ने ट्रंप को उनकी जीत पर बधाई दी और कहा कि वह एक सहज सत्ता हस्तांतरण की आशा करते हैं।
वर्तमान अमेरिकी प्रशासन राष्ट्रपति चुनाव के पहले से ही यूक्रेन को दी जाने वाली सहायता के लिए बनाए गए अपने लक्ष्य को पूरा कर लेना चाहता था। लेकिन कुछ कारणों से यह पूरा नहीं हो पाया। प्रशासन अब अप्रैल तक यूक्रेन को शेष सहायता देने का लक्ष्य बना रहा है।
पेंसिलवेनिया में रैली के दौरान हुए हमले में बचने के बाद डोनाल्ड ट्रंप के सपोर्ट में कई लोग आए। उनमें से एक एलन मस्क भी थे, जिन्होंने खुले तौर पर ट्रंप का समर्थन करना शुरू कर दिया। इससे पहले एलन मस्क को डेमोक्रेटिक पार्टी का समर्थक माना जाता था।
माना जा रहा है कि डोनाल्ड ट्रंप की जीत से बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के प्रमुख मोहम्मद यूनुस के लिए बहुत बेहतर नहीं है। साथ ही, बांग्लादेश में रहे रहे हिंदुओं को भी ट्रंप की जीत से फायदा मिल सकता है।
डोनाल्ड ट्रंप ने कहा, 'कई लोग मुझसे कहते हैं कि भगवान ने किसी मकसद से मेरी जिंदगी को बचाया है।' इसके आगे उन्होंने कहा कि वह कारण है अपने देश को बचाना और फिर से अमेरिका की महानता को स्थापित करना। उन्होंने कहा कि अब इस मिशन में हम सभी को मिलकर जुटना होगा। हम अपने सभी वादों को पूरा करने वाले हैं।
NATO के महासचिव जनरल मार्क रूट ने कहा है कि रूस-यूक्रेन युद्ध में उत्तर कोरियाई सैनिकों की तैनाती और भागीदारी से एक तरफ हिन्द-प्रशांत महासागर तो दूसरी तरफ यूरोपीय-अटलांटिक क्षेत्र में सुरक्षा खतरों को बढ़ावा मिल सकता है।
उत्तर कोरिया ने यूक्रेन के दरवाजे पर अपनी सेनाएं तैनात कर दी हैं, जिससे क्षेत्रीय तनाव में इजाफा हुआ है। किम जोंग उन की सेना अब केवल कुछ मील की दूरी पर है। ऐसे में सवाल उठ रहे हैं कि क्या वे यूक्रेन की सीमा में प्रवेश करेंगे।
बाइडन के भाषण से पहले अमेरिकी सर्जन जनरल विवेक मूर्ति, सेवानिवृत्त नौसैन्य अधिकारी एवं नासा की अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स और ‘इंडियन-अमेरिका यूथ एक्टिविस्ट’ श्रुति अमूला ने भी समारोह को संबोधित किया।
इजरायल के हमले के बाद ईरान ने बड़ा कदम उठाया है। ईरान के नागरिक उड्डयन संस्था के प्रवक्ता ने कहा कि ईरान में सभी रूट्स की फ्लाइट्स को अगली सूचना तक बंद कर दिया है।
अमेरिकी प्रशासन के अधिकारियों ने कहा कि ड्रोन इंजन बनाने वाली 'ज़ियामेन लिम्बाच एयरक्राफ्ट इंजन कंपनी' और रूसी कंपनी के साथ काम करने वाली 'रेडलेपस वेक्टर इंडस्ट्री' पर अमेरिका प्रतिबंध लगा रहा है।
गाजा में इजरायली सेना द्वारा किए जा रहे कत्लेआम से भड़के अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने अब बेंजामिन नेतन्याहू को चेतावनी दी है कि गाजा में सुधार के लिए उसके पास सिर्फ 30 दिन का वक्त है, अन्यथा उसे भारी कीमत चुकानी होगी।
डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि हम वास्तव में शुल्क नहीं लगाते हैं। चीन 200 प्रतिशत शुल्क लगाएगा। ब्राजील बड़ा शुल्क वसूलता है। हालांकि, इनमें से सबसे अधिक शुल्क भारत लेता है।
पिछले सप्ताह ईरान के हमले का जवाब देने के लिए इजरायल बेचैन है। इस बीच अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने इजरायली प्रधानमंत्री नेतन्याहू से बातचीत की है। दोनों नेताओं के बीच इस हमले को लेकर असहमति नजर आ रही है।
अमेरिकी पत्रकार ने अपनी किताब में दावा किया है कि बाइडेन एक बार नेतन्याहू पर बुरी तरह भड़क गए। इतना कि दोनों के बीच गाली-गलौज तक होने लगी। मामला इजरायली सेना का गाजा के बाद राफा में घुसने को लेकर था।
बाइडन का मानना है कि अमेरिकी अर्थव्यवस्था सही दिशा में है और इसमें उनके नीतिगत प्रयासों की अहम भूमिका रही है, लेकिन उन्हें इसका श्रेय नहीं मिल रहा है।
बाइडन ने यह टिप्पणी ऐसे समय की है जब उनके और जी-7 के अन्य नेताओं ने बुधवार को ईरान के खिलाफ नए प्रतिबंधों के समन्वय पर फोन पर चर्चा की थी।
अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में एक रैली के दौरान डोनाल्ड ट्रंप ने कमला हैरिस को मानसिक रूप से विकलांग कहा। ट्रंप का अवैध डेमोक्रेटिक सरकार पर अवैध प्रवासियों को अमेरिका में रहने की परमिशन देने का आरोप है।
15 सितंबर को भी अमेरिका के एक उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल ने बांग्लादेश की राजधानी ढाका में मोहम्मद यूनुस से मुलाकात की थी। रिपोर्ट्स के मुताबिक, तब आर्थिक विस्तार और राजनीतिक संबंधों को लेकर भरोसा दिया गया था।
अमेरिकी वाणिज्य विभाग चीन से होने वाले सुरक्षा संबंधी खतरे को देखते हुए से एक बड़ा कदम उठाने की तैयारी में है। प्रस्तावित प्रतिबंध ब्लूटूथ, सैटेलाइट और वायरलेस सुविधाओं वाले वाहनों के साथ-साथ ऑटोनॉमस वाहनों पर भी लागू होंगे।