Hindi Newsउत्तर प्रदेश न्यूज़CM Yogi became emotional while giving information about Mahakumbh stampede his throat filled with tears

महाकुंभ भगदड़ की जानकारी देते-देते भावुक हुए सीएम योगी, भर आया गला, आंखों से छलके आंसू

महाकुंभ भगदड़ में मारे गए लोगों की जानकारी खुद साझा करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मंगलवार की शाम भावुक हो गए। बोलते-बोलते उनका गला भर आया और आंखों से आंसू भी छलक पड़े। सीएम योगी ने कहा कि घटना दुखद है और मर्माहत करने वाली है।

Yogesh Yadav लाइव हिन्दुस्तानWed, 29 Jan 2025 11:07 PM
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महाकुंभ भगदड़ की जानकारी देते-देते भावुक हुए सीएम योगी, भर आया गला, आंखों से छलके आंसू

महाकुंभ भगदड़ में मारे गए लोगों की जानकारी खुद साझा करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मंगलवार की शाम भावुक हो गए। बोलते-बोलते उनका गला भर आया और आंखों से आंसू भी छलक पड़े। सीएम योगी ने कहा कि घटना दुखद है और मर्माहत करने वाली है। उन सभी परिजनों के प्रति हमारी पूरी संवेदना है। हम लोग रात से पुलिस-प्रशासन, एसडीआरएफ, एनडीआरएफ के साथ संपर्क में रहे। जो भी बेहतर हो सकता था, उसे करने का प्रयास किया गया।

सीएम योगी ने कहा कि प्रशासन ने ग्रीन कॉरिडोर बनाकर घायलों को अस्पतालों तक पहुंचाया। इस दौरान 30 लोगों को नहीं बचाया जा सका। उन्होंने घटना का पूरा ब्योरा देते हुए मारे गए लोगों के परिजनों के लिए 25-25 लाख रुपए के मुआवजे का ऐलान किया और बताया कि घटना की जांच के लिए न्यायिक आयोग का गठन कर दिया गया है।

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सीएम योगी ने कहा कि महाकुंभ के मुख्य स्नान मौनी अमावस्या के कारण बड़ी संख्या में श्रद्धालु स्नान भी कर रहे थे और ब्रह्म मुहूर्त का इंतजार भी कर रहे थे। यह दुर्भाग्यपूर्ण हादसा इसी दौरान अखाड़ा मार्ग पर संगम के तट पर हुआ। इसमें 90 से ज्यादा लोग गंभीर रूप से और सामान्य रूप से घायल हुए। यह हादसा अखाड़ा मार्ग पर बैरिकेडिंग को तोड़ने और उससे कूदकर जाने के कारण हुआ है। इससे 30 लोगों की दुखद मृत्यु हुई है। 36 लोगों का इलाज चल रहा है। अन्य लोगों को लेकर परिजन चले गए हैं।

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सीएम योगी ने आगे कहा कि घटना दुखद है। मर्माहत करने वाला है। यही कहते कहते सीएम योगी का गला भर आया। वह आंखों से छलके आंसू को छिपाने का प्रयास भी करते दिखे। आगे कहा कि उन सभी परिजनों के प्रति हमारी पूरी संवेदना है।

सीएम योगी ने अलग अलग जिलों में प्रयागराज जाने वालों को रोकने का कारण भी बताया। सीएम योगी ने कहा कि घटना के तत्काल बाद प्रयागराज आ रहे लोगों को आसपास के जिलों में होल्डिंग एरिया बनाकर रोका गया। जब शाही स्नान और वहां जुटे श्रद्धालुओं का स्नान पूरा हो गया तो उन्हें प्रयागराज जाने दिया गया।

अखाड़ों ने दिखाया संयम, श्रद्धालुओं के लिए छोड़ा संगम

मौनी अमावस्या की रात संगम नोज पर हुई भगदड़ के बाद अखाड़ों ने आम श्रद्धालुओं के लिए सुबह पांच बजे से तीन बजे तक संगम खाली छोड़ दिया। मंगलवार आधी रात लगभग डेढ़ बजे हादसा हुआ। हादसे और संगम नोज पर श्रद्धालुओं की अत्यधिक भीड़ की सूचना की खबर जब तक अखाड़ों को मिलती उससे पहले ही पहला जत्था अमृत (पूर्व में शाही) स्नान के लिए छावनी से निकल चुका था।

