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स्कंद षष्ठी कल, इस विधि से करें शिव पुत्र कार्तिकेय जी की पूजा

  • Skanda Shashthi 2024: षष्ठी तिथि का दिन भगवान कार्तिकेय को समर्पित है। इसे कुमार षष्ठी के नाम से भी जाना जाता है। मान्यताओं के अनुसार, स्कंद षष्ठी के दिन व्रत रखने से जातक की सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो सकती हैं।

Shrishti Chaubey लाइव हिन्दुस्तान, नई दिल्लीSun, 8 Sep 2024 08:13 PM
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Skanda Shashthi 2024 :  भाद्रपद महीने के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि के दिन स्कंद षष्ठी का व्रत रखा जाता है। षष्ठी तिथि का दिन भगवान कार्तिकेय को समर्पित होता है। इस कारण से इस दिन को कुमार षष्ठी के नाम से भी जाना जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, स्कंद षष्ठी के दिन व्रत रखने से जातक की सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो सकती हैं व जीवन में खुशहाली आती है। भगवान स्कंद को सुब्रमण्यम, कार्तिकेयन, व मुरुगन आदि नामों से भी जाना जाता है। आइए जानते हैं स्कंद षष्ठी व्रत की पूजा-विधि, शुभ मुहूर्त, व महत्व-

स्कंद षष्ठी 2024 का मुहूर्त-

दृक पंचांग के अनुसार, भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि 08 सितम्बर को शाम 07 बजकर 58 मिनट से आरंभ हो चुकी है, जो कि 09 सितम्बर को रात 09 बजकर 53 मिनट तक रहेगी। उदया तिथि के अनुसार, 9 सितंबर को स्कंद षष्ठी का व्रत रखा जाएगा। इस दिन सर्वार्थ सिद्धि योग 18:04 से 06:04, सितम्बर 10 बजे तक। रवि योग- सुबह 06:03 से 18:04 बजे तक रहेगा। 

स्कंद षष्ठी पूजा की विधि-

1- स्नान आदि कर मंदिर की साफ सफाई करें। 

2- भगवान श्री कार्तिकेय का जलाभिषेक करें। 

3- प्रभु का पंचामृत सहित गंगाजल से अभिषेक करें। 

4- अब प्रभु को पूजन सामग्री माला, पुष्प, अक्षत, कलावा, सिंदूर और चंदन आदि अर्पित करें। 

5- मंदिर में घी का दीपक प्रज्वलित करें। 

6- पूरी श्रद्धा के साथ भगवान कार्तिकेय की आरती करें। 

7- प्रभु को श्रद्धा अनुसार भोग लगाएं। 

8- अंत में क्षमा प्रार्थना भी करें। 

इस मंत्र का करें जाप- देव सेनापते स्कंद कार्तिकेय भवोद्भव।

कुमार गुह गांगेय शक्तिहस्त नमोस्तु ते॥

डिस्क्लेमर: इस आलेख में दी गई जानकारियों पर हम यह दावा नहीं करते कि ये पूर्णतया सत्य एवं सटीक हैं। विस्तृत और अधिक जानकारी के लिए संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें। 

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