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यूपी के स्‍कूलों में 22 लाख छात्रों के ड्रेस-बैग का पैसा रुका, सामने आई ये वजह

करीब 22 लाख छात्रों का सत्यापन न होने के कारण डीबीटी के माध्यम से स्कूली ड्रेस, जूता-मोजा , स्वेटर, बैग और स्टेशनरी की धनराशि भेजने में देर हो रही है। नए शैक्षिक सत्र शुरू हुए एक महीना बीत चुका है। अभी तक 1.09 करोड़ विद्यार्थियों में से सिर्फ 87.73 लाख छात्रों का ही सत्यापन हो सका है।

Ajay Singh प्रमुख संवाददाता, लखनऊSun, 4 May 2025 01:54 PM
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यूपी के स्‍कूलों में 22 लाख छात्रों के ड्रेस-बैग का पैसा रुका, सामने आई ये वजह

यूपी के परिषदीय प्राथमिक और उच्च प्राथमिक स्कूलों में अगली कक्षा में प्रोन्नति पाने वाले करीब 22 लाख छात्रों का सत्यापन न होने के कारण डीबीटी के माध्यम से स्कूली ड्रेस, जूता-मोजा , स्वेटर, बैग और स्टेशनरी की धनराशि भेजने में देरी हो रही है। नए शैक्षिक सत्र शुरू हुए एक महीना बीत चुका है और अभी तक 1.09 करोड़ विद्यार्थियों में से 87.73 लाख छात्रों का ही सत्यापन हो सका है। ऐसे में अभिभावकों के खाते में डीबीटी के माध्यम से 1200 रुपये की धनराशि भेजने का काम फंसा हुआ है।

उप शिक्षा निदेशक (प्राइमरी) संजय कुमार उपाध्याय की ओर से पत्र लिखकर इस लापरवाही पर नाराजगी जताई गई है। सभी परिषदीय प्राथमिक व उच्च प्राथमिक स्कूलों के प्रधानाध्यापकों, खंड शिक्षा अधिकारियों (बीईओ) और जिला बेसिक शिक्षा अधिकारियों (बीएसए) को निर्देश दिए गए हैं कि वह तत्काल प्रोन्नत हुए छात्रों के सत्यापन का कार्य पूर्ण करें। करीब 22 लाख का सत्यापन किया जाना बाकी है। प्रधानाध्यापकों द्वारा जिन छात्रों का सत्यापन किया गया है उसमें से बीईओ के स्तर पर अभी 3.27 लाख और बीएसए के स्तर पर 3.33 लाख विद्यार्थियों का सत्यापन नहीं हुआ है।

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प्रेरणा पोर्टल पर प्रधानाध्यापक को सिर्फ अगली कक्षा में प्रोन्नति पाने वाले कितने छात्रों ने विद्यालय में प्रवेश लिया है और कितने छात्रों ने स्कूल छोड़ दिया है, इसका ऑनलाइन सत्यापन करना है। उनके सत्यापन के बाद बीईओ और बीएसए इन छात्रों का ऑनलाइन वेरिफिकेशन कर डीबीटी के लिए इन्हें पात्र घोषित करेंगे।

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वह यह भी देखेंगे कि पूर्व में आधार से लिंक बैंक खाते की जो जानकारी दी गई है, वह खाता अभी चल रहा है या नहीं। वहीं कक्षा एक सहित विभिन्न कक्षाएं में नव प्रवेशित छात्रों और अभिभावकों का बैंक खाते से लिंक आधार कार्ड के माध्यम से सत्यापन होगा। फिलहाल शासन की नाराजगी के बाद अब कार्य में तेजी लाई जा रही है।