गुजरात के मंत्री बच्चूभाई खाबड़ का बेटा मनरेगा घोटाले में अरेस्ट, क्या हैं आरोप?
गुजरात पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि सूबे के मंत्री बच्चूभाई खाबड़ के बेटे बलवंत खबाद को 71 करोड़ रुपये के मनरेगा घोटाले में कथित संलिप्तता के आरोप में शनिवार को गिरफ्तार किया गया है।

गुजरात के मंत्री बच्चूभाई खाबड़ के बेटे बलवंत खाबड़ को 71 करोड़ रुपये के मनरेगा घोटाले में कथित संलिप्तता के आरोप में शनिवार को गिरफ्तार कर लिया गया। एक अधिकारी ने शनिवार को यह जानकारी दी। पुलिस ने दाहोद जिले में तत्कालीन तालुका विकास अधिकारी (टीडीओ) दर्शन पटेल को भी गिरफ्तार किया है। इससे इस मामले में अब तक गिरफ्तार किए गए लोगों की संख्या सात हो गई है।
इस मामले में आरोप है कि कुछ अनुबंधित एजेंसियों ने काम पूरा किए बिना या सामान की आपूर्ति किए बिना सरकार से भुगतान प्राप्त किया। बता दें कि देवगढ़बरिया निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करने वाले बच्चूभाई खबाद मौजूदा वक्त में सूबे के पंचायत और कृषि राज्य मंत्री हैं।
आरोप है कि कथित घोटाले में 35 एजेंसियों के मालिकों ने सरकारी अधिकारियों के साथ मिलीभगत करके महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (MGNREGA) योजना की रकम हासिल करने के लिए काम पूरा होने का फर्जी लेटर लगाया। आरोपियों ने काम पूरा होने के अन्य सबूत भी पेश किए। आरोपियों ने साल 2021 और 2024 के बीच 71 करोड़ रुपये की हेराफेरी की।
एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि मंत्री बच्चूभाई खाबड़ के बेटे बलवंत खाबड़ एक एजेंसी के मालिक हैं। उन पर आदिवासी बहुल दाहोद जिले के देवगढ़ बारिया और धनपुर तालुका के अंतर्गत आने वाले क्षेत्रों में मनरेगा कार्यों में धोखाधड़ी करने का आरोप है। दाहोद पुलिस ने मंत्री बच्चूभाई खाबड़ के बेटे बलवंत खाबड़ और तत्कालीन टीडीओ दर्शन पटेल को गिरफ्तार किया है।
पुलिस उपाधीक्षक और जांच अधिकारी जगदीश सिंह भंडारी ने बताया कि इस कथित घोटाले में हमने पहले 5 लोगों को गिरफ्तार किया। इस कथित घोटाले का खुलासा जिला ग्रामीण विकास एजेंसी (डीआरडीए) ने किया था। पुलिस ने 71 करोड़ रुपये के घोटाले का खुलासा किए जाने के बाद पिछले महीने सरकारी कर्मचारियों समेत अज्ञात लोगों के खिलाफ धोखाधड़ी और जालसाजी के आरोप में FIR दर्ज की थी।
इस मामले में आरडीए अधिकारियों ने मौके का मुआयना किया था। अधिकारियों ने पाया कि ठेकेदारों को उन सड़कों के लिए भुगतान किया गया था जो बनी नहीं थीं। यही नहीं आरोपियों की ओर से भुगतान हासिल करने के लिए कागजों पर इन सड़कों को पूरा दिखाया गया था।
कार्यों में जनवरी 2021 से दिसंबर 2024 के बीच दाहोद की दो तालुकाओं में सड़कें, चेक वॉल और पत्थर के बांध निर्माण कार्य शामिल थे। पुलिस ने यह भी बताया कि सामग्री की आपूर्ति के लिए अयोग्य एजेंसियों या उन लोगों को भी भुगतान किया गया जिन्होंने निविदा प्रक्रिया में भाग ही नहीं लिया था।
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