Bihar Board 10th Result 2020: बिहार बोर्ड मैट्रिक टॉपरों के अंक तो बढ़े पर 98 फीसदी तक नहीं पहुंचे
बिहार बोर्ड के मैट्रिक स्टेट टॉपर के अंक बीते दो सालों में बढ़े हैं लेकिन 98 फीसदी तक नहीं पहुंच सके हैं। पिछले छह सालों 2015 से 2020 तक की बात करें तो अब तक राज्य टॉपर 97 फीसदी अंक ही हासिल कर सके...

बिहार बोर्ड के मैट्रिक स्टेट टॉपर के अंक बीते दो सालों में बढ़े हैं लेकिन 98 फीसदी तक नहीं पहुंच सके हैं। पिछले छह सालों 2015 से 2020 तक की बात करें तो अब तक राज्य टॉपर 97 फीसदी अंक ही हासिल कर सके हैं। छह सालों में सबसे ज्यादा 2015 के स्टेट टॉपर को 97.4 फीसदी व 2019 में 97.2 फीसदी अंक मिले थे। बोर्ड ने रिजल्ट बेहतर हो इसके लिए परीक्षा पैटर्न में बदलाव किया। वस्तुनिष्ठ प्रश्नों की संख्या बढ़ाई। विकल्प वाले प्रश्न भी जोड़े गए। बावजूद अंक नहीं बढ़ पाया। हम बात 2015 से 2018 की करें तो हर साल टॉपरों के अंकों में गिरावट आयी है। 2015 में सिमुलतला के दो छात्र कुणाल और नीरज रंजन को पांच सौ में 487 (87.4 फीसदी) अंक प्राप्त हुए थे। वहीं 2016 में टॉपर के अंक में 0.8 फीसदी अंक की गिरावट आयी।
थोड़े ऊपर उठे टॉपरों के अंक
2018 में परीक्षा पैटर्न में बदलाव और 50 फीसदी वस्तुनिष्ठ प्रश्नों को लागू करने से टॉपर के अंक थोड़े बढ़े हैं। 2018 से 2019 के बीच टॉपरों के अंक में 5.79 फीसदी बढ़ोतरी हुई। 2018 में जहां 91.41 फीसदी अंक टॉपरों को मिले वहीं 2019 में 97.2 फीसदी अंक टॉपर ने प्राप्त किये।
सीबीएसई व आईसीएसई में 99% तक आते हैं अंक सीबीएसई और आईसीएसई के रिजल्ट की बात करें तो मेरिट लिस्ट में ज्यादातर विद्यार्थी 99 से 98 फीसदी के बीच रहते हैं। आईसीएसई के तो कई बार 99.9 फीसदी अंक बोर्ड टॉपर को मिले हैं। जोन वाइज टॉपर और देश के टॉपर को 99 से 98 फीसदी के बीच अंक आते हैं। टॉपर को कई विषयों में सौ में सौ अंक आते हैं।
2015 से 2020 तक अंकों में उतार-चढ़ाव
साल स्टेट टॉपर को मिले कुल अंक
2015 487 (97.4 फीसदी)
2016 483 (96.6 फीसदी)
2017 465 (93 फीसदी)
2018 457 (91.41 फीसदी)
2019 486 (97.2 फीसदी)
2020 481 (96.2 फीसदी)