स्पिन बॉलिंग को खेलने का एक ही तरीका है और वह है...इंग्लैंड के पूर्व कप्तान ने बताया अचूक उपाय
- स्पिन बॉलिंग को खेलने का एक ही तरीका है और वह है कि आप घंटों इसके खिलाफ खेलें। इंग्लैंड के पूर्व कप्तान केविन पीटरसन ने ये बात कही है। उनका कहना है कि स्पिन खेलने का कोई अचूक उपाय नहीं है।
इंग्लैंड की टीम के पूर्व कप्तान केविन पीटरसन ने कहा है कि स्पिन खेलने का एक ही तरीका है कि आप स्पिनरों को घंटों तक लगातार खेलें। स्पिन खेलने का कोई त्वरित उपाय नहीं है। निश्चित तौर पर उन्होंने भारतीय बल्लेबाजों पर निशाना साधा है, जो न्यूजीलैंड के खिलाफ तीन मैचों की टेस्ट सीरीज में स्पिनरों के खिलाफ संघर्ष करते नजर आए। भारत को कीवी टीम ने 3-0 से हरा दिया और पहली बार भारत को अपने घर पर टेस्ट सीरीज में 3 या इससे ज्यादा मैचों की सीरीज में क्लीन स्वीप झेलनी पड़ी।
केविन पीटरसन ने अपने एक्स अकाउंट पर लिखा, "टेस्ट मैच क्रिकेट में बल्लेबाजी के अनुप्रयोग और तकनीक की कमी से किसी को भी आश्चर्य नहीं होना चाहिए। क्रिकेट अब एक 'स्मैकर्स' गेम बन गया है और खेल में टेस्ट मैच की बल्लेबाजी कौशल का विघटन हो रहा है। जब स्पिन खेलने की बात आती है, तो एकमात्र तरीका है, घंटों और घंटों तक इसके खिलाफ खेलना। कोई त्वरित उपाय नहीं है!" इस तरह पीटरसन ने बल्लेबाजों पर सवाल उठाया है, जो स्पिनरों को खेलने में परेशानी महसूस करते हैं।
टीम इंडिया को अपने घर पर शेर माना जाता है, क्योंकि 12 साल से टीम इंडिया घर पर टेस्ट सीरीज नहीं हारी थी। यहां तक कि इतने मैच भी नहीं हारी थी, जितने इस सीरीज में हार गई। पहले मैच में भले ही तेज गेंदबाजों ने पहली पारी में कमाल की गेंदबाजी की हो, लेकिन बाकी के मैचों में और पारियां में स्पिनरों का ही दबदबा देखने को मिला। आमतौर पर भारतीय बल्लेबाजों को स्पिन खेलने में सक्षम माना जाता है, लेकिन कीवी टीम के स्पिनर एजाज पटेल, मिचेल सैंटरन, ईश सोढ़ी और ग्लेन फिलिप्स ने भारत की नाक में दम किया। वहीं, आर अश्विन, रविंद्र जडेजा और कुलदीप यादव जैसे धाकड़ स्पिनर काफी समय तक अपनी ही परिस्थितियों में संघर्ष करते नजर आए।
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