महाकुंभ के डीएम विजय किरन आनंद का पीछा कर रहा यह कैसा दुर्योग, काशी में भगदड़ के बाद गई थी कुर्सी
महाकुंभ में हुए हादसे के बीच वाराणसी में नौ साल पहले मची भगदड़ की यादें ताजा हो गई हैं। वाराणसी में मची भगदड़ के दौरान 25 लोगों की मौत हुई थी। यह अजब दुर्योग है कि जब वाराणसी में भगदड़ मची थी वहां के डीएम विजय किरन आनंद थे। आज जब प्रयागराज के महाकुंभ नगर में भगदड़ मची तो विजय किरन आनंद ही डीएम हैं।
महाकुंभ में हुए हादसे के बीच वाराणसी में नौ साल पहले मची भगदड़ की यादें ताजा हो गई हैं। वाराणसी में मची भगदड़ के दौरान 25 लोगों की मौत हुई थी। यह अजब दुर्योग है कि जब वाराणसी में भगदड़ मची थी वहां के डीएम विजय किरन आनंद थे। आज जब प्रयागराज के महाकुंभ नगर में भगदड़ मची तो विजय किरन आनंद ही डीएम हैं। वाराणसी में भगदड़ के बाद ही विजय किरन आनंद को वाराणसी डीएम के पद से हटा दिया गया था।
2009 बैच के यूपी कैडर के आईएएस अधिकारी विजय किरण आनंद की गिनती बेहद अनुशासित और जनता के लिए काम करने वाले अधिकारी के रूप में होती है। बागपत में एसडीएम के रूप में पहली तैनाती के बाद कई अन्य जिम्मेदारियां संभाली। 2016 में विजय किरन आनंद को वाराणसी का डीएम डीएम बनाया गया।
इसी दौरान 16 अक्टूबर को वाराणसी में जय गुरुदेव के नाम से मशहूर पंकज महाराज की सत्संग से पहले निकाली गई यात्रा में भगदड़ मच गई। इस भगदड़ में देखते ही देखते 25 लोगों की जान चली गई और 20 से ज्यादा लोग घायल हो गए थे। भगदड़ के बाद कई अफसरों को दोषी मानते हुए निलंबित कर दिया गया।
विजय किरन आनंद पर भी भगदड़ की गाज गिरी थी। उन्हें जिलाधिकारी पद से हटा दिया गया था। उस समय भी भगदड़ के लिए अनुमान से ज्यादा भीड़ जुटने को कारण माना गया था। भगदड़ ठीक गंगा पर बने पुल पर मची थी। किसी ने पुल टूटने की अफवाह फैलाई और लोग एक दूसरे को कुचलते हुए भागने लगे थे। इसी में 25 की जान चली गई थी।
अब प्रयागराज में महाकुंभ को देखते हुए महाकुंभ नगर बसाया गया तो उसकी पूरी जिम्मेदारी विजय किरन आनंद को देते हुए यहां का डीएम बना दिया गया। डीएम होने के नाते मेले के सबसे बड़े अधिकारी यानी मेलाधिकारी भी विजय किरन आनंद ही हैं। महाकुंभ में मौनी अमावस्या पर मची भगदड़ ने एक तरफ वाराणसी की घटना की यादें ताजा कर दी हैं तो दूसरी तरफ दोनों स्थानों पर विजय किरन आनंद का डीएम के पद पर रहना चर्चा का विषय बना हुआ है।