महाकुंभ में पहले से आग से निबटने की तैयारी की गई थी। यही कारण था कि इतनी भीषण आग लगने के बाद भी बिना जनहानि के काबू कर लिया गया।
गीता प्रेस के शिविर से भड़की आग देखते ही देखते विकराल हो गई। पहले आसपास मौजूद लोगों ने आग बुझाने की कोशिश की लेकिन तपिश काफी दूर तक महसूस होने से हिम्मत नहीं हो सकी। दमकल की गाड़ियों ने पहुंचकर आग पर काबू पाने की कोशिश शुरू की।
गीता प्रेस का शिविर पुल के नीचे ही बना था। आग लगने के बाद लपटें पुल तक उठ रही थीं। इस दौरान एक ट्रेन भी गुजरी थी। हालांकि ट्रेन तक आग नहीं पहुंचने से बड़ा हादसा टल गया है।
आग लगने के बाद एक तरफ उसे बुझाने की कोशिश शुरू हुई तो दूसरी तरफ उसे बढ़ने से रोकने की कोशिश हुई। आग जिस दिशा में बढ़ रही थी उधर मौजूद टेंट, तिरपाल, सरपट आदि चीजों को पहले हटाया गया।
आग लगते ही वहां से काफी दूर तक के दुकानदार अपनी दुकानें बंदकर सामान छोड़कर भाग खड़े हुए। हालांकि आग को इन दुकानों तक आने से पहले ही रोक दिया गया।
करीब एक घंटे बाद आग पर काबू पा लिया गया। इस दौरान खुद डीआईजी वैभव कृष्ण समेत आला अधिकारी मौजूद थे। इस दौरान वैभव कृष्ण अधिकारियों को हालात का जायजा भी फोन पर देते दिखाई दिए।
आग बुझने के बाद अपने बचे हुए सामानों को देखने के लिए भी लोग पहुंचे। हालांकि कुछ बचा नहीं था।
आग के बाद मची भगदड़ में एक व्यक्ति घायल हो गया है। सदियापुर के रहने वाले 40 वर्षीय जसप्रीत सिंह भगदड़ में गिर गए। इससे उनकी जांघ टूट गई है। उन्हें केंद्रीय अस्पताल में भर्ती किया गया है।