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Hindi Newsउत्तराखंड न्यूज़28 flower species growing in Indian Himalayas are in danger three extinct experts worried

भारतीय हिमालय में उगने वाली 28 फूलों की प्रजातियों पर संकट-तीन विलुप्त, एक्सपर्ट को इस बात की चिंता

  • 2020 से 2024 के बीच किए अध्ययन और स्प्रिंगर के बायोडायवर्सिटी एंड कंजर्वेशन जनरल में प्रकाशित 1076 स्थानिक प्रजातियों को संकलित किया गया। इनमें से 28 प्रजातियों को अंतर्राष्ट्रीय प्रकृति संरक्षण संघ (आईयूसीएन) ने संकटग्रस्त घोषित किया है।

Himanshu Kumar Lall हिन्दुस्तान, अल्मोड़ा, कमल पंतWed, 18 Sep 2024 05:20 AM
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हिमालय अपनी जैव विविधता की विशेषताओं के लिए जाना जाता है, लेकिन जलवायु परिवर्तन और मानवजनित कारणों से यहां की जैव विविधता खतरे में हैं। जीबी पंत राष्ट्रीय हिमालयी पर्यावरण संस्थान के वैज्ञानिकों ने अपने अध्ययन में पूरे विश्व में सिर्फ भारतीय हिमालयी क्षेत्र में पाई जाने वाली 28 स्थानिक प्रजातियों पर संकट बताया है।

जीबी पंत राष्ट्रीय हिमालयी पर्यावरण संस्थान, श्रीनगर शाखा के वैज्ञानिक डॉ. के चंद्र शेखर के अनुसार, पहली बार भारतीय हिमालयी क्षेत्र के स्थानिक(सिर्फ हिमालय में ही पाई जाने वाली) प्रजातियों का अध्ययन किया।

2020 से 2024 के बीच किए अध्ययन और स्प्रिंगर के बायोडायवर्सिटी एंड कंजर्वेशन जनरल में प्रकाशित 1076 स्थानिक प्रजातियों को संकलित किया गया। इनमें से 28 प्रजातियों को अंतर्राष्ट्रीय प्रकृति संरक्षण संघ (आईयूसीएन) ने संकटग्रस्त घोषित किया है।

तीन प्रजातियां पूरी तरह विलुप्त वैज्ञानिकों के अनुसार, तीन प्रजातियां पूरी तरह से विलुप्त घोषित कर दी गई हैं। वहीं, नौ सर्वाधिक संकटग्रस्त, 13 संकटग्रस्त और तीन संवेदनशील हैं। वैज्ञानिकों का कहना है कि जलवायु परिवर्तन, अत्यधिक दोहन, शहरीकरण, वनों की कटाई इसके प्रमुख कारण हैं। कहना है कि इन प्रजातियों का अब तक ज्यादा अध्ययन नहीं किया गया है।

इन प्रजाजियों पर है सबसे ज्यादा संकट

इन संकटग्रस्त 28 प्रजातियों में पिट्टोस्पोरम एरिओकार्पम, ग्लोबा एंडरसोनिई, ब्यूटिया पेलिटा, लेजर्स्र्टोमिया मिनुटिकार्पा, पैफियोपेडिलम फेरिएनम, बाइल्स्चमीडिया क्लार्की, रोडोडेंड्रॉन वट्टी (बुरांश), ग्लीडिट्सिया असामिका, हेडिचियम ऑरियम, गोनिओथालामस सिमोंसिई, एडिनेंड्रा ग्ऱिफथिी, जिम्नोक्लाडस असामिकस, माचिलस पार्विफ्लोरा, आइलेक्स वेनुलोसा, मेंगीफेरा खासियाना, नेपेंथेस खासियाना (पिचर पौधा), अक्विलारिया खासियाना (अगर का पेड़), मूसा सिलिंड्रिका, स्टर्कुलिया खासियाना, पायरनेरिया चेरेरापुंजीएना, मैग्नोलिया प्लिओकार्पा, मैग्नोलिया मन्नी, मैग्नोलिया पीलियाना, मूसा अरुणाचलेन्सिस (अरुणाचल का केला), रोडोडेंड्रॉन सुबंसिरिएंसे (बुरांश की विशिष्ट प्रजाति), कैपेरिस पैकीफिला, एमेंटोटैक्सस असामिका, मूसा अर्जेंटी शामिल हैं।

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