10 लाख से अधिक निवेशकों के लिए बड़ी खबर, इस फर्म ने इंट्रा-डे शॉर्ट-सेलिंग पर लगाई रोक
- Short Selling Ban: फाइनेंशियल सर्विसेज फर्म मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज सोमवार यानी आज से अपने ग्राहकों को उन शेयरों पर इंट्राडे शॉर्ट-सेलिंग पोजीशन लेने से रोक लगाक दी है, जो फ्यूचर एंड ऑप्शन (एफ एंड ओ) सेगमेंट का हिस्सा नहीं हैं।

फाइनेंशियल सर्विसेज फर्म मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज के 10 लाख से अधिक ग्राहकों के लिए जरूरी खबर है। फर्म ने सोमवार यानी आज से अपने ग्राहकों को उन शेयरों पर इंट्राडे शॉर्ट-सेलिंग पोजीशन लेने से रोक लगाक दी है, जो फ्यूचर एंड ऑप्शन (एफ एंड ओ) सेगमेंट का हिस्सा नहीं हैं। मोतीलाल ओसवाल फाइनैंशियल सर्विसेज के जनवरी अंत तक 10.3 लाख क्लाइंट्स हैं और यह पहला बड़ा ब्रोकरेज फर्म है, जिसने ऐसे समय में ऐसा कदम उठाया है, जब बाजार लगातार पांच महीने से पस्त है।
शॉर्ट-सेलिंग क्या है
शॉर्ट-सेलिंग उन शेयरों को बेचने की की प्रैक्टिस है, जो ट्रांजैक्शन के समय खुद के पास नहीं होते हैं। एक ब्रोकर ने नाम न छापने की शर्त पर कहा कि सेबी द्वारा गठित उद्योग मानक फोरम (आईएसएफ) में शामिल एक्सचेंज, ब्रोकर और अन्य स्टेक होल्डर्स पिछले साल जारी शॉर्ट-सेलिंग पर रेगुलेटरी सर्कुलर पर अधिक स्पष्टता की मांग कर रहे हैं।
वर्तमान में, खुदरा निवेशक केवल इंट्राडे आधार पर स्टॉक बेच सकते हैं यदि उनके पास शेयर नहीं हैं। अगर क्लाइंट के पास शेयर नहीं हैं तो ट्रेडिंग बंद होने से पहले, सेल पोजीशन को बंद करना होगा । दूसरी ओर, संस्थागत निवेशक जो शॉर्ट सेल करते हैं, उन्हें एक्सचेंज के स्टॉक लेंडिंग एंड बॉरोइंग मैकेनिज्म (एसएलबीएम) से शेयर उधार लेने होते हैं और डिलीवरी देनी होती है।
सेबी के सर्कुलर का हवाला
मोतीलाल ओसवाल ने शुक्रवार को अपने बिजनेस पार्टनर्स या ऑथराइज्ड पर्सनेल (एपी) को भेजे नोट में पिछले साल 5 जनवरी को सेबी के सर्कुलर का हवाला दिया था, जिसमें शॉर्ट सेलिंग-सेलिंग स्टॉक्स की रूपरेखा बताई गई थी, जो ट्रेड के समय उनके पास नहीं होती है। एपी ग्राहकों के ऑनबोर्डिंग में दलालों की मदद करते हैं।
उन्होंने कहा, 'हम इंट्राडे प्रॉडक्ट में शॉर्ट सेलिंग के लिए नॉन-एफऐंडओ स्टॉक्स को सीमित करेंगे। यह 03 मार्च 2025 से प्रभावी होगा, "फर्म ने अपने व्यापार भागीदारों को नोट में कहा। नोट में आगे कहा गया है, 'आपसे अनुरोध है कि इंट्राडे प्रोडक्ट में ऑर्डर देने से पहले इसे नोट कर लें क्योंकि खरीदारी पर पहला ट्रेड ही किया जाना चाहिए।
सेबी के सर्कुलर में इन्हें है शॉर्ट सेलिंग की अनुमति
दिलचस्प बात यह है कि सेबी के सर्कुलर में रिटेल के साथ-साथ संस्थागत निवेशकों को शॉर्ट सेलिंग की अनुमति दी गई है, जबकि किसी भी वर्ग के निवेशक द्वारा शॉर्ट पोजिशन को आगे बढ़ाने या शॉर्ट पोजिशन को आगे बढ़ाने पर रोक लगाई गई है, जिसके पास शेयर नहीं हैं।
बजट जानें Hindi News, Business News की लेटेस्ट खबरें, शेयर बाजार का लेखा-जोखा Share Market के लेटेस्ट अपडेट्स Investment Tips के बारे में सबकुछ।