महाकुंभ में भगदड़ विपक्ष की साजिश तो नहीं? अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष रविंद्र पुरी ने उठाया सवाल, किस पर निशाना?
महाकुंभ में मची भगदड़ को लेकर अब आरोप प्रत्यारोप का दौर भी शुरू हो गया है। अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष रविंद्र पुरी ने भगदड़ के लिए विपक्षी दलों पर साजिश रचने की आशंका जैसा गंभीर आरोप लगा दिया है। उन्होंने सरकार से इस साजिश की जांच तक की मांग कर दी है।
महाकुंभ में मची भगदड़ को लेकर अब आरोप प्रत्यारोप का दौर भी शुरू हो गया है। अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष रविंद्र पुरी ने भगदड़ के लिए विपक्षी दलों पर साजिश रचने की आशंका जैसा गंभीर आरोप लगा दिया है। उन्होंने सरकार से इस साजिश की जांच तक की मांग कर दी है। रविंद्र पुरी शाही स्नान के बाद शिविर में लौटते समय मीडिया से बात कर रहे थे। रविंद्र गिरि के आरोपों से ठीक पहले समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने महाकुंभ को सेना के हवाले करने की मांग करते हुए सीएम योगी से इस्तीफा तक मांग लिया था। माना जा रहा है कि रविंद्र गिरि का इशारा अखिलेश यादव की ही तरफ था। उन्होंने महाकुंभ के लिए एक बार फिर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की जमकर तारीफ भी की।
रविंद्र पुरी ने कहा कि आज महात्मा, नागा, संन्यासी सभी ने स्नान कर लिया है। आज का स्नान करना बहुत मुश्किल हो गया था। मुख्यमंत्री जी ने अपने हाथों में पूरी कमान ली। इसके बाद यहां पर व्यवस्था इतनी तेजी से दुरुस्त हो गईं। सुबह की बजाए शाम में स्नान के सवाल पर कहा कि कोई बात नहीं है। सुबह हो या शाम हो, आज अमावस्या का स्नान है। आज रात का स्नान बहुत अच्छा स्नान है।
हमारे मुख्यमंत्री और मेला प्रशासन के सहयोग से आज का स्नान बहुत बढ़िया हुआ है। अखिलेश यादव के महाकुंभ का प्रबंधन सेना को सौंपने की मांग पर रविंद्र पुरी ने कहा कि मैं समझता हूं कि यह विपक्ष की ही कोई साजिश होगी। यह जांच का विषय है कि कहीं विपक्ष ने ही कुछ ऐसा तो नहीं किया।
रविंद्र पुरी ने कहा कि जब से मेला शुरू हुआ विपक्ष लगातार हमारे पीछे लगा हुआ था। उनका कहना था कि यह भूमि उनकी है। उनका कहना था कि गंगा में स्नान करना पाप होता है। गंगा में स्नान करना बीमारियों का काम है। ऐसे में मुझे शंका होती है कि कहीं विपक्ष वाले ही तो इस पूरी घटना के पीछे नहीं हैं।
इससे पहले रविंद्र पुरी समेत सभी 13 अखाड़ों के नागा साधु और संन्यासियों ने दोपहर बाद शाही स्नान शुरू किया। भगदड़ और श्रद्धालुओं की भारी भीड़ के कारण प्रशासन की अपील और सीएम योगी से बातचीत के बाद अखाड़ों ने शाही स्नान सुबह की बजाए शाम में करने पर फैसला लिया।