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Amavasya: कब है पौष अमावस्या? जानें डेट, पूजा-विधि व महत्व

  • Paush Amavasya 2024 : इस साल दिसंबर के महीने में पड़ने वाली आखिरी अमावस्या को पौष अमावस्या के नाम से जाना जाएगा। पौष अमावस्या के दिन विशेष तौर पर भगवान विष्णु की पूजा-अर्चना की जाती है।

Shrishti Chaubey लाइव हिन्दुस्तान, नई दिल्लीMon, 16 Dec 2024 03:06 PM
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दिसंबर की अमावस्या पौष अमावस्या एवं सोमवती अमावस्या के नाम से जानी जाती है। इस दिन भगवान विष्णु और शिव जी की पूजा की जायेगी। साल की आखिरी अमावस्या पौष महीने की कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि के दिन मनाई जाएगी। इस दिन गंगा स्नान कर तिल, लड्‌डू व तेल दान किया जाता है। पौष अमावस्या के दिन वृद्धि व ध्रुव योग बन रहा है। पौष अमावस्या पितृ दोष, कालसर्प दोष से मुक्ति पाने के लिए भी यह शुभ दिन है। दृक पंचांग के अनुसार, साल की आखिरी अमावस्या 30 दिसंबर के दिन है।

कब है पौष अमावस्या?

पौष अमावस्या तिथि की शुरुआत- 04:01 ए एम, दिसम्बर 30

पौष अमावस्या तिथि की समाप्ति- 03:56 ए एम, दिसम्बर 31

स्नान-दान मुहूर्त- सुबह 05.24 - सुबह 06.19

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पूजा-विधि

1- स्नान आदि कर मंदिर की साफ सफाई करें

2- गणेश जी को प्रणाम करें

3- विष्णु जी का पंचामृत सहित गंगाजल से अभिषेक करें

4- अब प्रभु को पीला चंदन और पीले पुष्प अर्पित करें

5- मंदिर में घी का दीपक प्रज्वलित करें

6- श्री विष्णु चालीसा का पाठ करें

7- पूरी श्रद्धा के साथ विष्णु जी की आरती करें

8- तुलसी दल सहित भोग लगाएं

9- अंत में क्षमा प्रार्थना करें

पौष अमावस्या महत्व: पौष अमावस्या के दिन दान और स्नान करने का विशेष महत्व माना जाता है। पौष मास की अमावस्या पर दान करने से पितृ दोष के दुष्प्रभाव को कम किया जा सकता है। इसके अलावा पौष महीने की अमावस्या पर पवित्र नदियों में स्नान जरूर करना चाहिए। वहीं, इस दिन गाय, कौवे और कुत्ते को भोजन कराने से जीवन के कष्ट दूर हो सकते हैं।

डिस्क्लेमर: इस आलेख में दी गई जानकारियों पर हम यह दावा नहीं करते कि ये पूर्णतया सत्य एवं सटीक हैं। विस्तृत और अधिक जानकारी के लिए संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।

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