बोले कटिहार: ट्यूबवेल की हो मरम्मत, हैंडपंप की बढ़े संख्या तो दूर होगा संकट
कटिहार जिले के बारसोई अनुमंडल में जल संकट गंभीर हो गया है। बढ़ते तापमान और भूजल स्तर में गिरावट के कारण लोग पानी के लिए संघर्ष कर रहे हैं। 1200 में से 300 ट्यूबवेल खराब हो गए हैं, जिससे जल की उपलब्धता...
बारसोई अनुमंडल के लोगों की परेशानी
प्रस्तुति: ओमप्रकाश अम्बुज, मुदस्सिर नजर
कटिहार जिले के बारसोई अनुमंडल एवं आसपास के इलाके में जल संकट गहराया तथा जिले में बढ़ते तापमान के साथ ही भूजल स्तर में गिरावट और चापाकलों के सूखने से शहर से लेकर ग्रामीण इलाकों तक पानी की किल्लत बढ़ गई है। लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग के 1200 ट्यूबवेलों में से 300 खराब हो चुके हैं, जिससे पानी की उपलब्धता और घट गई है। लोग अब सार्वजनिक सबमर्सिबल पंप, वाटर टैंकर और बोतलबंद पानी पर निर्भर हो रहे हैं। अगर समय रहते जल संरक्षण के उपाय नहीं किए गए तो आने वाले दिनों में हालात और बिगड़ सकते हैं।
कटिहार जिले के बारसोई अनुमंडल में बढ़ती गर्मी के बीच जल संकट एक गंभीर समस्या बन गया है। शहर और ग्रामीण इलाकों में चापाकल धीरे-धीरे सूखने लगे हैं, जिससे लोगों को पीने के पानी के लिए भटकना पड़ रहा है। जलस्तर गिरने की वजह से ग्रामीण क्षेत्रों में भूजल भी तेजी से घट रहा है। जल संकट ने आम जनजीवन को बुरी तरह प्रभावित कर रखा है।
कटिहार जिले के कई हिस्सों में लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग द्वारा लगाए गए 1200 ट्यूबवेलों में से करीब 300 खराब हो चुके हैं। इसकी वजह से भूजल का स्तर नीचे जाने के कारण नल-जल, चापाकल और मोटर पंप पानी देने में असमर्थ हो रहे हैं। इस स्थिति ने घरों और खेतों दोनों में पानी की भारी कमी पैदा कर दी है। कई परिवारों को पीने के लिए भी पानी के लिए बाहर जाकर इंतजार करना पड़ रहा है।
ग्रामीण वॉटर टैंकर और सार्वजनिक सबमर्सिबल पंप पर है निर्भर
शहर के साथ-साथ ग्रामीण इलाकों के लोग वाटर टैंकर और सार्वजनिक सबमर्सिबल पंप पर निर्भर हो गए हैं, लेकिन इनकी आपूर्ति भी सीमित है। कई बार पानी के लिए लंबी कतारें लग जाती हैं और कामकाजी लोगों की दिनचर्या पूरी तरह से प्रभावित हो गई है। खासकर गर्मी के दिनों में जब पानी की मांग बढ़ती है, तब ये हालात और ज्यादा चिंताजनक हो जाते हैं।
नगर पंचायत प्याऊ की व्यवस्था करने में विफल
नगर पंचायत द्वारा शहर में पर्याप्त प्याऊ की व्यवस्था न होने के कारण लोग प्यास बुझाने के लिए बोतलबंद पानी पर निर्भर हो गए हैं। गरीब लोग इस खर्च को वहन नहीं कर पाते, जिससे उनकी मुश्किलें बढ़ती हैं। सामाजिक कार्यकर्ता बताते हैं कि नदियों का प्रवाह सिकुड़ने से भूजल स्तर गिर रहा है और इसका असर हर घर तक पहुंच रहा है। जल संकट को गंभीरता से लेते हुए जल स्त्रोतों की साफ-सफाई और नदियों की सेहत सुधारने की तत्काल आवश्यकता है। अगर सही कदम नहीं उठाए गए तो आने वाले जून-जुलाई में गर्मी बढ़ने के साथ ही पानी की किल्लत और गहरा जाएगी। कटिहार के लोग अब जल संरक्षण और जल स्रोतों को बचाने की दिशा में कदम उठाने के लिए तत्पर हैं ताकि आने वाली पीढ़ी के लिए पानी की समस्या कम हो सके।
1200 ट्यूबवेलों में से 300 है खराब
0.5 से 1 मीटर की औसत भूजल स्तर में आई है गिरावट
10000 लीटर पानी गर्मी के दिन में एक टैंकर करता है आपूर्ति
सुझाव:
1. सभी खराब ट्यूबवेलों की तत्काल मरम्मत कराई जाए।
2. शहर और ग्रामीण इलाकों में नए हैंडपंप और प्याऊ की संख्या बढ़ाई जाए।
3. वर्षा जल संचयन और भूजल पुनर्भरण की योजना पर तेजी से काम हो।
4. नदियों और पोखरों की सफाई कर उन्हें पुनर्जीवित किया जाए।
5. जल संकट से निपटने के लिए जन जागरूकता अभियान चलाए जाएं।
शिकायत:
1. गर्मी बढ़ने के बावजूद जल संकट पर प्रशासन का ध्यान कम है।
2. अधिकांश ट्यूबवेल खराब हैं, जिनकी मरम्मत नहीं हो रही।
3. पानी के टैंकर की सेवा अनियमित और अपर्याप्त है।
