Hindi Newsबिज़नेस न्यूज़Amendment in Finance Bill Will those who have already bought property benefit or those who buy later

फाइनेंस बिल में संशोधन, पहले से प्रॉपर्टी खरीद चुके लोगों को होगा फायदा या बाद वालों को?

  • एसबीआई ने वित्तीय वर्ष 2024-25 की बजट समीक्षा में स्पष्ट तौर पर लिखा था कि इस फैसले से प्रॉपर्टी बाजार में नकदी का लेनदेन बढ़ सकता है। ऐसे में सरकार ने विकल्प देने का फैसला लिया है।

Drigraj Madheshia नई दिल्ली, प्रमुख संवाददाता    Wed, 7 Aug 2024 06:27 AM
share Share

एलटीसीजी इंडेक्सेशन के तहत टैक्सपेयर्स को दो विकल्प देने के लिए संशोधन को पेश कर दिया है। नई टैक्स व्यवस्था में 12.5 फीसदी बिना इंडेक्सेशन के लागू रहेगा। जबकि, पुरानी कर व्यवस्था में 20 फीसदी इंडेक्सेशन के साथ का विकल्प रहेगा। सरकार ने फाइनेंस बिल में संशोधन पेश किया है, जिससे करदाताओं को 23 जुलाई 2024 से पहले खरीदी संपत्ति के लिए इंडेक्सेशन के बिना 12.5 फीसदी या इंडेक्सेशन के साथ 20 फीसद टैक्स चुनने की मंजूरी मिल सके। पुरानी कर व्यवस्था में सरकार 23 जुलाई से पहले की संपत्ति पर ही इंडेक्सेशन को मंजूरी देगी।

वित्तीय संस्थानों की सलाह के बाद लिया फैसला

लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स (एलटीसीजी) को लेकर सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। माना जा रहा है कि सरकार ने विशेषज्ञों की सलाह और वित्तीय संस्थानों की सलाह के बाद विकल्प देने का फैसला लिया है, क्योंकि भारतीय स्टेट बैंक समेत अन्य संस्थाओं ने एलटीसीजी से इंडेक्सेशन हटाए जाने पर चिंता जताई थी।

एसबीआई ने वित्तीय वर्ष 2024-25 की बजट समीक्षा में स्पष्ट तौर पर लिखा था कि इस फैसले से प्रॉपर्टी बाजार में नकदी का लेनदेन बढ़ सकता है। ऐसे में सरकार ने विकल्प देने का फैसला लिया है। बजट में सरकार ने एलटीसीजी को मौजूदा 20 प्रतिशत से घटाकर 12.5 प्रतिशत कर दिया है लेकिन इंडेक्शेशन को हटा दिया गया है, जिसको लेकर संसद भी सदस्यों ने सवाल उठाए हैं।

 

ये भी पढ़ें:पारिवारिक संपत्ति का बंटवारा होगा आसान, योगी सरकार का फैसला; जानें डिटेल

संपत्ति पर इंडेक्सेशन को इस प्रकार समझें

दरअसल इंडेक्सेशन के जरिए बढ़ी हुई महंगाई और विकास शुल्क के खर्च को ध्यान में रखकर खरीद मूल्य की गणना की जाती है। यानी संपत्ति पर दिए जाने वाले लंबी अवधि के कैपिटल गेन टैक्स में से ये मूल्य घटाया जाता है। उदाहरण के तौर पर कोई संपत्ति आपने 10 लाख रुपये में खरीदी। पांच साल बाद आप इसे 20 लाख रुपये की बेचते हैं। इस तरह आपका 10 लाख रुपये का मुनाफा या कहें कि कैपिटल गेन हुआ है। 

इस पर लंबी अवधि का कैपिटल गेन टैक्स लगता है, लेकिन इंडेक्सेशन के चलते आपका खरीद मूल्य 10 लाख रुपये से बढ़ जाएगा। मतलब इस पर इंडेक्सेशन की सालाना दर के हिसाब से गणना होगी। इस मामले में 23 जुलाई को ग्रैंडफादरिंग डेट तय की गई है। इसका मतलब है कि 23 जुलाई 2024 से पहले बेची गई प्रॉपर्टी के लिए दोनों विकल्प मौजूद होंगे।

 

ये भी पढ़ें:घर खरीदारों को मोदी सरकार देगी बड़ी राहत, LTCG टैक्स नियम बदलने का प्रस्ताव

प्रॉपर्टी बाजार में निवेश बढ़ने की उम्मीद

सीए विनीत राठी का कहना है कि विकल्प दिए जाने से उन लोगों को खासा लाभ होगा जिन्होंने इसी वर्ष 23 जुलाई से पहले कोई संपत्ति खरीदी है। इससे प्रॉपर्टी बाजार को भी लाभ होगा। क्योंकि अब लोग पुराने प्रॉपर्टी को बेचकर नई जगह पैसा भी लगाने को प्रोत्साहित होंगे। फाइनेंस बिल में करीब 40 संशोधन हैं। बजट में पेश नई कैपिटल गेंस रिजीम को लेकर बदलाव में करदाताओं के द्वारा उठाई गई चिंताओं को हल करने की कोशिश की गई है।

 बजट 2024 जानेंHindi News  ,  Business News की लेटेस्ट खबरें, इनकम टैक्स स्लैब Share Market के लेटेस्ट अपडेट्स Investment Tips के बारे में सबकुछ।

अगला लेखऐप पर पढ़ें