बोले जमुई: प्रखंड में हो डिग्री कॉलेज तो पढ़ाई करने में होगी आसानी
जमुई जिले के लक्ष्मीपुर प्रखंड में डिग्री महाविद्यालय की अनुपस्थिति से छात्रों को उच्च शिक्षा प्राप्त करने में कठिनाई होती है। 3000 से अधिक छात्रों को दूर जाकर नामांकन कराना पड़ता है, और 70% से अधिक...
जमुई जिले के लक्ष्मीपुर प्रखंड में डिग्री महाविद्यालय नहीं रहने से इस इलाके के छात्र छात्राओं को उच्च शिक्षा मिलने में काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। आज के समय में जहां उच्च शिक्षा वर्तमान परिवेश में आवश्यक होती जा रही हैं। वहीं लक्ष्मीपुर प्रखंड में डिग्री महाविद्यालय की संख्या नगण्य है। हाई स्कूलों में प्लस टू की व्यवस्था होने के बाद छात्र-छात्राओं को राहत मिली। लेकिन डिग्री कॉलेज नहीं रहने से उच्चतर शिक्षा बेहतर नहीं मिल पाता है। बतातें चले कि प्रखंड में जहां एक प्राइवेट आईटीआई, एक सरकारी जीएनएम कॉलेज है। जिसमें प्रवेश परीक्षा उर्तीण होने पर छात्र छात्राओं का नामांकन होता है। वहीं डिग्री महाविद्यालय नहीं रहने से इंटर पास करने के बाद यहां के छात्र छात्राओं को उच्चतर शिक्षा के लिए दूर-दराज के कॉलेज में नामांकन करवाना पड़ता है या फिर अपनी पढ़ाई बीच में ही छोड़नी पड़ती है। 13 पंचायत वाले लक्ष्मीपुर प्रखंड में उच्च शिक्षा के प्रति अब तक किसी प्रकार की सुगबुगाहट नहीं दिख रही है।
13 पंचायत के इस प्रखंड में नहीं है एक भी डिग्री कॉलेज
3000 से ज्यादा छात्रों को बाहर जाकर कराना पड़ता है कॉलेज में नामांकन
70 फीसदी से अधिक बच्चियों का इंटर के बाद रूक जाती है पढ़ाई
जमुई, प्रस्तुति : अमरेंद्र कुमार सिंह
बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ और महिलाओं के सशक्तिकरण की दिशा में सरकार अग्रसर तो है। लेकिन बेटियों के उच्च शिक्षा को लेकर सरकार उतना संवेदनशील नहीं दिखती। जिसका सिद्ध लाभ लड़कियों के बाद लड़कों को मिल सके। लड़के-लड़कियों उच्च शिक्षा से वंचित न रहे। उसके लिए लक्ष्मीपुर के तेरह पंचायत के उच्च विद्यालय को इंटर स्तरीय विद्यालय में अपग्रेड कर दिया है। जिस लेकर पंचायत नजारी, दिग्घी, पीडरोंन में दो-दो इंटर स्तरीय स्कूल की सुविधा मिल गया। लेकिन प्रखंड में एक भी डिग्री कॉलेज का न होना लड़के-लड़कियों के लिए परेशानी का सबब बना है। जिसका नतीजा होता है कि इंटर के बाद गरीब और माध्यम वर्ग के लड़के-लड़कियों पढ़ाई छोड़ देते हैं। या फिर जिले के किसी प्रखंड के निजी डिग्री कॉलेज में नामांकन करा लेते है। जिसका उद्देश्य होता है सिर्फ परीक्षा देकर सर्टिफिकेट प्राप्त करना होता है। चुंकि वैसे डिग्री कॉलेज में नियमित कक्षाएं नहीं चलती है। अगर कक्षाएं चलती है तो वैसे लड़के लड़कियों को नियमित जाना मुश्किल हो जाता है। वैसे क्षेत्र के लड़के लड़कियों की माने तो अष्टम उत्तीर्ण के बाद से नवम वर्ग में नामांकन के लिए हिचकोले खाना शुरू हो जाता है। चुंकि सरकार ने नवम वर्ग में नामांकन के लिए एक नियम निकाला है। जिसके अनुसार लड़के लड़कियों जिस पंचायत से अष्टम उत्तीर्ण हुए हैं। उसी पंचायत के उच्च विद्यालय में नवम वर्ग में नामांकन करना सुनिश्चित करें। इस प्रकार के नियमावली से लड़के लड़कियों को बहुत तरह की परेशानी का सामना करना पड़ता है। क्षेत्र के भौगोलिक बनावट भी परेशानी का कारण बनता है। उसके बाद बात आती है इंटर यानि कि गयारहमी में नामांकन कराने का, तो नियम की तलवार वहां भी लटकने लगती है। लड़के लड़कियों अपनी इच्छानुसार नामांकन नहीं करा सकते हैं। जिसका दुष्परिणाम बच्चे और अभिभावक को झेलना पड़ता है। जानकारी के अनुसार इंटर स्तरीय विद्यालय में लड़कियों की संख्या है। लेकिन