Hindi Newsबिहार न्यूज़Those who occupy Bettiah Raj land will be in trouble government in action after making law

बेतिया राज की जमीन पर कब्जा करने वालों की खैर नहीं, कानून लाने के बाद ऐक्शन में सरकार

बेतिया राज की जमीन को अपने अधीन लेने के लिए नीतीश सरकार ने बिहार विधानसभा से बिल पारित करा लिया है। कानून की अधिसूचना जारी होते ही सरकार 7960 करोड़ रुपये की जमीन अपने कब्जे में ले लेगी। इसके बाद सालों से इस जमीन पर अतिक्रमण जमाए बैठे लोगों के कागजातों की जांच की जाएगी।

Jayesh Jetawat लाइव हिन्दुस्तानSat, 30 Nov 2024 01:56 PM
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बेतिया राज की जमीन पर कब्जा करने वालों की खैर नहीं, कानून लाने के बाद ऐक्शन में सरकार

बेतिया राज की जमीन पर सालों से कब्जा जमाए बैठे लोगों के खिलाफ कार्रवाई की तैयारी तेज कर दी गई है। बिहार की नीतीश सरकार ने हाल ही में बेतिया राज संपत्ति विधेयक 2024 को विधानसभा से पारित करा दिया। अब इसके कानून बनते ही राज्य सरकार 7960 करोड़ रुपये के मूल्य वाली करीब 15358 एकड़ की भूमि को अधिग्रहित करने की प्रक्रिया शुरू करेगी। राज्य सकार ने शुक्रवार को विधानसभा में बताया कि वह बेतिया राज की जमीन कब्जाने वालों के खिलाफ उचित कार्रवाई के लिए कागजातों की जांच करेगी।

राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री दिलीप जायसवाल ने सदन में एक सवाल का जवाब देते हुए कहा कि मंगलवार को विधानसभा ने बेतिया राज संपत्ति विधेयक पारित कर दिया गया। इससे बेतिया राज की भूमि का बड़ा हिस्सा सरकार के अधीन हो जाएगा। इस कानून की अधिसूचना जारी होते ही राज्य सरकार उस भूमि को अपने कब्जे में ले लेगी। मंत्री ने सख्त लहजे में कहा है कि जो लोग सालों से उस जमीन पर अपना आधिपत्य जमाए बैठे हैं, सरकार उनके राजस्व अभिलेखों की प्रमाणिकता की जांच करेगी।

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आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार पूर्ववर्ती बेतिया राज की अधिकतर जमीन पर अतिक्रमण कर लिया गया है। पश्चिम चंपारण में 6505 एकड़ और पूर्वी चंपारण में 3219 एकड़ भूमि पर कब्जा किया गया है। बेतिया राज की जमीन बिहार और उत्तर प्रदेश के कई जिलों में फैली हुई है। अब सरकार इसकी देखरेख और संरक्षण का काम सरकार के पास रहेगा।

बता दें कि बेतिया राज के अंतिम राजा हरेंद्र किशोर सिंह का 26 मार्च 1893 को निधन हो गया था। उनका कोई उत्तराधिकारी नहीं था। उनकी दो रानियां थीं- महारानी शिव रत्ना कुंवर और महारानी जानकी कुंवर। महारानी शिव रत्ना कुंवर की मृत्यु 1896 में हुई थी। कहा जाता है कि महारानी जानकी कुंवर बेतिया राज का प्रबंधन करने में सक्षम नहीं थीं, इसलिए इसका प्रबंधन ‘कोर्ट ऑफ वार्ड्स’ ने अपने हाथ में ले लिया था। महारानी जानकी कुंवर की मृत्यु 1954 में हो गई थी।

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