10% वोट को 40 फीसदी तक ले जाना है; जनसुराज का टारगेट फिक्स; बिहार उपचुनाव के नतीजों पर बोले प्रशांत किशोर
बिहार उपचुनाव के नतीजों पर जन सुराज पार्टी के संस्थापक प्रशांत किशोर ने कहा कि 10 फीसदी वोट पाना साधारण बात नहीं है। वो भी उस पार्टी के लिए जो एक महीने पहले बनी हो, सिंबल नया हो, प्रत्याशी नए हों। बिहार में व्यवस्था परिवर्तन का हमारा अभियान जारी रहेगा, चाहे 10 साल क्यों न लग जाएं।
बिहार उपचुनाव के नतीजों के बाद जनसुराज पार्टी के संस्थापक प्रशांत किशोर की पहली प्रतिक्रिया सामने आई है। उन्होने प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए कहा कि कहा कि हमारी पार्टी ने पहला चुनाव लड़ा है, और 10 फीसदी वोट पाने में सफल रही है। अब हमारा लक्ष्य वोट पर्सेंटेज को 40 फीसदी तक ले जाना है। नतीजा कैसा भी रहा हो, लेकिन हमारा प्रयास जारी रहेगा। हमें जो वोट मिला है, वो हमारे प्रयासों का नतीजा है। गठबंधन के सवाल पर प्रशांत किशोर ने कहा कि हमारा जनसुराज का अभियान किसी को हराने, जिताने के लिए नहीं है, 10 फीसदी वोट के लिए नहीं है। 30 हजार वोट के लिए नहीं है। ये अभियान बिहार में व्यवस्था परिवर्तन के लिए है। ये काम कठिन है, और इसीलिए मुझे करना है, अगर 10 साल भी लगेंगे तो भी करेंगे।
प्रशांत किशोर ने कहा कि 10 फीसदी वोट पाना साधारण बात नहीं है। बिहार में तीन सत्ताधारी दल हैं, जो गठबंधन में लड़ते हैं। पिछले विधानसभा चुनाव में भाजपा को 19.60 फीसदी वोट आया, देश की सबसे बड़ी पार्टी है। हम लोगों की एक महीने पहले पार्टी बनी है, एक नवंबर को सिंबल मिला है। महज एक हफ्ते का वक्त मिला। अगर जीरो से 10 पहुंचे हैं, तो 10 से ऊपर पहुंचाने की जिम्मेदारी भी हमारी है।
प्रशांत किशोर ने कहा कि जनसुराज पार्टी नई है, सिंबल नया है। जिन 4 विधानसभा में उपचुनाव हुआ, वहां कोई पदयात्रा नहीं हुई, और न ही पार्टी का कोई संगठन है। इसके बावजूद चारों सीट पर चुनाव लड़ना तय करना, अगर आप लोग गलती मानते हैं, तो हमारी गलती है। चुनाव जानबूझकर लड़ा गया है। ये कठिन चुनाव है। ये चार साधारण सीट नहीं है। ये वो सीटें हैं, जो 35 सालों से किसी राजनीतिक दलों का सियासी किला रही ंहै। खामियों का अवलोकन करके उसमें सुधार किया जाएगा।
प्रशांत किशोर ने कहा कि जनसुराज पार्टी नई है, सिंबल नया है। जिन 4 विधानसभा में उपचुनाव हुआ, वहां कोई पदयात्रा नहीं हुई, और न ही पार्टी का कोई संगठन है। इसके बावजूद चारों सीट पर चुनाव लड़ना तय करना, अगर गलती मानते हैं, तो हमारी गलती है। चुनाव जानबूझकर लड़ा गया है। ये कठिन चुनाव है, चार साधारण सीट नहीं है। ये वो सीटें हैं, जो 35 सालों से किसी राजनीतिक दलों का सियासी किला रहा है। खामियों का अवलोकन करके उसमें सुधार किया जाएगा।
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आपको बता दें चारों सीटों पर जनसुराज को कुल 66523 वोट मिले हैं। सबसे ज्यादा इमामगंज सीट पर जितेंद्र पासवान को 37103 वोट मिले हैं। वहीं बेलागंज सीट पर मो. अमजद को 17285 वोट मिले हैं। तरारी में पार्टी के प्रत्याशी किरण सिंह को 5622 वोट मिले हैं। और रामगढ़ सीट पर सुशील कुमार सिंह को 6513 मत मिले हैं। हालांकि तीन सीटों पर जन सुराज की जमानत जब्त हो गई है। करीब 10 फीसदी वोट प्रशांत किशोर की पार्टी जनसुराज को मिला है