प्रशांत किशोर पर JDU का एक और हमला; NGO के रास्ते जन सुराज में काला धन लगाने का आरोप
- जेडीयू प्रवक्ता नीरज कुमार ने प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी पर एक एनजीओ के जरिए फंडिंग करवाने और इसमें काला धन को सफेद बनाने के खेल का आरोप लगाया है। उन्होंने प्रशांत किशोर से पारदर्शिता के साथ इस मसले पर सफाई देने कहा है।
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एक समय नीतीश कुमार की पार्टी में नंबर 2 की हैसियत में दिख रहे प्रशांत किशोर के पीछे अब जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) लग गई है। चार दिन पहले जेडीयू प्रवक्ता नीरज कुमार ने पार्टी की फंडिंग को लेकर जन सुराज पार्टी के सूत्रधार प्रशांत पर गंभीर आरोप लगाए थे। अब सोमवार को दोबारा नीरज कुमार ने आरोप लगाया है कि प्रशांत एक कंपनी के जरिए जन सुराज पार्टी चला रहे हैं। जेडीयू प्रवक्ता ने प्रशांत से पार्टी को चलाने के लिए मिल रहे पैसों को पूरी पारदर्शिता के साथ जनता के सामने रखने की मांग की है।
नीरज ने सोमवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में सवाल उठाया कि क्या प्रशांत बिहार में कॉरपोरेट लॉबी का नया राजनीतिक मॉडल ला रहे हैं? उन्होंने आरोप लगाया कि प्रशांत का राजनीतिक बदलाव का मॉडल संदेह के घेरे में है। यदि वे सच में बिहार के भविष्य के लिए काम कर रहे हैं, तो उन्हें अपनी पार्टी की वित्तीय पारदर्शिता सुनिश्चित करनी चाहिए।
जन सुराज पार्टी का अकाउंट नहीं, कंपनी से हो रही फंडिंग; जेडीयू का प्रशांत किशोर पर हमला
नीरज कुमार कहा कि प्रशांत किशोर पार्टी के संरक्षक हैं लेकिन चुनाव आयोग के पास जमा पेपर में उनका नाम नहीं है। जन सुराज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष का जो नाम चुनाव आयोग को दिया गया है, वो कभी सामने नहीं आते हैं। बता दें कि मनोज भारती जन सुराज पार्टी के पहले अध्यक्ष चुने गए हैं। चुनाव आयोग के जन सुराज पार्टी के दस्तावेज में अध्यक्ष पद पर एसके मिश्रा का नाम होने का आरोप है। इस बात को लेकर पूर्णिया के पूर्व सांसद उदय सिंह और पप्पू सिंह सफाई दे चुके हैं कि ये पार्टी उनके सहयोगी एसके मिश्रा ने पहले ही रजिस्टर्ड कराई थी और जब प्रशांत किशोर ने तय किया कि दल बनाएंगे तो उन्होंने ये पार्टी उनको ऑफर कर दी।
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नीरज ने आरोप लगाया है कि प्रशांत की पार्टी की फंडिंग Joy of Giving Global Foundation नाम के एनजीओ के रास्ते हो रही है। उन्होंने कहा कि राजनीतिक फायदे के लिए एक एनजीओ का इस्तेमाल कानूनन और नैतिक रूप से गलत है। जेडीयू प्रवक्ता ने आरोप लगाया कि एनजीओ को चंदा के रास्ते काला धन को सफेद किया जा रहा है।