रेलवे ग्रुप डी भर्ती: मैट्रिक के बाद रेलवे में सरकारी नौकरी के मौके
- पहले इस परीक्षा में प्रवेश के लिए यह जरूरी था कि छात्र आईटीआई (इंडस्ट्रियल ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट) पाठ्यक्रम उत्तीर्ण हों। पर अब कोई भी मैट्रिक उत्तीर्ण छात्र इस परीक्षा में बैठ सकते हैं। आयु सीमा है 18 से 33 वर्ष।
मैं इस वर्ष बारहवीं पूरी करूंगा। परिवार की आर्थिक हालत सही नहीं है। मेरी योग्यता के हिसाब से भारतीय रेल में कोई नियुक्ति संभव है क्या?
भारतीय रेल में कई ऐसे सहायकों (असिस्टेंट्स) के पद होते हैं, जो रेलवे की विभिन्न स्तरों पर व्यवस्थाओं के लिए जिम्मेदारी होते हैं। इनको रेलवे ग्रुप डी स्टाफ कहा जाता है। इस प्रकार के सहायकों में ट्रैक मेंटेनर, पॉइंट्स मैन (ट्रेन की गतिविधि पर नजर रखने वाला), वर्कशॉप मैकेनिकल सहायक, इलेक्ट्रिकल लोको शेड असिस्टेंट, डीजल लोको शेड असिस्टेंट, ट्रैक डिस्ट्रीब्यूशन असिस्टेंट, ट्रैक्शन लोको कंट्रोलर इत्यादि शामिल हैं। भारतीय रेल द्वारा अपने निकाय रेलवे रिक्रूटमेंट बोर्ड द्वारा रेलवे ग्रुप डी की नियुक्ति की घोषणा की जाती है और फिर प्रवेश जांच परीक्षा आयोजित होती है।
पहले इस परीक्षा में प्रवेश के लिए यह जरूरी था कि छात्र आईटीआई (इंडस्ट्रियल ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट) पाठ्यक्रम उत्तीर्ण हों। पर अब कोई भी मैट्रिक उत्तीर्ण छात्र इस परीक्षा में बैठ सकते हैं। आयु सीमा है 18 से 33 वर्ष। परीक्षा के तीन चरण होते हैं -कंप्यूटर बेस्ड टेस्ट यानी सीबीटी, मेडिकल एफिशिएंसी टेस्ट और मेडिकल एंड डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन। इन तीनों चरणों में उत्तीर्ण छात्रों का चयन होता है। चूंकि मैट्रिक या आईटीआई इस सेवा में प्रवेश की शैक्षणिक योग्यता है, अत: प्रवेश जांच परीक्षा का स्तर भी मैट्रिक का होता है। सीबीटी में सामान्य विज्ञान, सामान्य रीजनिंग, गणित व करंट अफेयर्स से संबंधित कुल 100 मल्टीपल चॉइस प्रश्नों को 90 मिनट में हल करना होता है। जानकारी के लिए rrbapply.gov.in पर आधिकारिक नोटिफिकेशन को भी एक बार जरूर देख लें।
बीएससी इन कंप्यूटर साइंस का कोर्स कर रही हूं। मेरी खास रुचि एनिमेशन में है। इस क्षेत्र का क्या भविष्य है और मैं इसमें कैसे आगे बढ़ सकती हूं? प्रिया राज
एक अनुमान के अनुसार, कंप्यूटर एनिमेशन और गेमिंग का उद्योग भारत में आज लगभग बीस हजार करोड़ रुपये का है और इसमें प्रत्येक वर्ष 20 से अधिक की वृद्धि देखी जा रही है। विज्ञापन से लेकर किसी भी प्रकार के ग्राफिक डिजाइनिंग, गेमिंग, वेबसाइट, फिल्म एनिमेशन, टेलीविजन सीरियल एनिमेशन, एडवरटाइजिंग, ई-लर्निंग सॉफ्टवेयर, विजुअल प्रेजेंटेशन, लोगो डिजाइन, विजुअल इफेक्ट्स, विजुअल कम्यूनिकेशन सहित अनगिनत क्षेत्रों का आधार कंप्यूटर एनिमेशन ही है। आज अच्छे एनिमेशन एक्सपर्ट्स की उपरोक्त सभी उद्योगों में भारी कमी है। इस क्षेत्र में सफल होने के लिए क्रिएटिविटी, कल्पनाशीलता, तर्कक्षमता के साथ मजबूत कम्यूनिकेशन स्किल बेहद आवश्यक है।
बैचलर ऑफ साइंस इन कंप्यूटर साइंस या बैचलर ऑफ कंप्यूटर एप्लीकेशन जैसा पाठ्यक्रम एनिमेशन के क्षेत्र में बेहतर करियर बनाने का मजबूत आधार है। आप अपने इस डिग्री कोर्स के साथ-साथ एनिमेशन का कोर्स ज्वाइन कर लें। विभिन्न निजी संस्थान एनिमेशन में 6 माह से लेकर 1 वर्ष तक की अवधि वाले पाठ्यक्रम कराते हैं। अपना एनिमेशन पाठ्यक्रम पूरा करने के बाद कम से कम दो साल की जॉब किसी एनिमेशन इस्तेमाल करने वाली कंपनी, जैसे एडवरटाइजिंग एजेंसी, गेमिंग या एंटरटेनमेंट कंपनी में अवश्य कर लें। इससे आप एनिमेशन पर अपनी मजबूत पकड़ बना लेंगी और फिर आपको अपने सामने अनेक रोजगार विकल्प खुलते नजर आएंगे।
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