उसके बैठने और पढ़ाने किए विषयवार शिक्षक नहीं हैं। उदाहरण के लिए प्लस टू कन्या उच्च विद्यालय लक्ष्मीपुर को लिया जा सकता है। जहां लड़कियों का विज्ञान और कला में 250 से अधिक नामांकन हैं। लेकिन बैठने के लिए जगह और पढ़ाने किए विषयवार शिक्षक नहीं हैं। किसी विद्यालय में जगह प्रयाप्त हैं। तो वहां पर्याप्त नामांकन और शिक्षक नहीं हैं। एन झंझावातों को झेलते हुए लड़के लड़कियों अपने स्तर से इंटर अच्छे रिजल्ट प्राप्त कर लेते हैं। तो उसे डिग्री की पढ़ाई के लिए भटकना पड़ता है। इंटर के बाद आधा से अधिक लड़कियां मजबूरी वश डिग्री की पढ़ाई पूरा नहीं कर पाती है। प्रखंड में शिक्षा के प्रति सजग लड़कियां और अभिभावक की मानें तो प्रखंड में कम से कम एक डिग्री कॉलेज होना चाहिए। साथ ही कालेज में बस की सुविधा हो। जिससे सुदूर ग्रामीण क्षेत्र के लड़के लड़कियों कॉलेज आ जा सके। तत्काल विकल्प के रूप प्रखंड के वैसे इंटर स्तरीय विद्यालय को चिन्हित कर डिग्री कॉलेज की पढ़ाई शुरू हो। जहां पर्याप्त भवन हैं। लेकिन वहां इंटर में नामांकन नहीं के बराबर हैं।
उच्च शिक्षा के लिए डिग्री कॉलेज का न होना ग्रामीण क्षेत्र के लड़के लड़कियों के लिए परेशानी का बना है कारण :
लक्ष्मीपुर प्रखंड की आबादी एक लाख से अधिक होगा। जहां बीते पांच वर्ष के अंदर पंचायत स्तर पर उच्च विद्यालय को अपग्रेड करते इंटर का दर्जा दे दिया गया। लेकिन आजादी के सात दशक बाद भी प्रखंड में एक डिग्री कॉलेज की स्थापना नहीं किया जा सका। जो उच्च शिक्षा के लिए ग्रामीण क्षेत्र के लड़के लड़कियों के लिए परेशानी का कारण बना है। इंटर पास करने के बाद ग्रामीण क्षेत्र के अधिकांश लड़के लड़कियों स्नातक की पढ़ाई नहीं कर पाते हैं। चुंकि ग्रामीण क्षेत्र से इंटर पास करने वाले लड़के लड़कियों में अधिकांश मध्यम या निम्न वर्ग से रहते हैं। जिसकी आर्थिक स्थिति भी दयनीय होते हैं। वैसी स्थिति में स्नातक में नामांकन के लिए लड़के लड़कियों को 25 से 50 किलोमीटर दूर जाना पड़ता है। जो लड़कियों के लिए परेशानी और जोखिमभरा होता है। नतीजन इंटर पास के बाद अधिकांश लड़कियों चाहकर भी स्नातक की पढ़ाई नहीं कर पाते है। वैसी स्थिति में लड़कियों उच्च शिक्षा की चाहत को अपने जेहन में दबाकर घर के काम में लग जाते हैं। बातचीत के लड़के लड़कियों ने बताया कि उच्च शिक्षा के लिए प्रखंड में एक डिग्री कॉलेज का होना नितांत जरूरी है।
सभी हाईस्कूल में प्लस टू की इंटर तक होती है पढ़ाई :
शिक्षा को बेहतर बनाने के लिए राज्य सरकार द्वारा सभी हाई स्कूल में प्लस टू की व्यवस्था की गई है। हाई स्कूल में प्लस टू की व्यवस्था होने से लड़कियों में पढ़ने की ललक ज्यादा हुआ है। सरकार के तमाम योजनाओं का लाभ लेकर लड़कियां इंटर तक की पढ़ाई घर में रहकर पूरी कर लेती है, लेकिन ग्रेजुएशन की पढ़ाई गरीब परिवार के छात्र-छात्राओं के लिए मुश्किल हो रहे है। प्राइमरी और मिडिल स्कूल लगभग 121 है। जबकि प्रखंड में 15 प्लस टू उच्च विद्यालय मौजूद है।
सुझाव व शिकायत :
लक्ष्मीपुर में कम से कम एक डिग्री कॉलेज की स्थापना होनी चाहिए।
डिग्री कॉलेज केहोने से छात्र-छात्राओं को उच्च शिक्षा के लिए बाहर नहीं जाने पड़ेगा।
डिग्री कॉलेज के होने से उनके पास आगे की पढ़ाई के लिए पर्याप्त अवसर मिलेंगे।
डिग्री कॉलेज के होने से क्षेत्र के शैक्षिक और आर्थिक विकास में भी महत्वपूर्ण योगदान होगा।
प्रखंड में डिग्री कॉलेज नहीं रहने से उच्च शिक्षा ग्रहण करने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।
डिग्री कॉलेज के नहीं होने से उनका समय, पैसा और ऊर्जा तीनों की बर्बादी होती है।
