कुंभ और महाकुंभ पर बहस के बीच सीएम योगी ने समझाया मानव, दानव और महामानव का अंतर
महाकुंभ की व्यवस्थाओं को लेकर लगातार बयानबाजी कर रहे समाजवादी पार्टी को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को विधानसभा में जवाब दिया। कुंभ और महाकुंभ पर बहस के बीच मानव, दानव और महामानव का अंतर भी सीएम योगी ने समझाया।
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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने महाकुंभ को लेकर समाजवादी पार्टी और खासकर सपा प्रमुख अखिलेश यादव के बयानों का जवाब सोमवार को विधानसभा में दिया। अखिलेश यादव ने कहा था कि 144 साल और कुंभ को महाकुंभ कहकर गुमराह किया गया। सीएम योगी ने इसी को लेकर समाजवादी पार्टी की जमकर खिंचाई की। मुख्यमंत्री ने राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन के बयान का हवाला देते हुए मानव, दानव और महामानव के अंतर को समझाया। बताया, डॉ. राधाकृष्णन ने कहा था कि मानव का मानव होना उपलब्धि है, मानव का दानव होना पराजय और मानव का महामानव होना उसकी विजय है।
सीएम योगी ने कहा कि मानव, दानव व महामानव यानी देव तीनों श्रेणियां हमेशा से रही हैं। महर्षि कश्यप की दो रानियां थीं। एक से देव व दूसरे से दानव हुए। यानी दोनों की उत्पत्ति मानव से ही हुई है। कर्म, आचरण, व्यवहार ने किसी को मानव और किसी को दानव बनाया है। जो दिनचर्या में व्यस्त है वह मानव है। जो व्यवस्था में विश्वास नहीं करता, नकारात्मकता पैदा करता है, वह दानव है। और जो स्वार्थ भावना से ऊपर उठकर परमार्थ के प्रति काम करता है वह महामानव होता है। सीएम योगी ने कहा कि यह तीन श्रेणियां हमें बहुत कुछ प्रेरणा देती हैं।
संविधान की प्रति लेकर घूमते हैं लेकिन...
मुख्यमंत्री ने समाजवादी पार्टी के सदस्यों को इशारा करते हुए कहा कि आप संविधान की प्रति लेकर घूमते हैं, लेकिन संवैधानिक पदों पर बैठे लोगों के प्रति आप लोगों का दृष्टिकोण क्या है, राज्यपाल के अभिभाषण के दौरान सदन के दृश्य देखकर इसका सहज अनुमान लगाया जा सकता है। जो शोरशराबा, टिप्पणियां और राज्यपाल के प्रति व्यवहार किया जा रहा था, क्या वह संवैधानिक था। यदि ऐसा व्यवहार संवैधानिक है तो फिर असंवैधानिक क्या है। आप लोग भाषण बहुत देते हैं, लेकिन वास्तविक आचरण देखना हो तो सपा सोशल मीडिया सेल का हैंडल देखिए। यह उनकी विचारधारा, आंतरिक शिष्टाचार, लोकतंत्र के प्रति उनके विचारों की अभिव्यक्ति का ऐसा माध्यम है, जिससे कोई भी सभ्य समाज लज्जा महसूस करता है। फिर भी आप दूसरों को उपदेश देते हैं।
समाजवादी को अंतिम पायदान पर खड़ा होने पर याद आता है धर्म
सीएम योगी ने सपा और नेता प्रतिपक्ष पर तंज कसते हुए कहा कि अच्छा लगा कि आपने महाकुम्भ, सनातन परंपरा व अयोध्या धाम को स्वीकार किया। समाजवादी जब अंतिम पायदान पर खड़ा होता है तो उसे धर्म की याद आती है। उन्होंने कहा कि नेता प्रतिपक्ष को इस बारे में आपत्ति थी कि भारतीय जनता पार्टी ने अपने लोक कल्याण संकल्प पत्र में राज्यपाल के अभिभाषण में महाकुम्भ को वैश्विक स्तर का आयोजन बनाने का उल्लेख क्यों किया और उस प्रकार की व्यवस्था क्यों नहीं की।
तो अब तक 63 करोड़ श्रद्धालु महाकुम्भ का हिस्सा नहीं बनते
मुख्यमंत्री ने नेता प्रतिपक्ष से कहा कि 2013 में आपको जाने नहीं दिया गया था। इस बार आप गए थे। आपने स्नान किया, सुविधाओं की मुक्तकंठ से प्रशंसा की। व्यवस्था सरकार की थी, माध्यम अध्यक्ष जी थे। महाकुम्भ में यदि विश्वस्तरीय सुविधा नहीं होती तो अब तक 63 करोड़ श्रद्धालु उसका हिस्सा नहीं बनते। अनुमान है कि 26 फरवरी तक यह संख्या 65 करोड़ पार करेगी।
भारत में जन्म लेने वाले सभी महापुरुषों का सम्मान
सीएम योगी ने कहा कि जिन महापुरुषों ने भी भारत में जन्म लिया, मैं उन सभी को मानता हूं। मैं बुद्ध, जैन परंपरा (सभी तीर्थंकरों) को मानता हूं। हम लोग सनातन धर्म के साथ-साथ बौद्ध तीर्थस्थलों के पुनरोद्धार व सुंदरीकरण का कार्य कर रहे हैं। भारत के प्रति सम्मान का भाव रखने वाले और सनातन परंपरा में प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष भूमिका रखने वाले सभी पंथ-संप्रदाय (बौद्ध, जैन, सिख) का हम सम्मान करते हैं।
गुरु गोविंद सिंह के चार-चार पुत्रों की शहादत के प्रति सम्मान का भाव ही है कि पीएम मोदी ने 26 दिसंबर की तिथि को वीर बाल दिवस के रूप में घोषित किया है। पहली बार गुरुवाणी का पाठ निरंतर मुख्यमंत्री आवास पर हो रहा है। भगवान बुद्ध, जैन तीर्थंकरों, सिख परंपरा, कबीरपंथी, रविदासी, महर्षि वाल्मीकि की परंपरा या भारत के अंदर जन्मी हर उस उपासना विधि का, जिससे सनातन धर्म को मजबूती प्रदान होती हो और देश एक भारत, श्रेष्ठ भारत के रूप में आगे बढ़ता है, उन सबके प्रति हमारे मन में श्रद्धा व सम्मान का भाव है।