अखाड़ों के स्नान क्रम में सबसे पहले महानिर्वाणी और अटल अखाड़े का नंबर था लिहाजा इन दोनों अखाड़ों के संत-महंत पूरे गाजे-बाजे के साथ सेक्टर 20 स्थित छावनी से निकलकर पीपा पुल पार करते हुए रामघाट तक पहुंच चुके थे। नागा संन्यासियों के हुजूम के साथ संगम की ओर बढ़ रहे दोनों अखाड़ों के संतों-महंतों को जैसे ही सूचना मिली उन्होंने तत्काल जुलूस को वापस छावनी की ओर मोड़ दिया ताकि आम श्रद्धालु संगम पर स्नान कर सकें।

देखते ही देखते पूरा काफिला स्नान किए बगैर वापसी मार्ग से छावनी में प्रवेश कर गया। उसके बाद अखाड़ा परिषद के महामंत्री हरि गिरि छावनी में घूम-घूम कर हैंडहेल्ड लाउडस्पीकर से अपील करने लगे-‘रथों पर जो भी गुरुमूर्ति हैं उनको विशेष रूप से सूचना दी जाती है कि वे तत्काल अपने-अपने अखाड़े, शिविर, यज्ञशाला में जाने का प्रयास करें।’ अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष रवीन्द्र पुरी ने जनहित को देखते हुए अमृत स्नान रद्द करने की घोषणा कर दी। हालांकि बाद में स्वयं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अखाड़ों के संतों से वार्ता की जिस पर संतों ने बड़ी विनम्रता से कहा कि पहले श्रद्धालु स्नान करके निकल जाएंगे उसके बाद ही हम स्नान के लिए संगम की तरफ जाएंगे।

सभी अखाड़े इसके लिए सहमत हुए। इस सबके बीच दोपहर दो बजे के बाद अखाड़ों ने एक बार फिर छावनी से संगम की ओर रुख किया लेकिन नागा संन्यासियों का उत्साह पहले की तरह नहीं दिखा। कुछ प्रमुख संतों के एक-दो रथ को छोड़कर शेष सभी महामंडलेश्वर, श्रीमहंत, महंत, संन्यासी, ब्रह्मचारी, बैरागी संत शानो-शौकत, रथ, बग्घी, ट्रैक्टर, सिंहासन छोड़कर अपने अनुयायियों के साथ पैदल ही संगम स्नान को पहुंचे। आगे-आगे धर्मध्वजा, इष्ट देवता, देवता के प्रतीक फूलों से लगे भाले लिए जुलूस बढ़ता हुआ दिखाई दिया। कुछ साधु परंपरागत रूप से युद्धकला और अस्त्र-शस्त्र का प्रदर्शन करते हुए चल रहे थे।

अवधेशानंद, रामभद्राचार्य ने अलग किया स्नान

संगम नोज पर मंगलवार आधी रात हादसा होने के बाद बुधवार भोर में अखाड़ों ने पहले अमृत स्नान रद्द कर दिया था। इसके बाद जूना अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरि ने पीपा पुल संख्या छह के पास आचार्य गद्दी के समीप ही गंगा में स्नान किया। उनके साथ योगगुरु बाबा रामदेव और भाजपा सांसद हेमा मालिनी ने भी सादगीपूर्ण तरीके से स्नान किया। पूजापाठ के बाद स्वामी अवधेशानंद गिरि ने मां गंगा को दो साड़ियां अर्पित कीं। उधर, तुलसीपीठाधीवर जगद्गुरु स्वामी रामभद्राचार्य ने भी संगम में शाही स्नान की बजाय सामान्य तरीके से स्नान किया। उन्होंने सोशल मीडिया के माध्यम से महाकुम्भ में आने वाले सभी श्रद्धालुओं से अनुरोध किया कि आज प्रयागराज में क्षमता से अधिक भीड़ आ गई है इसलिए संगम का आग्रह छोड़ दें और अपने-अपने निकट वाले घाट पर स्नान करें।

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