डिग्री कॉलेज के नहीं होने से विशेषकर लड़कियों को इस स्थिति में और अधिक कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है।
स्नातक करने के लिए महाविद्यालय नहीं रहने के कारण 20 किलोमीटर दूर जमुई जाकर पढ़ाई करनी पड़ती है। जिससे पढ़ाई का खर्चा बढ़ जाता है।
छात्र-छात्रा का दर्द :
लक्ष्मीपुर में डिग्री कॉलेज की स्थापना अत्यंत आवश्यक है। क्षेत्र के छात्र-छात्राओं को उच्च शिक्षा के लिए बाहर जाना पड़ता है। जिससे उनका समय, पैसा और ऊर्जा तीनों की बर्बादी होती है। विशेषकर लड़कियों को इस स्थिति में और अधिक कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है।
- फूल कुमारी
हमलोगों को उच्च शिक्षा के लिए दूरस्थ क्षेत्रों में जाना पड़ता है। जिससे उनके समय और आर्थिक संसाधनों पर अतिरिक्त दबाव पड़ता है। एक स्थानीय डिग्री कॉलेज होने से छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्राप्त कर सकते है।
- कशिश कुमारी
प्रखंड में डिग्री कॉलेज नहीं रहने से उच्च शिक्षा ग्रहण करने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।
- सोहानी कुमारी
उच्च शिक्षा के लिए लक्ष्मीपुर में कॉलेज नहीं रहने से जिले व अन्य जगहों पर जाकर हमलोगों को एडमिशन कराना पड़ेंगा जिससे हमलोगों को परेशानी होगी।
- एकता कुमारी
स्नातक करने के लिए महाविद्यालय नहीं रहने के कारण 20 किलोमीटर दूर जमुई जाकर पढ़ाई करनी पड़ेगी है। जिससे पढ़ाई का खर्चा बढ़ जाएगा।
- सिम्पी कुमारी
प्रखंड में डिग्री कॉलेज की स्थापना नितांत आवश्यक है। जिससे उच्च शिक्षा ग्रहण करने में सहूलियत होगी।
- सजनी कुमारी
डिग्री कॉलेज नहीं होने से एडमिशन के लिए 22 किलोमीटर दूर दूसरे प्रखंड में जाना पड़ेगा। जिससे समय की काफी ज्यादा बर्बादी होगी।
- अनुराग कुमार
उच्च शिक्षा के लिए कॉलेज होने से इस ईलाके के छात्र छात्राओं का सर्वांगीण विकास होगा। उनके पास आगे की पढ़ाई के लिए पर्याप्त अवसर मिलेंगे।
- आदित्य कुमार
डिग्री महाविद्यालय नहीं होने से दूसरे जगह नामांकन कराने में आर्थिक समस्याओं का सामना करना पड़ता है। वहीं नियमित कॉलेज नहीं कर पाते है।
- देवांशु कुमार
डिग्री कॉलेज नहीं होने से छात्र नियमित कॉलेज नहीं कर पाते है। जिससे उन्हें प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।
- राजेश कुमार
अगर हमारे प्रखंड में डिग्री कॉलेज हो जायेगी तो हम लोगों को उच्च शिक्षा में बेहतर विकल्प प्राप्त होंगे।
- सचिन कुमार
डिग्री कॉलेज नहीं होने से आर्थिक समस्याओं के कारण परिवार पर खर्चा का बोझ बढ़ जाता है।
- धर्मादेव
प्रखंड में महाविद्यालय होने से उच्च शिक्षा से वंचित सभी छात्रों को पढ़ाई में सहूलियत होगी व परिवार पर आर्थिक बोझ नहीं पड़ेगा।
- रिंकी कुमारी
डिग्री कॉलेज नहीं होने से उच्च शिक्षा ग्रहण करने में समय की ज्यादा बर्बादी होती है व पढ़ाई में समय कम मिल पाता है।
- प्रीति कुमारी
अगले वर्ष मैं 12वीं बोर्ड की परीक्षा दूंगी। लेकिन इसके बाद ग्रेजुएशन की पढ़ाई के लिए कहीं बाहर ही एडमिशन लेना होगा। इसकी भी फिक्र है कि बाहर एडमिशन लेने पर नियमित क्लास नहीं कर पाऊंगी। अगर लक्ष्मीपुर प्रखंड क्षेत्र में ही डिग्री कॉलेज होता तो रेगुलर क्लास करने में सहूलियत होती।
- रौशनी कुमारी
लक्ष्मीपुर में डिग्री कॉलेज नहीं होने के कारण लड़कियां पढ़ाई बीच में ही छोड़ने को मजबूर हैं। अभिभावक दूर शहरों में भेजने से कतराते हैं। जिससे उनकी शिक्षा रुक जाती है। इसलिए लक्ष्मीपुर में डिग्री कॉलेज की स्थापना जरूरी है।
- करिश्मा कुमारी
लेटेस्ट Hindi News , बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस न्यूज, टेक , ऑटो, करियर , और राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।