शास्त्रों में यह भी विधान दिया गया है कि यदि किसी व्यक्ति को आपने पूर्वजों के देहांत की तिथि ज्ञात नहीं है तो ऐसे में इन पूर्वजों का श्राद्ध कर्म अश्विन अमावस्या को किया जा सकता है।
आज देशभर में सोमवती अमावस्या मनाई जा रही है। इस दिन पीपल के पेड़ की पूजा की जाती है और रात को पीपल के पेड़ के नीचे दीपक जलाते हैं। इस दिन व्रत भी रखा जाता है। अगर आप भी व्रत रखे हैं, तो यहां सोमवती अमावस्या का महत्व
अमावस्या तिथि सोमवार के साथ साथ मंगलवार को भी प्राप्त हो रही है। अतः इस बार बहुत ही सुंदर संयोग एक ही अमावस्या के साथ बन रहा है। सोमवती अमावस्या जिसे कुशोत्पाटिनी अमावस्या कहा जाता है।
Somvati Amavasya 2024: इस साल 02 और 03 सितंबर को सोमवती और भौमवती अमावस्या का विशेष संयोग बन रहा है। ज्योतिषाचार्य के अनुसार, इस दिन शिवजी की पूजा-अर्चना करने से नकारात्मक ऊर्जा से मुक्ति मिलती है।
Somwati amavasya zodiac भाद्रपद कृष्ण पक्ष अमावस्या सोमवार को तो है परंतु उसका प्रभाव मंगलवार को सुबह 6 बजे तक व्याप्त रहेगा इस कारण से सूर्योदय 5:45 पर हो जाएगा इस कारण से उदयकालिक तिथि में मंगलवार को भी अमावस्या पड़ रही है,
Somvati Amavasya 2024 : श्राद्ध अपने पितरों की आत्मा की शांति के लिए किया जाता है। स्कन्द पुराण के अनुसार, सोमवती अमावास्या के दिन, इस तीर्थ स्थान पर पितरों का श्राद्ध करने से अक्षय फल की प्राप्ति होती है।
Somvati Amavasya 2024 Date and Muhurat: इस साल सोमवती अमावस्या पर शिव योग और सिद्धि योग का खास संयोग बना रहा है। सनातन धर्म में अमावस्या तिथि को स्नान-दान के कार्य बेहद शुभ माने गए हैं।
सोमवती अमावस्या पर होती है पीपल की परिक्रमा का विधान है। कहते हैं इस दिन स्नान और परिक्रमा करके जो दान दिया जाता है उसे पितृ प्रसन्न होते हैं। यहां जानें