Income Tax Calculation: 12 नहीं, 12.75 लाख तक नहीं लगेगा कोई भी टैक्स; जानें नई आयकर व्यवस्था का गणित
- नए कराधान व्यवस्था के तहत 12 लाख तक की आय पर कोई आयकर नहीं लगेगा। इसका मतलब यह है कि यदि किसी व्यक्ति की सामान्य आय 1 लाख प्रति माह है, तो उसे अब कोई आयकर नहीं देना होगा।

New Income Tax Slab: केंद्र सरकार ने आज अपने वित्तीय बजट 2025-26 के लिए नई टैक्स नीति की घोषणा की है। इसके तहत करदाताओं को बड़ी राहत दी गई है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आयकर स्लैब में महत्वपूर्ण बदलाव की घोषणा की है। उन्होंने कहा कि 2014 के बाद से सरकार ने करदाताओं के कर बोझ को कम करने के लिए कई बार आयकर स्लैब में वृद्धि की है। पहले 2014 में 'निल टैक्स' स्लैब को 2.5 लाख तक बढ़ाया गया था, फिर 2019 में इसे 5 लाख और 2023 में 7 लाख तक बढ़ाया गया था।
अब इस बजट में सरकार ने घोषणा की है कि नए कराधान व्यवस्था के तहत 12 लाख तक की आय पर कोई आयकर नहीं लगेगा। इसका मतलब यह है कि यदि किसी व्यक्ति की सामान्य आय 1 लाख प्रति माह है, तो उसे अब कोई आयकर नहीं देना होगा। सैलेरी वर्ग के लिए भी राहत की बात है। इस वर्ग के लिए 12.75 लाख तक की आय पर आयकर लागू नहीं होगा, क्योंकि उन्हें 75,000 का स्टैंडर्ड डिडक्शन लाभ मिलता है। इसके साथ ही उन्हें करीब 80 हजार रुपये का फायदा होगा।
आयकर स्लैब कर दर
4,00,000 रुपये तक की आय पर कोई कर नहीं
4,00,001 से 8,00,000 रुपये 5%
8,00,001 से 12,00,000 रुपये 10%
12,00,001 से 16,00,000 रुपये 15%
16,00,001 से 20,00,000 रुपये 20%
20,00,001 से 24,00,000 रुपये 25%
24,00,001 से अधिक आय पर 30%
आपको बता दें कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आम बजट 2025-26 में आय के स्रोत पर कर की कटौती (टीडीएस) की दरों में कटौती के लिये न्यूनतम आय की सीमा को बढ़ाया है। वरिष्ठ नागरिकों को ब्याज से मिलने वाले आय पर टीडीएस कटौती की सीमा 50 हजार रुपये वार्षिक से बढ़ाकर एक लाख रुपये वार्षिक की गयी। किराये से होने वाली आय पर टीडीएस के लिये आय की न्यूनतम सीमा 2.40 लाख से बढ़ाकर छह लाख रुपये वार्षिक की है। विदेश में पैसा भेजने की रिजर्व बैंक की उदार योजना (एलआरएस) के तहत टीसीएस छह लाख रुपये की जगह 10 लाख रुपये के ऊपर की रकम पर लागू होगा।