भूख हड़ताल पर बुध बाजार के खोखा संचालक
Moradabad News - हाईकोर्ट के निर्देश पर बुध बाजार के 13 खोखों को ध्वस्त किया गया। खोखा संचालकों ने अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल शुरू की है। उनका कहना है कि उनके सामने बेरोजगारी का संकट गहरा गया है। नगर निगम से मांग की गई...

हाईकोर्ट के निर्देश पर ध्वस्त किए गए खोखों का मामला रविवार को फिर गरमा गया। बुध बाजार के 13 खोखे वालों ने अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल शुरू कर दी। उनका कहना था कि उनके सामने रोजी-रोटी का संकट गहरा गया है। नगर निगम बिना प्रीमियम अदा किए दुकानों को आवंटित करे। मांग नहीं माने जाने पर सोमवार को अपर नगर आयुक्त अजीत कुमार सिंह के आवास पर भूख हड़ताल की जाएगी। इसकी जिम्मेदारी निगम अफसरों की होगी। रविवार सुबह से ही खोखा संचालक रतन भाटिया, गिरधर भाटिया, रामलुभाया, मेहराज नवी, शमशाद आलम, फजलुर्रहमान, मोहम्मद अनस, राजीव छावड़ा, ऋषि धमीजा आदि बुध बाजार पहुंचे।
ध्वस्त की गई दुकानों के आगे भूख हड़ताल शुरू कर दी। खोखा संचालक गिरधर भाटिया ने बताया कि सभी 13 खोखे वाले बेरोजगार हो गए हैं। उजाड़ने से पहले बसाने की व्यवस्था की जानी चाहिए। बिना प्रीमियम के दुकानें आवंटित की जाएं। मांग नहीं मानी गई तो सोमवार को अपर नगर आयुक्त के घर के बाहर भूख हड़ताल की जाएगी। यह था मामला मुरादाबाद। स्मार्ट सिटी के तहत बुध बाजार का सौंदर्यीकरण किया गया है। 13 खोखे सौंदर्यीकरण में बाधा बने हुए थे। खोखे वाले हाईकोर्ट पहुंचे थे। कोर्ट ने स्थगन आदेश जारी किया था। निगम ने मजबूत पैरवी की। चार अप्रैल को स्टे खारिज कर दिया गया। खोखा संचालकों को निर्देशित किया गया कि वह खुद ही अपनी-अपनी दुकानें हटा लें। निगम द्वारा आवंटित की गई दूसरी दुकानों में शिफ्ट हो जाएं। इसके बाद भी किसी भी खोखा संचालक द्वारा शिफ्टिंग की कार्रवाई नहीं की। दूसरी जगह दुकान लेने के लिए आवेदन तक नहीं किया। हाईकोर्ट के निर्देश पर शनिवार सुबह पुलिस-प्रशासन व नगर निगम के अफसरों ने बुलडोजर के द्वारा सभी दुकानों को ध्वस्त करने की कार्रवाई की थी। खोखा धारकों को वैकल्पिक दुकान आवंटन का अब कोई अधिकार नहीं मुरादाबाद। नगर निगम द्वारा आरक्षित दुकानें अब सार्वजनिक नीलामी के माध्यम से आवंटित की जाएंगी। उच्च न्यायालय के आदेशों के अनुपालन में संबंधित खोखा धारकों को अन्यत्र शॉपिंग कॉम्प्लेक्स में रियायती दरों पर दुकान आवंटित करने एवं खोखा स्थानांतरण हेतु प्रस्ताव प्रदान किया गया था। निगम द्वारा खोखा संचालकों को इसका अवसर भी दिया। नगर आयुक्त दिव्यांशु पटेल ने बताया कि निर्धारित समय में किसी के द्वारा दुकान आवंटन के लिए आवेदन नहीं किया। अब नगर निगम द्वारा दी गई समय सीमा समाप्त हो चुकी है। अतः पूर्व खोखा धारक अब अन्यत्र दुकान आवंटन का कोई दावा या अधिकार प्रस्तुत करने के पात्र नहीं रह गए हैं। नगर निगम अब इन आरक्षित दुकानों का सार्वजनिक नीलामी के माध्यम से पारदर्शी तरीके से आवंटन करेगा, जिससे पात्र एवं इच्छुक नागरिकों को समान अवसर प्रदान किया जा सकेगा।
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