शव को नहर में फेंके जाने का मामला, हाईकोर्ट ने नीतीश सरकार से कहा; पुलिस को संवेदनशील बनाएं
सड़क दुर्घटना में मृत व्यक्ति को पोस्टमार्टम कराने के बजाये नहर में फेंके जाने के मामले में पटना हाईकोर्ट ने स्वत संज्ञान लेते हुए राज्य सरकार से जवाब तलब किया है।
सड़क दुर्घटना में मृत व्यक्ति को पोस्टमार्टम कराने के बजाये नहर में फेंके जाने के मामले में पटना हाईकोर्ट ने स्वत संज्ञान लेते हुए राज्य सरकार से जवाब तलब किया है। कोर्ट ने राज्य सरकार को ऐसे मामले के लिए गाइडलाइन बना लागू करने की बात कही। सोमवार को मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति के विनोद चन्द्रन और न्यायमूर्ति राजीव रॉय की खंडपीठ ने वेब पोर्टल पर चल रही खबर पर संज्ञान ले कार्रवाई शुरू की।
गौरतलब है कि हाजीपुर-मुजफ्फरपुर एनएच के ढोढ़ी पुल के समीप सड़क दुर्घटना में मृत व्यक्ति को पुलिस वाले अस्पताल भेजने के बजाये उसे नहर में फेंकने जाने की खबर पर कोर्ट ने स्वत संज्ञान लिया। कोर्ट का कहना था कि ऐसे मामले में खास कर पुलिसकर्मियों को काफी संवेदनशील होना चाहिए। कोर्ट ने राज्य सरकार को गाइड लाइन तैयार करने की बात कही। कोर्ट ने अपने स्तर से भी कुछ गाइडलाइन दिया है। इस केस में केंद्रीय गृह मंत्रालय सहित रेलवे, आरपीएफ के डीजी, राज्य सरकार, गृह विभाग के प्रधान सचिव, डीजीपी, स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव और परिवहन विभाग के प्रधान सचिव को प्रतिवादी बनाया है।
राज्य सरकार की ओर से महाधिवक्ता ने कोर्ट को बताया कि घटना की जानकारी होने के बाद राज्य सरकार ने कार्रवाई की है। कोर्ट ने कोविड के दौरान मृत शवों को लेकर राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की ओर जारी गाइडलाइन का हवाला देते हुए सरकार को कार्रवाई करने का आदेश दिया।
सिपाही निलंबित, दो होमगार्ड हटाए गए
बता दें कि एनएच 22 पर हुई सड़क दुर्घटना में एक अज्ञात व्यक्ति की जान चली गई। घटनास्थल पर पहुंची पुलिस ने शव को अस्पताल या पोस्टमार्टम के लिए भेजे जाने की बजाये अमानवीय तरीके से पुल के ऊपर रेलिंग से लाठियों के सहारे नहर में फेंक दिया। पुलिस की इस शर्मनाक करतूत का किसी ने वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया। इस बीच वीडियो में मौजूद पुलिस चालक को निलंबित कर दिया गया है। होमगार्ड के दो सिपाहियों को हटाने का निर्देश गृह रक्षा वाहिनी निदेशालय को दिया गया है। मुख्यालय एडीजी जेएस गंगवार ने कहा कि मुख्यालय ने कृत्य को गंभीरता से लिया है। पूरे मामले में असंवेदनशीलता दिखाई गई है। ओपी प्रभारी से भी जवाब लिया जाएगा।