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AI के जरिए लोकसभा चुनाव हैक करना चाहता है चीन, माइक्रोसॉफ्ट ने दी बड़ी चेतावनी

टेक कंपनी माइक्रोसॉफ्ट ने बड़ी चेतावनी देते हुए ब्लॉग पोस्ट में बताया है कि इस महीने शुरू हो रहे लोकसभा चुनावों को प्रभावित करने के लिए चाइनीज हैकर्स AI की मदद ले सकते हैं। सरकार को ऐसी कोशिशों से बचकर रहने की सलाह दी गई है।

Pranesh Tiwari लाइव हिन्दुस्तान Fri, 5 April 2024 03:59 PM
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भारत में इस महीने लोकसभा चुनाव 2024 शुरू हो रहे हैं, जो 19 अप्रैल से शुरू होकर 1 जून तक चलेंगे। इससे पहले सरकार को चेतावनी मिली है कि पड़ोसी देश चीन के हैकर्स AI टूल्स के जरिए चुनाव को प्रभावित करना चाहते हैं। टेक कंपनी माइक्रोसॉफ्ट ने एक ब्लॉग पोस्ट में बताया है कि किस तरह हैकर्स AI टूल्स का इस्तेमाल वोटर्स को प्रभावित करने के लिए कर सकते हैं।

माइक्रोसॉफ्ट ने अपने पोस्ट में लिखा है कि दुनिया के अलग-अलग देशों में इस साल बड़े चुनाव होने वाले हैं, जिनकी लिस्ट में भारत, साउथ कोरिया और अमेरिका शामिल हैं; ऐसे में चीन अपने फायदे के लिए AI जेनरेटेड कंटेंट और टूल्स का इस्तेमाल कर सकता है। अमेरिका में भी इस साल प्रेसीडेंट के लिए चुनाव होने वाले हैं और वोटर्स को प्रभावित करने के लिए चीन पहले भी ऐसी कोशिशें कर चुका है।

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हैकर्स कर रहे AI का गलत इस्तेमाल

कंपनी ने लिखा है कि हैकर्स की वजह से AI टूल्स किसी हथियार जितने खतरनाक हो गए हैं। जेनरेटिव AI टूल्स के साथ डीपफेक और एडिटेड वीडियोज बनाना आसान हो गया है और अब तो लोकप्रिय नेताओं की आवाज तक को क्लोन किया जा सकता है। ऐसे में हैकर्स फेक अकाउंट्स आसानी से ऑपरेट कर सकते हैं।

भारत और अमेरिकी सरकार के साथ चीन का टकराव साल 2020 में अमेरिका की ओर से लगाए गए व्यापारिक ट्रेड बैन के बाद से देखने को मिल रहा है। माइक्रोसॉफ्ट के थ्रेट एनालिस्ट सेंसर ने पाया है कि खासकर चुनाव के वक्त में सरकारों और कानूनी एजेंसियों को हाई-अलर्ट पर रहने की जरूरत है।

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चुनाव को प्रभावित करने की कोशिश

पोस्ट में सामने आया है कि चीन फेक सोशल मीडिया अकाउंट्स के जरिए चुनाव का हिस्सा बनने जा रहे वोटर्स को किसी भी नेता या पार्टी की झूठी छवि दिका सकता है। पिछले साल अगस्त में भी चाइनीज हैकर्स ने प्रोपोगंडा चलाया था कि अमेरिकी सरकार मौसम में बदलाव करने से जुड़े मिलिट्री-ग्रेड हथियार टेस्ट कर रही है, जिसपर चर्चा छिड़ गई थी।

साफ है कि सरकार को चुनाव के वक्त में साइबर सुरक्षा से जुड़ी मजबूत तैयारी करनी होगी। इसके अलावा डीपफेक जैसे खतरों से भी बचकर रहना होगा।

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