BPSC Protests: पप्पू यादव, कांग्रेस और लेफ्ट विधायकों पर FIR, प्रशांत किशोर पर दर्ज हुआ था दो केस
पूर्णिया सांसद पप्पू यादव समेत कई राजनीतिक दलों के खिलाफ एफआईआर दर्ज हुई है। पप्पू यादव के बिहार बंद के आह्वान पर उनके समर्थक और छात्र संगठन बिहार के कई जिलों में सड़कों पर उतर गए थे। ट्रेन रोकने की कोशिश की थी। इसके अलावा कांग्रेस-लेफ्ट के नेता भी प्रदर्शन में शामिल हुए थे।
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पूर्णिया से निदर्लीय सांसद पप्पू यादव समेत 18 नेताओं पर जिला प्रशासन की ओर से गर्दनीबाग और कोतवाली थाने में प्राथमिक की दर्ज की गई है। यह नेता बीएससी अभ्यर्थियों के समर्थन में रेल जाम और प्रतिबंधित इलाके में प्रदर्शन कर रहे थे। जिन लोगों पर प्राथमिक दर्ज की गई है उसमें पप्पू यादव, राजू दानवीर राजीव मिश्रा अभिजीत सिंह फैजान अहमद प्रेमचंद सिंह सूरज गुप्ता पुरुषोत्तम कुमार सिंह शामिल हैं। इन लोगों पर आरोप है कि फुलवारी शरीफ में रेल गाड़ियों को जबरन रोक रहे थे।
दूसरी और गांधी मैदान स्थित कारगिल चौक से जेपी गोलंबर होते हुए डाक बंगला चौराहे तक प्रदर्शन करने के आरोप में जिला प्रशासन ने कांग्रेस पार्टी के विधायक शकील अहमद, गोपाल रविदास महबूब आलम सूर्यकांत पासवान संदीप सौरव सत्यदेव राम अजीत कुशवाहा अमरजीत कुशवाहा सत्येंद्र यादव तथा प्रकाश राजन पर प्राथमिक दर्ज की गई है।
आपको बता दें बीपीएससी अभ्यर्थियों के प्रदर्शन में सियासी दल भी शामिल हैं। कांग्रेस ने भी छात्रों के समर्थन में मशाल रैली निकाली। जबकि आज छात्र मार्च में महागठबंधन की कांग्रेस और लेफ्ट दल के विधायक, नेता शामिल हुए थे। अभ्यर्थियों के समर्थन में पूर्णिया के सांसद पप्पू यादव ने बिहार में चक्का जाम का ऐलान किया था। पटना से सटे सचिवालय हॉल्ट पर प्रदर्शनकारी रेल ट्रैक पर ही लेट गए। यहां पैसेंजर ट्रेन को रोक दिया गया था। हालांकि थोड़ी देर बाद रेल को रवाना कर दिया गया था। वहीं बीपीएससी पीटी रद्द करने की मांग को लेकर जन सुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर का आमरण अनशन शुक्रवार को दूसरे दिन भी जारी रहा। अनशन में पार्टी के राज्यभर के कार्यकर्ता पहुंचे हैं। इसके अलावा बीपीएससी अभ्यर्थी भी उनके साथ डटे हैं।
प्रशांत किशोर का आमरण अनशन समाप्त कराने के लिए जिला प्रशासन ने शुक्रवार की शाम पहल की। पटना के एडीएम स्तर के अधिकारी ने धरनास्थल पर जाकर प्रशांत किशोर से बातचीत की और उन्हें आमरण अनशन को समाप्त कर वापस जाने को कहा। प्रशांत किशोर ने एडीएम को साफ तौर पर कहा कि धरना वापस लेना अब संभव नहीं, हजारों बच्चों का विश्वास मुझपर है। अधिकारियों के अनुरोध को खारिज करते हुए जन सुराज के संस्थापक ने अफसरों से कहा कि उनकी सिर्फ एक शर्त है, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार आंदोलन कर रहे छात्रों से वार्ता करें। उन पर भी दो एफआईआर दर्ज हो चुकी हैं।