झारखंड शिक्षक भर्ती : सुप्रीम कोर्ट की रोक से 3686 शिक्षकों समेत 9013 को राहत
झारखंड के 13 अनुसूचित जिलों में नियुक्त हाईस्कूलों के 3686 शिक्षकों को सुप्रीम कोर्ट से राहत मिल गई है। झारखंड हाईकोर्ट द्वारा नियोजन नीति रद्द करने के फैसले पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी है। ऐसे...
झारखंड के 13 अनुसूचित जिलों में नियुक्त हाईस्कूलों के 3686 शिक्षकों को सुप्रीम कोर्ट से राहत मिल गई है। झारखंड हाईकोर्ट द्वारा नियोजन नीति रद्द करने के फैसले पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी है। ऐसे में 3686 शिक्षकों के अलावा प्रभावित हो रहे 637 रेडियो ऑपरेटर, 2184 वन आरक्षी और 2506 पुलिस अवर निरीक्षक को भी राहत मिली है। सुप्रीम कोर्ट के फैसला आने तक यह सभी अपने पदों पर कार्य करते रहेंगे। हाईस्कूलों में 2018-19 में शिक्षकों की नियुक्ति हुई थी। झारखंड कर्मचारी चयन आयोग ने नई निंयोजन नीति के आधार पर हाई स्कूलों में 17,572 पदों पर शिक्षकों की नियुक्ति के लिए विज्ञापन निकाला था।
इनमें 8423 पदों पर 13 अनुसूचित जिलों में नियुक्ति होनी थी, जबकि 9149 पदों पर अन्य 11 जिलों में शिक्षक नियुक्त होने थे। जेएसएससी की परीक्षा के बाद 8371 अभ्यर्थियों ने क्वालीफाई किया और इनकी नियुक्ति की अनुशंसा की गई। इसमें से 8082 शिक्षकों ने योगदान कर लिया। इनमें 13 अनुसूचित जिले के 3686 शिक्षक और अन्य 11 जिलों के 4396 शिक्षक शामिल थे।
कब-क्या हुआ
12.12.18 : एकलपीठ में सुनवाई के बाद मामला खंडपीठ में स्थानांतरित
19.09.19 : खंडपीठ ने नियुक्ति प्रक्रिया पर रोक लगाते हुए पूर्ण पीठ में याचिका भेजी
17.03.20 : सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में मामला रहने के कारण सुनवाई स्थगित कराई
22.04.20 : प्रार्थी ने सुप्रीम कोर्ट का फैसला आ जाने की जानकारी दी और सुनवाई शुरू कराई
21.08.20 : हाईकोर्ट की पूर्णपीठ ने फैसला सुरक्षित रखा
21.09.20 : पूर्ण पीठ ने नियोजन नीति रद्द कर की
इनकी नियुक्ति हो सकती है शुरू
पद संख्या
उत्पाद सिपाही 518
एएनएम नियमित 1698
एएनएम बैकलॉग 287
स्नातक स्तरीय संयुक्त परीक्षा
सहायक प्रशाखा पदाधिकारी 362
प्रखंड आपूर्ति पदाधिकारी 223
प्रखंड कल्याण पदाधिकारी 139
अंचल निरीक्षक 170
सहकारिता प्रसार पदाधिकारी 241
प्लानिंग असिस्टेंट 05
प्रखंड पंचायत पदाधिकारी 123
अनुसूचित जिले के शिक्षकों की संख्या
अनुसूचित जिला नियुक्त शिक्षक
गुमला 319
लोहरदगा 132
खूंटी 185
रांची 461
सिमडेगा 190
दुमका 445
जामताड़ा 248
पाकुड़ 253
साहिबगंज 278
पूर्वी सिंहभूम 382
सरायकेला-खरसावां 220
पश्चिमी सिंहभूम 343
लातेहार 230
सर्वोच्च न्यायालय में इस कारण दी गई थी चुनौती
सोनी कुमारी ने सरकार की नियोजन नीति को हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। इसमें कहा गया था कि सरकार की यह नीति सही नहीं है और यह समानता के अधिकार का हनन है। सरकार के इस फैसले से किसी खास जिले के लोगों के लिए ही सारे पद आरक्षित हो गए हैं। संविधान के अनुसार किसी भी पद को शत-प्रतिशत आरक्षित नहीं किया जा सकता। नीति से राज्य के लोगों को ही अपने राज्य में नौकरी के अधिकार से वंचित होना पड़ रहा है। प्रार्थी ने अदालत को बताया था कि वह गैर अनुसूचित जिले की रहने वाली है और अनुसूचित जिले में शिक्षक के पद के लिए आवेदन दिया था, लेकिन उनका आवेदन रद्द कर दिया गया।
बता दें कि झारखंड हाईकोर्ट के आदेश के बाद 13 अनुसूचित जिलों में नियुक्त हाईस्कूलों के 3686 शिक्षकों की सेवा समाप्त करने का आदेश जारी किया गया था। सरकार ने नियोजन नीति के तहत हाई स्कूलों में 2018-19 में शिक्षकों की नियुक्ति की है।
लेटेस्ट Hindi News , बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस न्यूज, टेक , ऑटो, करियर , और राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।