Chinese factories are stopping production and looking for indian markets amid US tariffs पाकिस्तान का साथ देने वाला चीन का हुआ बुरा हाल, कई फैक्ट्रियों पर लगे ताले, अब भारत से राहत की उम्मीद, Business Hindi News - Hindustan
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पाकिस्तान का साथ देने वाला चीन का हुआ बुरा हाल, कई फैक्ट्रियों पर लगे ताले, अब भारत से राहत की उम्मीद

अमेरिकी टैरिफ के प्रभाव के कारण चीनी निर्माता प्रोडक्शन रोक रहे हैं और नए बाजारों की ओर रुख कर रहे हैं। इससे चीन में कईयों की नौकरी संकट में हैं।

Varsha Pathak लाइव हिन्दुस्तानMon, 28 April 2025 06:57 PM
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पाकिस्तान का साथ देने वाला चीन का हुआ बुरा हाल, कई फैक्ट्रियों पर लगे ताले, अब भारत से राहत की उम्मीद

जहां एक तरफ पहलगाम आतंकी हमले में पाकिस्तान की ओर की गई मागों का चीन ने समर्थन किया है। वहीं, दूसरी तरफ अमेरिकी टैरिफ से बुरी तरह प्रभावित चीन की कंपनियों के हालात पस्त होते नजर आ रहे हैं। सीएनबीसी इंटरनेशनल की एक रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिकी टैरिफ के प्रभाव के कारण चीनी निर्माता प्रोडक्शन रोक रहे हैं और नए बाजारों की ओर रुख कर रहे हैं। इससे चीन में कई कर्मचारियों के नौकरी खतरे में आ गए हैं।

क्या है रिपोर्ट

कंसल्टिंग फर्म टाइडलवेव सॉल्यूशंस के शंघाई स्थित सीनियर पार्टनर कैमरन जॉनसन ने कहा, "मैं कई फैक्टरीज को जानता हूं जिन्होंने अपने आधे कर्मचारियों को कुछ हफ्तों के लिए घर जाने के लिए कहा है और अपने अधिकांश ने प्रोडक्शन को रोक दिया है।" उन्होंने कहा कि ट्रंप टैरिफ से खिलौने, खेल के सामान और कम कीमत वाले फैक्ट्रियां अभी सबसे अधिक प्रभावित हैं और इस तरह की फैक्ट्रियां बंद होने की कगार पर पहुंच गए हैं। जॉनसन ने कहा, "अभी बड़े पैमाने पर नहीं, लेकिन यिवू और डोंगगुआन के प्रमुख (निर्यात) केंद्रों में यह हो रहा है और चिंता है कि यह बढ़ेगा। उम्मीद है कि टैरिफ कम हो जाएंगे ताकि ऑर्डर फिर से शुरू हो सकें, लेकिन इस बीच कंपनियां कर्मचारियों को छुट्टी दे रही हैं और कुछ प्रोडक्शन बंद कर रही हैं।" गोल्डमैन सैक्स के अनुमान के अनुसार, चीन में लगभग 10 मिलियन से 20 मिलियन कर्मचारी अमेरिका जाने वाले निर्यात कारोबार से जुड़े हैं। पिछले साल चीन के शहरों में कर्मचारियों की आधिकारिक संख्या 473.45 मिलियन थी।

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ट्रंप ने लगाए 100% से अधिक टैरिफ

बता दें कि इस महीने की कई घोषणाओं के बाद अमेरिका ने चीनी वस्तुओं पर 100% से अधिक टैरिफ बढ़ा दिए, जिसके जवाब में चीन ने भी जवाबी शुल्क लगा दिया। गुरुवार को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि बीजिंग के साथ कारोबारी नेगोशिएशन चल रही है, जबकि चीनी पक्ष ने इस बात से इनकार किया है कि कोई भी नेगोशिएशन चल रही है।

भारत बना सहारा!

एनालिस्ट् का कहना है कि चीनी कंपनियां अन्य देशों के जरिए से अमेरिका को निर्यात करने पर विचार कर रही हैं। इस बीच, कई कंपनियां दक्षिण पूर्व एशिया में भारत में प्रोडक्शन में विविधता ला रही हैं, जबकि अन्य अमेरिकी ग्राहकों से यूरोप और लैटिन अमेरिका के ग्राहकों की ओर रुख कर रही हैं। ईटी की एक रिपोर्ट में बताया गया है कि अमेरिकी टैरिफ से बुरी तरह प्रभावित चीन की कंपनियां भारतीय निर्यातकों के संपर्क में हैं। कुछ चीन स्थित कंपनियां भारतीय निर्यातकों से संपर्क कर रही हैं, ताकि वे अपने ऑर्डर पूरे कर सकें और उन्हें अपने अमेरिकी कस्टमर को बनाए रखने में मदद कर सकें, क्योंकि वे ग्लोबल कॉमर्स में भूचाल लाने वाले ट्रेड वॉर से निपट रहे हैं। फेडरेशन ऑफ इंडियन एक्सपोर्ट ऑर्गनाइजेशन के महानिदेशक अजय सहाय ने कहा, 5 मई तक गुआंगजौ में चलने वाले कैंटन फेयर में (जो दुनिया का सबसे बड़ा कारोबार मेला है) कई भारतीय कंपनियों से चीनी कंपनियों ने अपने अमेरिकी ग्राहकों को सामान की सप्लाई करने के लिए संपर्क किया। इधर, खबर है कि चीन की एक बड़ी इलेक्ट्रॉनिक्स कंपनी हायर (Haier) की भारतीय यूनिट में मुकेश अंबानी हिस्सेदारी खरीद सकते हैं। हायर कंपनी भारत में अपने कारोबार को बढ़ाना चाहती है और इसके लिए वह किसी भारतीय कंपनी को अपना पार्टनर बनाना चाहती है।

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