सर्राफा बाजार में रोजाना करोड़ों का कारोबार फिर भी नहीं सुरक्षा, न शौचालय
Sambhal News - शहर के मोहल्ला ठेर स्थित सर्राफा बाजार में अव्यवस्थाएं बढ़ती जा रही हैं। यहां रोजाना करोड़ों रुपये का कारोबार होता है, लेकिन सुरक्षा और बुनियादी सुविधाओं की कमी से व्यापारी और ग्राहक दोनों परेशान हैं।...
शहर के ठेर मोहल्ला स्थित सर्राफा बाजार, जहां रोजाना करोड़ों रुपये का कारोबार होता है, वहां अव्यवस्थाएं इस कदर हावी हैं कि व्यापारी और ग्राहक दोनों परेशान हैं। न सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम हैं, न ही शौचालय जैसी बुनियादी सुविधाएं। बाजार में घूमते आवारा पशु महिलाओं और बच्चों पर हमला कर रहे हैं, जिससे डर का माहौल बना हुआ है। व्यापारी नाराज हैं कि टैक्स देने के बावजूद उन्हें सुविधाओं से वंचित रखा जा रहा है। शहर के मोहल्ला ठेर स्थित सर्राफ बाजार में दो दर्जन से अधिक दुकानें सर्राफा कारोबारियों की हैं। जहां प्रतिदिन दो करोड़ से अधिक का कारोबार होता है।
कारोबारी हर महीने सरकार को लाखों रुपये का टैक्स देते हैं लेकिन उन्हें सुविधाएं नहीं मिल रही हैं। सुरक्षा के लिए कारोबारियों ने अपने प्रतिष्ठानों पर कैमरे लगवा रखे हैं लेकिन पुलिस व जिला प्रशासन की तरफ से कोई इंतजाम नहीं हैं। ऐसे में जेवर खरीदने के लिए बाजार में पहुंचने वाले ग्राहक खुद को असुरक्षित महसूस करते हैं, वहीं कारोबारी भी सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं। दूसरी तरफ बाजार में जेवर खरीदने के लिए अधिकांश महिलाएं आती हैं, इनके साथ बच्चे भी होते हैं। ऐसे में बाजार में घूमने वाले आवारा पशु हमलावर हो जाते हैं। कारोबारियों का कहना है कि बाजार में पुलिस गश्त, सार्वजनिक शौचालय और आवारा पशुओं से मुक्ति की व्यवस्था की जाए। समस्या बड़ी, समाधान नहीं शहर का मोहल्ला ठेर स्थित सर्राफा बाजार न केवल व्यापारिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि जिले की अर्थव्यवस्था का भी बड़ा केंद्र है। यहां प्रतिदिन करोड़ों रुपये का कारोबार होता है, लेकिन इसके बावजूद बुनियादी सुविधाओं का अभाव व्यापारी और ग्राहकों दोनों को परेशान कर रहा है। हम रोजाना करोड़ों का कारोबार करते हैं, लेकिन बाजार में पुलिस की कोई गश्त नहीं होती। बाजार में पहले कई बार चोरी की घटनाएं हो चुकी हैं। अगर सुरक्षा नहीं मिलेगी, तो कोई कभी भी बड़ी घंटना को अंजाम दे सकता है। व्यापारियों की जान और माल की सुरक्षा पुलिस प्रशासन की जिम्मेदारी है। - अनिल रस्तोगी सर्राफ। बाजार में टॉयलेट जैसी बुनियादी सुविधा तक नहीं है। महिलाएं और बुजुर्ग ग्राहक बहुत परेशान होते हैं। पार्क के पास ही शौचालय बन जाए तो बड़ी राहत मिल सकती है। हम टैक्स दे रहे हैं, लेकिन सुविधाएं नहीं मिल रहीं। यह अन्याय है। - अजय कुमार सर्राफ। आवारा पशु पूरे बाजार में आतंक मचाए हुए हैं। कई बार महिलाएं और बच्चे चोटिल हो चुके हैं। नगर पालिका को लगातार शिकायत दी गई, लेकिन सुनवाई नहीं हुई। एक बार कोई बड़ी घटना हो गई तो कौन जिम्मेदार होगा? - प्रवीन वर्मा सर्राफ। सर्राफा बाजार शहर की पहचान है, लेकिन उसकी हालत ऐसी है जैसे कोई अस्थायी मंडी हो। न सुरक्षा के इंतजाम हैं, न ग्राहकों के लिए बैठने के लिए कोई इंतजाम। हम बार-बार शिकायत करते हैं, पर कोई सुनवाई नहीं। - नरेंद्र अग्रवाल, अध्यक्ष, सर्राफा कमेटी व व्यापार मंडल।
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