19 अगस्त तक करें 11 उपाय, सावन में शिव कृपा से होगी धन की बरसात
- Sawan 11 Upay : इसी मास में तपस्या कर मां पार्वती ने शिव जी को पति के रूप में पाया था। सावन के बचे शेष दिनों में कुछ उपाय करने से नौकरी, घर-परिवार, वैवाहिक जीवन, सेहत और पैसों से जुड़ी प्रॉब्लम दूर हो सकती है।
इस साल सावन मास में पांच सोमवार का योग है। सावन मास के सोमवार पर अपनी मनोकामना पूर्ण करने के लिए जातक भगवान शिव की अनेक तरीकों से पूजा करते हैं। मान्यता है कि इसी मास में तपस्या कर मां पार्वती ने शिव जी को पति के रूप में पाया था। सावन के बचे शेष दिनों में कुछ उपाय करने से नौकरी, घर-परिवार, वैवाहिक जीवन, सेहत और पैसों से जुड़ी प्रॉब्लम दूर हो सकती है। आइए जानते हैं सावन महीने का महत्व और शिव जी के उपाय-
सावन का उपाय- 108 बेलपत्रों से शिव जी की पूजा करें। भगवान शिव पर एक-एक बेलपत्र अर्पित करते हुए ऊँ साम्ब सदा शिवाय नमः का लगातार जाप करें। इससे जातक की मनोकामना पूर्ण होंगी और जीवन में निरंतर सफलता प्राप्त होंगी।
क्यों है सावन का महीना खास?
पंडित धर्मेन्द्र झा ने कहा कि पुराणों के अनुसार, समुद्र मंथन श्रावण मास में हुआ था। उस समय समुद्र मंथन से 14 प्रकार के तत्व 14 रत्न निकले थे। इनमें से 13 तत्वों व रत्नों देवताओं व दानवों ने आपस में वितरण कर लिया। उन तत्वों में से एक तत्व हलाहल विष भी निकला। वह हलाहल विष भगवान शंकर को दिया गया। हलाहल विष भगवान शंकर ने अपने कंठ (गले) में धारण किया। उससे भगवान शंकर का गला नीला पड़ गया, इससे भगवान शंकर नीलकंठ कहलाए। परंतु उस विष की गर्मी इतनी अधिक थी की देवताओं को गर्मी शांत करने का कोई उपाय नहीं सूझा। इस पर चंद्रदेव को शिव शंकर ने मस्तक पर धारण किया था तथा भगवान शंकर के मस्तक पर ही गंगा अवतरित किया फिर भी ताप कम नहीं हुआ। तब जाकर सहस्त्र जलधाराओं से भगवान शंकर का अभिषेक किया गया। तभी से भगवान शंकर पर जल चढ़ाने की परम्परा व धारणा चली आ रही है।
विभिन्न कामना के लिए करें अलग-अलग जलाभिषेक
हर जातक अलग-अलग कामनाओं के साथ जलाभिषेक करते हैं। इसमें सही विधान का ध्यान रखा जाए तो अतिशुभकारी लाभ प्राप्त होते हैं। पंडित धर्मेन्द्र झा ने बताया कि जल के अतिरिक्त दूध, दही, घी, गन्ने का रस, शहद, गंगाजल, आमरस, शर्करा आदि विभिन्न द्रव्यों से शिव का अभिषेक विभिन्न कामनाओं की पूर्ति के लिए किया जाता है। व्यक्ति पूरी निष्ठा, भक्तिभाव व आस्था के साथ श्रावण मास में शिव जी का पूजन करते तो वह निश्चय ही अपने अभीष्ट को पाता है। कामना पूर्ति के लिए विधिपूर्वक जलाभिषेक अनिवार्य माना जाता है।
1.जल से शिव का अभिषेक करने पर दीघार्यु प्राप्ति होती है तथा विघ्ननों का नाश होता है।
2.दूध से अभिषेक करने पर स्वस्थ शरीर व निरोगी काया प्राप्त होती है।
3.गन्ने के रस से अभिषेक करने पर लक्ष्मी जी की कृपा प्राप्त होती है। सम्पन्नता मिलती है।
4.इत्र से (सुगंधित द्रव्य) से अभिषेक करने पर व्यक्ति कीर्तिवान होता है।
5.शक्कर से अभिषेक करने पर पुष्टि में वृद्धि होती है।
6.आम रस से अभिषेक करने पर योग्य संतान प्राप्ति होती है।
7.गंगाजल से अभिषेक करने पर मुक्ति (मोक्ष) प्राप्त होता है।
8.घी से शिव का अभिषेक करने से संपन्नता आती है।
9.तेल से अभिषेक करने पर विघ्ननों का नाश होता है।
10.सरसों के तेल से श्रावण मास में शिवजी का अभिषेक करने से शत्रुओं का शमन होता है।
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