प्रयागराज में राजा बेतिया की करोड़ों की जमीन पर बिहार सरकार लेगी कब्जा, संपत्ति खंगालने पहुंचे केके पाठक
राजा बेतिया की प्रयागराज में करोड़ों की संपत्ति है, जिसे अब बिहार सरकार कब्जे में लेगी। बिहार बोर्ड ऑफ रेवन्यू के अध्यक्ष केके पाठक ने शुक्रवार को अधिकारियों संग बेतिया राज के महाराजा हरेंद्र किशोर सिंह तथा महारानी जानकी कुंवर के नाम से दर्ज जमीन के सर्वे कराने एवं उनके चिह्निकरण की चर्चा की।

बेतिया राज के महाराजा हरेंद्र किशोर और महारानी जानकी कुंवर की करोड़ों की संपत्ति पर प्रयागराज में कब्जा है। इस संपत्ति को अपने कब्जे में लेने के लिए बिहार सरकार अब प्रयास कर रही है। बोर्ड ऑफ रेवेन्यू बिहार के चेयरमैन शुक्रवार को प्रयागराज आए और मंडलायुक्त के साथ बैठक कर जमीन के बारे में जानकारी जुटाई। फिलहाल राजा बेतिया की बघाड़ा में 22 एकड़ के अलावा स्ट्रैची रोड और मुट्ठीगंज में जमीन होने की बात कही जा रही है। इसकी कीमत करोड़ों में आंकी गई है।
जमीन का सर्वे कराकर एक महीने में रिपोर्ट तैयार की जाएगी। जिस पर बिहार सरकार के नियमों के अनुसार कार्रवाई की जाएगी। बोर्ड ऑफ रेवेन्यू बिहार के चेयरमैन केके पाठक प्रयागराज पहुंचे। यहां उन्होंने मंडलायुक्त कार्यालय में कमिश्नर विजय विश्वास पंत के साथ बैठक कर बेतिया राजा की प्रयागराज में स्थित सम्पत्तियों के सम्बंध में जानकारी दी और सहयोग मांगा। बैठक में बिहार रेवेन्यू बोर्ड के चेयरमैन ने कहा कि राजा बेतिया के नाम से 1359 फसली वर्ष की खतौनी-खसरा में दर्ज सम्पत्तियों का सर्वे कराकर चिह्निकरण कराना है, जिससे इस सम्बंध में नियमानुसार आगे की कार्यवाही की जा सके।
मंडलायुक्त ने सीआरओ कुंवर पंकज को प्रयागराज स्थित राजा बेतिया की सम्पत्तियों का एक माह में सर्वे कराकर चिह्नित करने का निर्देश दिया। दरअसल, राजा बेतिया की संपत्ति बिहार के साथ ही यूपी में भी है, जो अब बिहार सरकार की हो गई है। तमाम लोग इस पर दशकों से रह रहे हैं। जब संपत्ति बिहार सरकार की हुई तो लोगों ने इसका विरोध किया। अफसरों का कहना है कि बिहार सरकार ने लोगों को बेदखल न करने का आश्वासन दिया था।
राजा बेतिया की संपत्ति की जानकारी जुटाने के लिए बिहार सरकार गंभीर है। प्रयागराज में संपत्ति की जानकारी जुटाने के लिए जिला पंचायत के करीब एक कार्यालय खोला गया है। राजस्व परिषद बिहार के इस कार्यालय में तैनात लोग प्रयागराज प्रशासन के संपर्क में रह कर दिन प्रतिदिन की जानकारी जुटाएंगे और फिर इसकी रिपोर्ट बिहार सरकार को भेजी जाएगी।