मुझे भी डिटेन किया, प्रशांत की गिरफ्तारी में उड़ाई कानून की धज्जियां; पूर्व IPS आनंद ने बताई इनसाइड स्टोरी
बिहार पुलिस की कार्यशैली पर पूर्व आईपीएस आनंद मिश्रा ने गंभीर आरोप लगाए हैं। पूर्व आईपीसीएस आनंद मिश्रा ने बताया कि पुलिस ने गिरफ्तारी के दौरान नियम कानूनों धज्जियां उड़ा दी। सवाल पूछने पर उन्हें भी अवैध रूप से डिटेन कर लिया गया।
बीपीएससी री एग्जाम के मुद्दे पर गांधी मैदान में अनशन कर रहे प्रशांत किशोर को छह जनवरी की अहले सुबह बल पूर्वक गिरफ्तार कर लिया। हालांकि पुलिस उन्हें जेल नहीं भेज पाई क्योंकि कोर्ट ने प्रशांत किशोर को बेल दे दिया। लेकिन इस बीच सियासी ड्रामा जमकर हुआ। अब जनसुराज के नेताओं ने प्रेंस कान्फ्रेंस करके बिहार पुलिस की कार्यशैली पर गंभीर आरोप लगाए हैं। पूर्व आईपीसीएस आनंद मिश्रा ने बताया कि पुलिस ने गिरफ्तारी के दौरान नियम कानूनों धज्जियां उड़ा दी। सवाल पूछने पर उन्हें भी अवैध रूप से डिटेन कर लिया गया। दो जनवरी की शाम से खुले गांधी मैदान वे अपने सैकड़ों समर्थकों और बीपीएसकी अभ्यर्थियों के साथ आमरण अनशन शुरू कर दिया था।
प्रशांत किशोर सर्दी और खाना नहीं खाने से गंभीर रूप से बीमार हैं। उन्हें एक निजी अस्पताल में आईसीयू में भर्ती किया गया है। इस बीच पार्टी के नेताओं ने प्रेस वार्ता करके अंदर की जानकारी दी। जन सुराज पार्टी के अध्यक्ष मनोज कुमार ने कहा कि पुलिस प्रशांत किशोर को फंसाने की तैयारी कर रही है। शायद यही वजह से गिरफ्तारी के बाद जो सामान जब्त किए गए उनकी जब्ति सूची सात दिनों के बाद भी नहीं दी गई है। पुलिस उसनें कुछ ऐसा शामिल कर सकती है जिससे पार्टी को कानून पचड़े का सामना करना पड़ सकता है।
प्रेस को संबोधित करते हुए पूर्व आईपीएस आनंद मिश्रा ने कहा कि प्रशांत किशोर को ऐसा पकड़ा गया जैसे सुरक्षा बल किसी आतंकी कैंप पर हमले के वक्त प्रहार करते हैं। उन्हें गांधी मैदान से लेकर निकले तो कहां लेकर गए इसकी जानकारी नहीं दी जा रही थी। अनुमान के आधार पर एम्स पहुंचा तो रोक दिया गया। हालांकि सिपाही ने पहचान लिया था। फिर डीआईजी के कहने पर जाने दिया गया।
कहा कि गिरफ्तारी के वक्त हर पुलिस वालों की पहचान की पट्टी उनकी वर्दी पर लगा होना चाहिए वहां कई बड़े बड़े अधिकारी मौजूद थे पर सबने पहचान छिपा रखा था। आनंद मिश्रा ने कहा कि तय करना मुश्किल हो रहा था कि कौन पुलिस है और कौन अपराधी। लेकिन, पटना पुलिस ने इतना अन प्रोफेशनल तरीका अपनाया। प्रशांत किशोर को यह भी नहीं बताया गया कि उन्हें किस केस में गिरफ्तार किया था। कहां रखा गया है इसकी जानकारी भी नहीं दी जा रही थी।
आनंद मिश्रा ने बताया कि पुलिस वालों ने उन्हें भी अवैध तरीके से डिटेन कर एक स्कॉर्पियो में बैठा दिया गया। वहां मौजूद पुलिस वाले अपना नाम तक नहीं बता रहे थे। जब मैंने परिचय देते हुए कहा कि आपके खिलाफ कंटेम्प केस करेंगे तब बताया कि वे तीनों सब इंस्पेक्टर थे। उन्होंने कहा कि पुलिस वालों ने प्रशांत किशोर ने को चप्पल भी नहीं पहनने दिया और उठाकर एंबुलेंस में ठूंस दिया था। इस गिरफ्तारी में सुप्रीम कोर्ट के आदेश और डीके बसु गाइड लाइंस की जमकर धज्जियां उड़ा दी गई। बिहार के डीजीपी से आग्रह किया कि पुलिस वालों को प्रॉपर ट्रेनिंग देने की जरूरत है।