नई आबकारी नीति से सिंडीकेट टूटा, यूपी सरकार के खजाने में 14.76 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी
- आबकारी राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) नितिन अग्रवाल ने कहा है कि यूपी में आबकारी से जुड़े 7888.73 करोड़ के 46 नए उद्योग लगेंगे। इनके जरिए 10957 को रोजगार मिलेगा। यह परियोजनाएं शिलान्यास के लिए तैयार हैं।

आबकारी राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) नितिन अग्रवाल ने कहा है कि यूपी में आबकारी से जुड़े 7888.73 करोड़ के 46 नए उद्योग लगेंगे। इनके जरिए 10957 को रोजगार मिलेगा। यह परियोजनाएं शिलान्यास के लिए तैयार हैं। उन्होंने कहा कि नई आबकारी नीति से बरसों से जमा सिंडीकेट टूटा और इस कारोबार में 40 प्रतिशत नए लोगों को मौका मिला है। उन्होंने दावा किया कि हरियाणा, बिहार या किसी अन्य सीमावर्ती राज्य से एक बोतल अवैध शराब नहीं आ रही है। नितिन अग्रवाल ने यह जानकारी गुरुवार को पत्रकारों को दी। उन्होंने कहा कि पिछली सरकारों में राजस्व का पैसा माफिया की जेब में जाता था, अब यह पैसा प्रदेश के विकास पर खर्च होता है। उन्होंने कहा कि आबकारी राजस्व में पिछली बार के मुकाबले 14.76 प्रतिशत वृद्धि हुई है और सरकार के खजाने में इस बार 52,297.08 करोड़ रुपये आए हैं। इसमें 40 प्रतिशत योगदान देशी शराब का है। ई-लाटरी की प्रक्रिया में प्रोसेसिंग शुल्क के रूप में विभाग को 2,318.77 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त हुआ है।
आबकारी मंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था एक ट्रिलियन डालर किये जाने की महत्वाकांक्षी योजना में आबकारी विभाग का महत्वपूर्ण योगदान होगा। उन्होंने बताया कि विभिन्न निवेशकों के साथ 137 एम.ओ.यू. हुए हैं। इससे 39,708.21 करोड़ रुपये के निवेश की सम्भावना है। इसके जरिए कुल 72,474 रोजगार का सृजन होगा। उन्होंने बताया कि बिना एमओयू हस्ताक्षरित 2,296 करोड़ के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं। इनमें से 46 प्रोजेक्ट ग्राउण्ड ब्रेकिंग सेरेमनी के लिए तैयार है। इनकी स्थापना से 7,888.73 करोड रुपये का निवेश होगा और 10,957 लोगों को रोजगार के अवसर उपलब्ध होंगे।
आनलाइन निगरानी सिस्टम लागू
आबकारी मंत्री ने कहा कि मदिरा-एल्कोहल उत्पादन एवं आपूर्ति की प्रक्रिया पर नियंत्रण रखे जाने के लिए एक इंट्रीग्रेटेड एक्साइज सप्लाई चेन मैनेजमेंट सिस्टम लागू किया गया है। सप्लाई चेन की समस्त प्रक्रियाओं को ऑनलाइन करते हुए एण्ड-टू-एण्ड टैªकिंग की भी व्यवस्था की गई है। आसवनियों एवं अन्य इकाईयों में सी.सी.टी.वी. कैमरा स्थापित कराया जा रहा तथा उनका इन्टीग्रेटेड कमाण्ड एण्ड कंट्रोल सेन्टर से इन्टीग्रेशन कराया जा रहा है। मदिरा एवं स्प्रिट के टैंकरों में डिजिटल लॉक लगाया जायेगा। जीपीएस युक्त वाहनों से ही मदिरा का परिवहन होगा। आसवनियों में डिजिटल अल्कोहलोमीटर का उपयोग में लाया जायेगा।