BSEB : बिहार बोर्ड के परीक्षा पैटर्न को अपनायेंगे 12 राज्यों के बोर्ड
बिहार बोर्ड के परीक्षा पैटर्न को 12 राज्यों के बोर्ड अपनायेंगे। 10वीं-12वीं बोर्ड का त्रुटि रहित रिजल्ट हो। परीक्षा कदाचार मुक्त हो। इसे जानने के लिए देश के कई राज्यों के बोर्ड बिहार बोर्ड से संपर्क क
बिहार बोर्ड के परीक्षा पैटर्न को 12 राज्यों के बोर्ड अपनायेंगे। 10वीं-12वीं बोर्ड का त्रुटि रहित रिजल्ट हो। परीक्षा कदाचार मुक्त हो। इसे जानने के लिए देश के कई राज्यों के बोर्ड बिहार बोर्ड से संपर्क कर रहे हैं और कई जानकारी ली जा रही है। देश का सबसे बड़ा बोर्ड उत्तर प्रदेश ने भी संपर्क किया है। इसके अलावा झारखंड, मध्य प्रदेश, राजस्थान, गुजरात बोर्ड ने भी परीक्षा लेने के पैटर्न की जानकारी ली है। बता दें कि अभी तक ओडिशा, उत्तराखंड, छत्तीसगढ़, नेपाल आदि राज्यों की ओर से ही बिहार बोर्ड से संपर्क किया गया था, लेकिन इस वर्ष उत्तर प्रदेश आदि समेत 12 राज्य अब बिहार बोर्ड के परीक्षा पैटर्न को अपनायेगा। इसमें बिहार बोर्ड का यूनिक नंबर, उत्तरपुस्तिका पर छात्रों का प्री प्रिटेंड, परीक्षा केंद्र, परीक्षार्थियों की तीन बार जांच आदि शामिल हैं। पहली बार वर्ष 2023 की मैट्रिक और इंटर परीक्षा के प्रत्येक परीक्षार्थी को यूनिक नंबर दिया गया था। इससे फर्जी छात्र का मामला काफी कम हुआ। जहां पर भी फर्जी छात्र परीक्षा में बैठे, उन्हें तुरंत पकड़ लिया गया।
बिहार बोर्ड के परिणाम में त्रुटि शून्य फीसदी
मैट्रिक और इंटर की परीक्षा बाद जहां 30 से 40 फीसदी छात्रों के रिजल्ट में त्रुटियां रहती थीं, वहीं पिछले कुछ साल में शून्य फीसदी त्रुटि रहती है। बिहार बोर्ड की मानें तो त्रुटि रहित रिजल्ट के लिए कई स्तर पर काम किये गये। इसमें डमी रजिस्ट्रेशन नंबर की जांच के साथ डमी प्रवेश पत्र जारी किया गया ताकि छात्र त्रुटि में सुधार कर सकें। इसके अलावा उत्तरपुस्तिका, ओएमआर उत्तरपत्रक आदि पर छात्रों को अब अपनी जानकारी लिखने की जरूरत नहीं होती है। बोर्ड द्वारा यह पहले से ही प्री प्रिटेंड होता है।
2023 की परीक्षा में बिहार बोर्ड ने इन चीजों को किया शुरू:
- परीक्षा शुरू होने से 30 मिनट पहले अंतिम प्रवेश दिया गया, इससे प्रश्न पत्र वायरल होने पर रोक लगी
- परीक्षार्थी को घड़ी पहन कर परीक्षा देने पर रोक लगी (केवल सूई वाली घड़ी पहननी थी)
- एक वीक्षक पर 25 छात्रों की जांच की जिम्मेवारी दी गयी
- उत्तरपुस्तिका पर प्रत्येक विद्यार्थी का फोटो देना शुरू किया गया
- प्रश्न पत्रों का दस सेट देना शुरू किया गया, जिससे परीक्षा में नकल पर रोक लगी
- परीक्षा भवन में जूता-मोजा पहनकर आना वर्जित किया गया
- रिजल्ट तैयार करने को बोर्ड का अपना सॉफ्टवेयर तैयार हुआ, जिससे रिजल्ट जारी करने में तेजी आयी
- परीक्षा की पूरी प्रणाली को कंप्यूटराइज किया गया
बिहार बोर्ड अध्यक्ष आनंद किशोर ने कहा कि बिहार बोर्ड के परीक्षा पैटर्न को जानने के लिए हाल के दिनों में उत्तर प्रदेश, झारखंड के साथ कई राज्य बोर्ड ने संपर्क किया है। बोर्ड द्वारा छात्रों को दिये गये यूनिक नंबर को अन्य बोर्ड ने काफी पसंद किया। त्रुटिपूर्ण रिजल्ट के बारे में कई राज्यों के बोर्ड ने जानकारी ली।
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