ग्रेटर फरीदाबाद में 40 करोड़ से बनी सड़क 6 महीने में ही टूटी, जगह-जगह हुए गड्ढे; हादसों का खतरा बढ़ा
ग्रेटर फरीदाबाद में छह माह पहले 40 करोड़ रुपये की लागत से बनी मास्टर रोड पर जगह-जगह (सिलिपेज) गड्ढे बन गए हैं, जिससे हादसों का खतरा बढ़ गया है। रात के अंधरे में यहां कभी भी कोई बड़ा हादसा हो सकता है। ‘हिन्दुस्तान’ की पड़ताल में यह खामी सामने आई है।

ग्रेटर फरीदाबाद (ग्रेफ) में छह माह पहले 40 करोड़ रुपये की लागत से बनी मास्टर रोड पर जगह-जगह (सिलिपेज) गड्ढे बन गए हैं, जिससे हादसों का खतरा बढ़ गया है। रात के अंधरे में यहां कभी भी कोई बड़ा हादसा हो सकता है। ‘हिन्दुस्तान’ की पड़ताल में यह खामी सामने आई है।
ग्रेटर फरीदाबाद में नगर निगम और हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण की 30 मीटर से चौड़ी सभी सड़कों को फरीदाबाद महानगर विकास प्राधिकरण (एफएमडीए) को ट्रांसफर किया जा रहा है। अब तक करीब 36 मुख्य सड़कों को ट्रांसफर किया जा चुका है। इन सड़कों की कई सालों से मरम्मत नहीं हुई, जिससे खस्ताहाल अवस्था में है। इन्हें अब नए सिरे से बनाया जा रहा है।
पिछले साल एफएमडीए की ओर से सेक्टर-88 स्थित निजी अस्पताल के पास वर्ल्ड स्ट्रीट चौक तक करीब 8 किलोमीटर लंबी सड़क को नए सिरे से बनवाया। 6 माह में सड़क बनकर तैयार हुई, लेकिन अभी से सड़क पर जगह-जगह गड्ढे बनने शुरू हो गए हैं। मास्टर रोड होने की वजह से इस सड़क से रोजाना 10 हजार से अधिक लोग सफर करते हैं। जगह-जगह गड्ढों के कारण जाम की समस्या बन रही है। वहीं, हादसों का खतरा भी बढ़ गया है।
सूत्रों का कहना है कि निर्माण के दौरान पुरानी सड़क की परत नहीं उखाड़ने के कारण यह समस्या होती है। लोगों का कहना है कि बारिश के दौरान इसमें जलभराव होने से गड्ढे नजर नहीं आ रहे, इससे हादसे का खतरा बना हुआ है।
गुणवत्ता जांचने की मांग
गड्ढों से भरी इस सड़क पर रात के समय वाहनों का चलना और भी खतरनाक हो गया है। स्ट्रीट लाइट्स की कमी और गड्ढों की अनदेखी के कारण रात में कई बार वाहन चालक नियंत्रण खो बैठते हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि कई बार बाइक सवार इन गड्ढों की चपेट में आ चुके हैं, जिससे उन्हें चोटें आईं। स्थानीय आरडब्ल्यूए और समाजसेवियों ने एफएमडीए से सड़क की गुणवत्ता की जांच और मरम्मत की मांग की है। निर्माण कार्य की गुणवत्ता पर सवाल उठाने शुरू कर दिए हैं। पुरी प्राणायाम सोसाइटी आरडब्ल्यूए प्रधान योगेश मान ने बताया कि मास्टर रोड का निर्माण छह महीने पहले एफएमडीए की देखरेख में किया गया था, लेकिन सड़क की मजबूती और सुरक्षा जांच पर कोई ध्यान नहीं दिया गया।
रमेश बागड़ी, मुख्य अभियंता, एफएमडीए, ''सड़क का रखरखाव 3 साल तक निर्माण करने वाली एजेंसी के पास है। यदि कहीं सिलिपेज की समस्या हुई है तो उसे ठीक कराया जाएगा। मरम्मत कार्य के लिए ठेकेदार को आदेश दिए गए हैं।''