महाकुम्भ 2025: पहले स्नान पर्व के लिए प्रयागराज पहुंचे लाखों श्रद्धालु, 42 मेला स्पेशल ट्रेनें पैक
महाकुम्भ 2025 के पहले स्नान पर्व से पूर्व रविवार को ट्रेनों से लाखों श्रद्धालु पहुंचे। उत्तर मध्य रेलवे, उत्तर रेलवे और पूर्वोत्तर रेलवे की ओर से कुम्भ मेला विशेष 42 ट्रेनों से लाखों श्रद्धालु संगम स्नान के लिए आए। स्पेशल ट्रेनें भी फुल हैं।
महाकुम्भ 2025 के पहले स्नान पर्व से पूर्व रविवार को ट्रेनों से लाखों श्रद्धालु पहुंचे। उत्तर मध्य रेलवे, उत्तर रेलवे और पूर्वोत्तर रेलवे की ओर से कुम्भ मेला विशेष 42 ट्रेनों से लाखों श्रद्धालु संगम स्नान के लिए आए। देर रात तक ट्रेनों से आवागमन जारी रहा। इस दौरान सभी प्रमुख आठ रेलवे स्टेशनों पर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। सीसीटीवी से भीड़ की निगरानी की जा रही है।
एनसीआर के सीपीआरओ शशिकांत त्रिपाठी ने बताया कि 12 जनवरी को कुम्भ विशेष 11 ट्रेनों का संचालन किया गया जो पंडित दीनदयाल उपाध्याय जंक्शन, सतना, कानपुर आदि रूटों से श्रद्धालुओं को लेकर प्रयागराज जंक्शन, नैनी, छिवकी और सूबेदारगंज रेलवे स्टेशन पर पहुंची। इनमें रिंग रेल सेवा भी शामिल है। वहीं, उत्तर रेलवे ने रविवार को लखनऊ और अयोध्या समेत विभिन्न रूटों पर 17 ट्रेनों का संचालन किया। इनमें 11 मेला स्पेशल, चार रिंग रेल और छह पासिंग ट्रेन शामिल हैं। प्रयाग और फाफामऊ रेलवे स्टेशन पर यात्री उतरे। वहीं, पूर्वोत्तर रेलवे ने पूर्वांचल और बिहार के श्रद्धालुओं के लिए 14 ट्रेनें चलाई। गोरखुपर, छपरा, मऊ, देवरिया, आजमगढ़ और वाराणसी से श्रद्धालुओं को लेकर ट्रेन झूंसी और रामबाग आई। सीपीआरओ ने बताया कि 13 जनवरी को ट्रेनों की संख्या बढ़ा दी जाएगी। भीड़ ज्यादा होने पर तत्काल स्पेशल ट्रेनों का संचालन किया जाएगा।
रास्ता बंद होने से हलकान हुए यात्री
महाकुम्भ मेले के पहले स्नान पर्व पौष पूर्णिमा को लेकर प्रयागराज जंक्शन और शहर के अन्य रेलवे स्टेशनों पर की गई बैरिकेटिंग ने यात्रियों के लिए मुश्किलें बढ़ा दीं। खासकर प्रयागराज जंक्शन पर सिविल लाइंस साइड से प्रवेश न मिलने के कारण यात्रियों को लंबा रास्ता तय करना पड़ा। रेलवे ने सभी स्टेशनों पर वनवे प्रणाली लागू की है। लेकिन बाहर से आने वाले यात्रियों को इसकी जानकारी न होने पर वे सिविल लाइंस साइड पहुंचे बुजुर्ग और महिला यात्रियों को भारी परेशानी झेलनी पड़ी। दिनभर सुरक्षाकर्मियों और यात्रियों के बीच बहस होती रही।