पहलगाम में आतंकी हमले से पत्नी और बच्चे को बचाया, बिहार के IB अफसर मनीष रंजन खुद मारे गए
- मनीष रंजन ने जब गोलियों की आवाज सुनी तो उन्होंने अपनी पत्नी और बच्चों को विपरीत दिशा में भागने को कहा। परिवार वहीं अलग हो गया। उन्हें गोली मार दी गई। पत्नी और बच्चे सुरक्षित हैं।

जम्मू कश्मीर के पहलगाम में आतंकियों ने 26 लोगों को मार डाला है।आतंकवादियों के इस कायराना हमले में बिहार निवासी आईबी अफसर मनीष रंजन की भी हत्या कर दी गई है। मनीष हैदराबाद में सेक्शन ऑफिसर के पद पर तैनात थे और पत्नी और दो बच्चों के साथ छुट्टी मनाने पहलगाम गए थे। पत्नी और बच्चों के सामने ही आतंकियों ने उन्हें मौत के घाट उतार दिया।
मनीष ने पत्नी और अपने बच्चों को बचा लिया
मनीष रंजन ने जब गोलियों की आवाज सुनी तो उन्होंने अपनी पत्नी और बच्चों को विपरीत दिशा में भागने को कहा। परिवार वहीं अलग हो गया। उन्हें गोली मार दी गई। पत्नी और बच्चे सुरक्षित हैं। मनीष रंजन के बारे में बताया जा रहा है कि वो मूल रुप से रोहतास जिले के रहने वाले थे।
करगहर थाना क्षेत्र के अरुहीं निवासी मनीष रंजन अपनी पत्नी जया मिश्रा व दो बच्चों के साथ पहलगाम भ्रमण पर निकले थे। मृतक मनीष रंजन के दादा पारस मिश्रा वेस्ट बंगाल के झालदा में शिक्षक थे। जहां उन्होंने अपना निवास स्थान बनाया था। इनके पिता मंगलेश कुमार मिश्रा शिक्षक हैं।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जताई संवेदना
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा है कि जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में पर्यटकों की मृत्यु की सूचना दुखद है। उन्होंने ट्वीट किया है कि यह घटना निंदनीय है। शोक संतप्त परिवारों के प्रति गहरी संवेदना है। घायलों के जल्द स्वस्थ होने की कामना है। आतंक के विरुद्ध पूरा देश एकजुट है।
बता दें कि जम्मू- कश्मीर के पहलगाम में आतंकियों ने मंगलवार को 26 लोगों की गोली मारकर निर्मम हत्या कर दी। इसमें दो विदेशी, दो स्थानीय लोग और अन्य पर्यटक हैं। कई पर्यटक घायल हैं। यह वारदात मंगलवार को दोपहर करीब डेढ़ बजे हुई।
आधुनिक हथियारों से लैस आतंकी पहलगाम से छह किलोमीटर बैसरन पहुंचे। यह काफी ऊंचाई पर स्थित एक बड़ा घास का मैदान है, जिसे मिनी स्विट्जरलैंड भी कहा जाता है। आतंकियों ने पर्यटकों पर गोलीबारी शुरू कर दी। हमले की जिम्मेदारी लश्कर से जुड़े संगठन टीआरएफ ने ली है। हमले की शिकार एक महिला ने बताया कि आतंकियों ने नाम पूछ-पूछकर गोली मारी। बेबस और लाचार लोग जान बचाने के लिए इधर-उधर भागने लगे।