फेस्टिव सीजन में सोना खरीदने से पहले इन 5 तरीकों से उसकी शुद्धता जांचें
- How to check purity of gold: धोखाधड़ी से बचने के लिए हॉलमार्क के निशान वाले सोने के आभूषण ही भरोसेमंद ज्वेलर्स से खरीदने चाहिए। यहां कुछ ऐसे आसान तरीके बताए जा रहे हैं, जिनकी मदद से खरे सोने की पहचान की जा सकती है।
How to check purity of gold: भारतीय परंपरा में सोना खरीदना बेहद शुभ माना जाता है। अगर मौका दिवाली का हो तो यह सोने पर सुहागा हो जाता है। सोना धन और समृद्धि का प्रतीक है। फेस्टिव सीजन में सोना खरीदने से पहले उसकी शुद्धता की पहचान करना बहुत जरूरी है। विशेषज्ञों का कहना है कि किसी भी धोखाधड़ी से बचने के लिए हॉलमार्क के निशान वाले सोने के आभूषण ही भरोसेमंद ज्वेलर्स से खरीदने चाहिए। यहां कुछ ऐसे आसान तरीके बताए जा रहे हैं, जिनकी मदद से खरे सोने की पहचान की जा सकती है।
शुद्ध सोना कितने कैरेट का
सोने का सबसे शुद्ध रूप 24 कैरेट का होता है। यह बहुत मुलायम होता है। यही कारण है कि इससे गोल्ड ज्वेलरी नहीं बन सकती है, इसलिए अगर कोई जौहरी यह दावा कर रहा है कि वह 24 कैरेट के खरे सोने की ज्वेलरी दे रहा है तो वह आपके साथ धोखाधड़ी कर रहा है। आमतौर पर गोल्ड ज्वेलरी और अन्य वस्तुएं बनाने के लिए 14 से 22 कैरेट सोने का इस्तेमाल होता है, जिसमें अधिकतम 91.6% सोना होता है। इसके अलावा गोल्ड ज्वेलरी आइटम्स को मजबूती देने के लिए उसमें चांदी, तांबा और जिंक जैसी धातुओं को मिलाया जाता है। इसलिए सोना खरीदने से पहले हमेशा कैरेट की जांच करें।
सोने की शुद्धता तीन निशानों से ऐसे पहचानें
1. बीआईएस स्टैंडर्ड मार्क
यह निशान एक त्रिकोण के आकार में होता है, जिसके नीचे “BIS” लिखा होता है। यह निशान सोने की शुद्धता का सबसे बड़ा प्रमाण होता है। यह दर्शाता है कि सोने की जांच बीआईएस से मान्यता प्राप्त लैब में की गई है और यह तय शुद्धता के मानकों को पूरा करता है।
2. एचयूआईडी संख्या
यह छह अंकों की हॉलमार्क विशिष्ट पहचान संख्या (HUID) होती है, जो सभी हॉलमार्क गोल्ड पर होती है। यह नंबर आभूषण निर्माता और हॉलमार्किंग केंद्र को ट्रैक करने में मदद करता है। सोने के आभूषण खरीदते समय इसकी भी जांच जरूर करें।
3. शुद्धता का ग्रेड
यह दूसरा महत्वपूर्ण निशान है, जो कैरेट और अंक में दर्शाया जाता है।
22K (916): 91.6% शुद्ध सोना
18K (750): 75% शुद्ध सोना
14K (585): 58.5% सोना
4. ज्वैलर्स की पहचान और हॉलमार्किंग सेंटर का लोगो
सोने के गहनों पर ज्वैलर्स की पहचान और हॉलमार्किंग सेंटर का लोगो भी होना चाहिए। हर बीआईएस प्रमाणित ज्वैलर की एक यूनिक पहचान होती है, जो गहनों पर अंकित होती है। इसके अलावा, हॉलमार्किंग सेंटर का लोगो यह दर्शाता है कि गहनों की शुद्धता की जांच एक मान्यता प्राप्त केंद्र पर की गई है।
5. मोबाइल ऐप के जरिए जांच
सबसे पहले गूगल प्ले स्टोर या एप्पल ऐप स्टोर से BIS केयर ऐप डाउनलोड करें।
यह ऐप भारतीय मानक ब्यूरो द्वारा बनाया गया है, जो सोने-चांदी समेत कई प्रोडक्ट्स की गुणवत्ता और वैधता की जांच करने में मदद करता है।
ऐप के होमपेज पर जाकर ‘वेरिफाई HUID’ के ऑप्शन पर क्लिक करें।
इसके बाद अपने गहनों पर लिखे 6 अंकों के HUID कोड को दर्ज करें।
अगर ज्वेलरी असली होगी तो ऐप ज्वेलरी की शुद्धता, प्रोडक्ट का नाम जैसी जानकारी दिखाएगा।
इन बातों का भी ध्यान रखें
1. कीमत की जांच कर लें : जिन दिन खरीदना चाहते हैं, उस दिन का भाव इंडियन बुलियन एंड ज्वैलर्स एसोसिएशन की वेबसाइट (https://www.ibja.co/) पर जाकर जरूर पता कर लें। सोने का भाव 24 कैरेट, 22 कैरेट और 18 कैरेट के हिसाब से अलग-अलग होता है।
2. वजन जरूर चेक करें : गहने के वजन का खास ध्यान रखें। इसमें जरा सा भी अंतर होने पर कीमत में बड़ा अंतर आ सकता है। इससे बचने के लिए ज्वेलर्स से सर्टिफिकेट भी मांग सकते हैं।
3. पक्का बिल ही लें : हॉलमार्क वाला सोना लेने के साथ खरीद का प्रामाणिक बिल प्राप्त करें। बिल में प्रत्येक वस्तु का विवरण, कीमती धातु का शुद्ध वजन, कैरेट में शुद्धता और हॉलमार्किंग शुल्क की आवश्यकता होनी चाहिए।
4. मेकिंग चार्ज पर करें मोल-भाव : इस शुल्क पर कोई सरकारी दिशा-निर्देश नहीं है और इसलिए ज्वेलर्स अपनी लागत के हिसाब से 2 फीसदी से 20 फीसदी तक वसलूते हैं। इसलिए मेकिंग चार्ज को लेकर मोल-भाव जरूर करें। ऐसा करने पर ज्वेलर इसमें थोड़ी बहुत छूट देते हैं।
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