4. नगर निगम की ओर से प्याऊ की पर्याप्त व्यवस्था नहीं की गई है।
5. ग्रामीण इलाकों में पानी की गुणवत्ता खराब और मात्रा कम है।
इनकी भी सुनें
जल संकट हमारे इलाके में गंभीर समस्या बन चुका है। हैंडपंप सूख रहे हैं और पानी के टैंकर पर निर्भरता बढ़ती जा रही है। अगर समय रहते समाधान नहीं किया गया तो आने वाले दिनों में हालात और बिगड़ सकते हैं। ग्रामीण इलाकों में जल संरक्षण की जरूरत है।
-मोहम्मद नूर इस्लाम, भवानीपुर
हमारे वार्ड में पानी की समस्या दिनोंदिन बढ़ रही है। लोगों को पीने के पानी के लिए लंबी कतारों में खड़ा होना पड़ता है। प्रशासन से बार-बार अनुरोध के बावजूद पर्याप्त व्यवस्था नहीं हो पाई है। हमें जल्द से जल्द समाधान की जरूरत है।
-मोहम्मद नुरुद्दीन, वार्ड सदस्य-10, भवानीपुर
गांव में पानी की समस्या बेहद गंभीर है। अधिकांश चापाकल और हैंडपंप सूख गए हैं। गर्मी बढ़ते ही पीने के पानी का संकट गहरा गया है। प्रशासन को इस पर तुरंत ध्यान देना चाहिए, वरना हालात और बिगड़ सकते हैं।
बंटी महालदार, वार्ड-10
पानी की कमी से लोग परेशान हैं। कई बार शिकायत करने के बाद भी समस्या का समाधान नहीं हो पाया है। अब लोग टैंकर के पानी पर निर्भर हो गए हैं, जो पर्याप्त नहीं है। हमें स्थायी समाधान की जरूरत है।
निर्मल महालदार, वार्ड-10
पानी का संकट दिन-ब-दिन बढ़ता जा रहा है। नदी, तालाब और चापाकल सूखते जा रहे हैं। लोगों को पीने का पानी भी मुश्किल से मिल रहा है। सरकार को इस समस्या पर तुरंत ध्यान देना चाहिए।
फखरूदीन अली अहमद
मछली पालन करने वाले किसानों के लिए पानी की कमी सबसे बड़ी समस्या है। तालाब सूखते जा रहे हैं और फसलें बर्बाद हो रही हैं। अगर जल्द सुधार न हुआ तो हमारी आजीविका पर बड़ा संकट आ सकता है।
साकरातु महालदार, पूर्व उपाध्यक्ष, मत्स्यजीवि सहयोग समिति
पानी की किल्लत के कारण लोग परेशान हैं। खेतों में सिंचाई करना मुश्किल हो गया है और पीने के पानी की भी कमी हो गई है। प्रशासन को इस ओर जल्द कदम उठाने चाहिए।
धनंजय महालदार
पानी के बिना जीवन मुश्किल हो गया है। घरों में पीने का पानी खत्म हो रहा है और लोग दूर-दराज से पानी लाने पर मजबूर हैं। यह समस्या जल्द हल होनी चाहिए।
सिमो देवी
पानी की समस्या गंभीर हो गई है। लोग घंटों पानी के लिए इंतजार करते हैं, फिर भी पर्याप्त पानी नहीं मिलता। सरकार को इस दिशा में ठोस कदम उठाने चाहिए।
दुलाली देवी
हमारे इलाके में पानी का संकट गंभीर है। नदियों और तालाबों का जलस्तर लगातार घट रहा है। प्रशासन को जल्द ही कुछ ठोस कदम उठाने चाहिए, नहीं तो हालात और खराब होंगे।
प्रमोद महालदार
जल संकट से लोग बेहद परेशान हैं। गांवों में चापाकल सूख गए हैं और पानी के लिए लोगों को लंबी दूरी तय करनी पड़ती है। प्रशासन को इस ओर तुरंत ध्यान देना चाहिए।
सौहेल अख्तर
पानी की कमी से बच्चे और बुजुर्ग सबसे ज्यादा प्रभावित हैं। पीने के लिए साफ पानी तक मिलना मुश्किल हो गया है। सरकार को इस पर तत्काल कदम उठाने चाहिए।
रिंकी देवी
हमारे गांव में पानी की भारी कमी है। लोगों को पीने और नहाने के लिए भी पानी मिलना मुश्किल हो रहा है। प्रशासन को जल्द से जल्द समाधान करना चाहिए।
श्यामल महालदार
पानी की समस्या से सभी परेशान हैं। गर्मी में यह समस्या और बढ़ जाती है। प्रशासन से अपील है कि पानी की किल्लत दूर करने के लिए ठोस कदम उठाए जाएं।
अघनी देवी
जिम्मेदार
जिले में जल संकट को दूर करने के लिए तेजी से प्रयास किए जा रहे हैं। खराब ट्यूबवेलों की मरम्मत का काम शुरू हो चुका है और नए नलकूप भी लगाए जा रहे हैं। वाटर टैंकरों की संख्या बढ़ाने पर विचार किया जा रहा है, ताकि पानी की किल्लत कम की जा सके। उन्होंने कहा कि जलस्तर गिरने की समस्या को दूर करने के लिए वर्षा जल संचयन और भूजल पुनर्भरण योजनाओं पर भी काम हो रहा है, ताकि गर्मियों में पानी की कमी से राहत मिल सके।
हरिओम शरण, बीडीओ, बारसोई
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